रांची: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश के अलग-अलग क्षेत्रों से ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग जोर पकड़ने लगी है. इसी क्रम में बुधवार को झारखंड की राजधानी रांची के राजभवन के समक्ष भारत मुक्ति मोर्चा के बैनर तले धरना-प्रदर्शन किया गया. वामन मेश्राम के आह्वान पर ईवीएम हटाओ आंदोलन के दूसरे चरण में बुधवार को देश के 567 जिलों में धरना-प्रदर्शन किया गया.
राजभवन के समक्ष भारत मुक्ति मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शनः रांची जिले में यह कार्यक्रम राजभवन के समक्ष हुआ. धरना दे रहे मुरलीधर राम ने कहा कि हमारी तरह देश के लाखों लोगों का विश्वास ईवीएम पर नहीं है. ऐसे में भारत मुक्ति मोर्चा के बैनर तले चुनाव प्रक्रिया से ईवीएम को हटाने के लिए देशभर में चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. पहले चरण में पांच जनवरी को देश के सभी 567 जिलों में डीसी को ज्ञापन देकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की गई थी. आंदोलन के दूसरे चरण में बुधवार को यानी 10 जनवरी को 567 जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया गया.
16 और 31 जनवरी को भी होगा देशभर में प्रदर्शनः आगे 16 जनवरी 2024 को देशभर के सभी 567 जिलों के डीसी या डीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा. इस आंदोलन के चौथे चरण में 31 जनवरी को भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष महामोर्चा बनाकर प्रदर्शन किया जाएगा. जिसमें देशभर से कम से कम एक लाख लोगों का जुटान होगा.
विकसित देशों में बैलेट पेपर से चुनाव तो भारत में ईवीएम से चुनाव कराने की जिद क्यों- मुरलीधरः मुरलीधर राम ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से भारत मुक्ति मोर्चा और कई संगठनों एक स्वर से यह मांग करते रहे हैं कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से फ्री एंड फेयर चुनाव संभव नहीं है. अगर ऐसा होता तो दुनिया के कई विकसित देश जो ना सिर्फ टेक्नोलॉजी में हमसे आगे हैं, बल्कि पर्यावरण को लेकर भी हमसे ज्यादा संवेदनशील हैं उन देशों में में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराया जाता है, लेकिन भारत में ईवीएम से चुनाव कराया जाता है, जबकि इसकी निष्पक्षता सवालों के घेरे में है. ऐसे में अब ईवीएम को हटाने की लड़ाई तेज की जाएगी.
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