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घूस लेने के आरोपी बीडीओ को झारखंड हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, अदालत ने याचिका की खारिज - Jharkhand High Court dismisses BDO petition

बोकारो के नावाडीह ब्लॉक के पूर्व बीडीओ अरुण उरांव को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. उन पर अपने ही कर्मचारी के वेतन निकासी के लिए घूस मांगने का आरोप है. अदालत ने उनकी सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : May 28, 2020, 7:59 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में अरुण उरांव ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की थी. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उस याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के उपरांत अरुण उरांव की याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान निगरानी की ओर से बताया गया कि उन्हें रंगेहाथ 25 हजार रुपए घूस लेते हुए पकड़ा गया था.

उसकी राशि उसके कहने पर उसके ड्राइवर ने निकाल ली थी. उन्होंने अपने ही कर्मचारी से वेतन निकासी के नाम पर 40 हजार रुपए की घूस मांगी थी. इसके बाद कर्मचारी सुधीर कुमार ने एसीबी को सूचना दी थी. एसीबी ने जब जांच की तो जांच में घूस मांगने की बात को सही पाया गया और उसके बाद उसे ट्रैक कर रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद धनबाद एसीबी के विशेष न्यायालय में याचिका चल रही है.

ये भी पढ़ें: सुरक्षाबलों ने पुलवामा जैसी साजिश को किया नाकाम, 40 किलो विस्फोटक लेकर चले थे आतंकी


नावाडीह के तत्कालीन बीडीओ अरुण कुमार ने धनबाद के एसीबी के विशेष न्यायालय में डिस्चार्ज पिटीशन दायर की थी. विशेष अदालत ने उसके डिसचार्ज पिटीशन को खारिज कर दिया था. धनबाद विशेष न्यायालय के फैसले के विरोध में हाई कोर्ट में क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिका खारिज कर दी है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में अरुण उरांव ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की थी. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उस याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के उपरांत अरुण उरांव की याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान निगरानी की ओर से बताया गया कि उन्हें रंगेहाथ 25 हजार रुपए घूस लेते हुए पकड़ा गया था.

उसकी राशि उसके कहने पर उसके ड्राइवर ने निकाल ली थी. उन्होंने अपने ही कर्मचारी से वेतन निकासी के नाम पर 40 हजार रुपए की घूस मांगी थी. इसके बाद कर्मचारी सुधीर कुमार ने एसीबी को सूचना दी थी. एसीबी ने जब जांच की तो जांच में घूस मांगने की बात को सही पाया गया और उसके बाद उसे ट्रैक कर रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद धनबाद एसीबी के विशेष न्यायालय में याचिका चल रही है.

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नावाडीह के तत्कालीन बीडीओ अरुण कुमार ने धनबाद के एसीबी के विशेष न्यायालय में डिस्चार्ज पिटीशन दायर की थी. विशेष अदालत ने उसके डिसचार्ज पिटीशन को खारिज कर दिया था. धनबाद विशेष न्यायालय के फैसले के विरोध में हाई कोर्ट में क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिका खारिज कर दी है.

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