रांची: झारखंड को पहली बार राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिता की मेजबानी का मौका मिलने जा रहा है. 67वीं राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिता के तहत छह अलग-अलग प्रतिस्पर्धाओं की मेजबानी का मौका राज्य को मिलेगा. इन खेल प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय स्तर पर 5,600 से ज्यादा स्कूली खिलाड़ियों के भाग लेने का अनुमान है.
झारखंड को जिन छह प्रतिस्पर्धाओं की मेजबानी मिलने की बात है, उनमें फुटबॉल अंडर 14 बालक-बालिका, कबड्डी अंडर 14 बालक, विशु अंडर 17 और 19 बालक-बालिका, खो-खो अंडर 14 बालक-बालिका, साइक्लिंग अंडर 17,17 और 19 बालक-बालिका, स्केटिंग अंडर 11, 14, और 19 बालक-बालिका प्रतियोगिता शामिल है.
कब-कब होगा प्रतिस्पर्धा का आयोजन: फुटबॉल खेल का आयोजन 17 जनवरी से 21 जनवरी तक चलेगा. कबड्डा और वुशु की प्रतियोगिता 24 जनवरी से 28 जनवरी तक होगी. खो-खो का आयोजन 31 जनवरी से 4 फरवरी तक होगा. साइक्लिंग का आयोजन 8 फरवरी से 12 फरवरी तक चलेगा. अंत में स्केटिंग प्रतियोगिता 15 फरवरी से 19 फरवरी तक होगी. खास बात है कि सभी प्रतियोगिताएं रांची में आयोजित होंगी.
झारखंड शिक्षा परियोजना के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी धीरसेन सोरेंग ने बताया कि यह राज्य के लिए गौरव की बात है. शिक्षा के साथ खेल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा सचिव के रवि और राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक किरण पासी के स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उनके मार्गदर्शन की बदौलत ही राज्य को इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है.
उन्होंने बताया कि खेल की दुनिया में झारखंड के खिलाड़ी तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं. बच्चों को स्कूली स्तर से ही खेल प्रतिभा को निखारने के लिए झारखंड में प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है. राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का आयोजन होने से झारखंड के स्कूली खिलाड़ियों को अपनी क्षमता को आंकने का बेहतर मौका मिलेगा. वह गलतियों से सीखेंगे और आगे चलकर राज्य और देश का नाम रौशन करेंगे. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि सभी छह प्रतिस्पर्धाओं में झारखंड के बच्चे बेहतर रिजल्ट देंगे.
आपको बता दें कि झारखंड की पहचान हॉकी खिलाड़ियों की वजह से होती थी. लेकिन हाल के वर्षों में कई प्रतिस्पार्धाओं मसलन तीरंदाजी, बॉक्सिंग, फुटबॉल और क्रिकेट में यहां के खिलाड़ियों ने अपना लोहा मनवाया है. हाल ही में आईपीएल के ऑक्शन में राज्य के तीन खिलाड़ियों रॉबिन मिंज, कुमार कुशाग्र और सुशांत मिश्रा की करोड़ों में बोली लगी है. वैसे महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट की बदौलत झारखंड को अलग पहचान दिलायी है.
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