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खरीदे गए धान की बकाया राशि का जल्द हो भुगतान, खाद और बीज पर सब्सिडी दे सरकार: बंधु तिर्की

मांडर विधायक बंधु तिर्की ने गुरुवार को किसानों को हो रही समस्या को सरकार के समक्ष रखा है. उन्होंने कहा है कि वैश्विक महामारी में सबसे अधिक चौतरफा नुकसान लाखों किसानों को हो रहा है.

Bandhu Tirkey said provide Compost and seeds on subsidy
बंधु तिर्की ने कहा खरीदे गये धान की शीध्र हो बकाये की भुगतान
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Published : May 20, 2021, 10:47 PM IST

रांचीः मांडर विधायक बंधु तिर्की ने गुरुवार को किसानों को हो रही समस्या को सरकार के समक्ष रखा है. उन्होंने कहा है कि वैश्विक महामारी में सबसे अधिक चौतरफा नुकसान लाखों किसानों को हो रहा है. किसानों को धान बेचने के बाद राशि की भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि खरीदे गए धान की बकाये राशि की शीघ्र भुगतान की जाए.

यह भी पढ़ेंःजैक मैट्रिक की परीक्षा हो सकती है रद्द, ICSE और CBSE की तर्ज पर शिक्षा विभाग ले सकता है निर्णय

उन्होंने कहा कि किसानों को खाद और बीज सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही सरकार की ओर से किसानों को राहत पैकेज देकर उनके जख्मों को भरने का प्रयास करें.

नहीं मिल रहे सब्जियों के लागत मूल्य

बंधु तिर्की ने कहा कि धान खरीद केंद्रों के संचालकों के गड़बड़झाला और अनियमितता के कारण किसान अपना पूरा धान सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच नहीं पाये हैं. इससे प्रदेश के लाखों किसान लॉकडाउन के दौरान परेशान हैं. वहीं, किसानों के खेतों में लगे सब्जी के फसल बर्बाद हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुबह सब्जी तोड़ने से लेकर दिन के 2 बजे तक ही सब्जी बाजार में बेचने की समय सीमा है, जिससे किसान औने-पौने दाम से बेचने को मजबूर हैं. इससे लागत भी नहीं मिल रहा है. किसान थोक मंडी में कद्दू, बैगन, मूली, टमाटर, खीरा, हरी मिर्च आदी की कीमत औसतन 2-3 रुपये प्रति किलो बेच रहा है.

रांचीः मांडर विधायक बंधु तिर्की ने गुरुवार को किसानों को हो रही समस्या को सरकार के समक्ष रखा है. उन्होंने कहा है कि वैश्विक महामारी में सबसे अधिक चौतरफा नुकसान लाखों किसानों को हो रहा है. किसानों को धान बेचने के बाद राशि की भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि खरीदे गए धान की बकाये राशि की शीघ्र भुगतान की जाए.

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उन्होंने कहा कि किसानों को खाद और बीज सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही सरकार की ओर से किसानों को राहत पैकेज देकर उनके जख्मों को भरने का प्रयास करें.

नहीं मिल रहे सब्जियों के लागत मूल्य

बंधु तिर्की ने कहा कि धान खरीद केंद्रों के संचालकों के गड़बड़झाला और अनियमितता के कारण किसान अपना पूरा धान सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच नहीं पाये हैं. इससे प्रदेश के लाखों किसान लॉकडाउन के दौरान परेशान हैं. वहीं, किसानों के खेतों में लगे सब्जी के फसल बर्बाद हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुबह सब्जी तोड़ने से लेकर दिन के 2 बजे तक ही सब्जी बाजार में बेचने की समय सीमा है, जिससे किसान औने-पौने दाम से बेचने को मजबूर हैं. इससे लागत भी नहीं मिल रहा है. किसान थोक मंडी में कद्दू, बैगन, मूली, टमाटर, खीरा, हरी मिर्च आदी की कीमत औसतन 2-3 रुपये प्रति किलो बेच रहा है.

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