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अपने राजनीतिक सलाहकार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप पर बाबूलाल ने उठाए सवाल, झामुमो ने किया पलटवार

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने अपने राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है. साथ ही सीबीआई या सीटिंग जज से मामले की जांच कराने की मांग की है. बाबूलाल की सफाई पर झामुमो ने पलटवार किया है.

babulal marandi on his political advisor sunil tiwari
बाबूलाल के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी
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Published : Aug 18, 2021, 10:21 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 6:58 AM IST

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि एक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई या सीटिंग जज से कराने की मांग करते हुए कहा कि वे इस संबंध में राज्यपाल से मिलकर पूरी घटना की जानकारी देंगे. बाबूलाल ने पार्टी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस मामले में पुलिस-प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है.

यह भी पढ़ें: EX CM बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार पर दुष्कर्म का केस, सलाहकार ने कहा-आरोप लगाने वाली लड़की बेटी समान

झामुमो का सवाल- पार्टी दफ्तर का इस्तेमाल क्यों कर रहे बाबूलाल

बाबूलाल के सवाल पर झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी अपना राजनीतिक दायित्व को निभाना छोड़ नई भूमिका अपनाने लगे हैं. पुलिस के काम में हस्तक्षेप करना और जांच से पहले ही इस तरह की बयानबाजी कर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश करना उन्हें शोभा नहीं देता है. उन्होंने पूछा कि जिस व्यक्ति पर आरोप लग रहा है, वह भाजपा का सदस्य है पदाधिकारी है. अगर ऐसा है तो बाबूलाल बताएं कि वो अपना पक्ष रखने के लिए पार्टी दफ्तर का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं.

सुनिये बाबूलाल मरांडी और सुप्रियो भट्टाचार्य ने पूरे मामले पर क्या कहा.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मामले में इंटरवेंनर हैं सुनील तिवारी

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि इस मुकदमे के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है. एक बड़े मामले को दबाने की कोशिश है, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री खुद आरोपी हैं. उन्होंने कहा कि सुनील तिवारी उस गंभीर मामले में इंटरवेनर हैं. बाबूलाल ने मुंबई में वर्ष 2013 में तत्कालीन और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर एक मुंबई की लड़की द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह से लड़की ने एक वीडियो जारी कर सांसद निशिकांत दुबे ,बाबूलाल मरांडी और सुनील तिवारी को अपनी जान की क्षति होने का जिम्मेवार ठहराई, उसके बाद सुनील तिवारी ने मुंबई हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका फाइल कर पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया था.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़की की तरफ से वीडियो जारी होने के तुरंत बाद उन्होंने तुरंत महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक और पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर इस गंभीर षड्यंत्र की जांच का अनुरोध किया था. साथ ही सुनील तिवारी का नाम वीडियो में होने के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा में इंटरवेनर बनने की सलाह दी और सुनील तिवारी ने ऐसा ही किया. बाबूलाल ने कहा कि इंटरवेनर का मामला हाईकोर्ट में लंबित है और सुनवाई में देरी होता देख सुनील तिवारी ने उच्चतम न्यायालय में हाल ही में अनुरोध कर इसकी सुनवाई जल्द करने की अपील की है. सुनील तिवारी को एक लड़की के द्वारा आरोप लगाकर फंसाने की साजिश मुख्यमंत्री के ऊपर लगे आरोप को दबाने की साजिश है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इसकी पुष्टि इंटरवेनर बनने के बाद सुनील तिवारी को जिस तरह से डराने और धमकाने की कोशिश होती रही, उससे यह लगता है कि पुलिस प्रशासन राज्य में किस तरह से काम कर रही है. वह इसका खुलासा समय आने पर करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रोज नए-नए हथकंडे अपना रही है. पुलिस राज्य की विधि व्यवस्था के प्रति गंभीर नहीं है. केवल सरकार का टूल्स बनकर काम कर रही है. जिस लड़की ने सुनील तिवारी पर आरोप लगाए हैं वह लगभग 1 वर्ष पूर्व सुनील तिवारी के घर काम करती थी. आश्चर्य की बात यह है कि इतने बड़े मामले को 1 वर्ष तक दबाकर रखा गया और न पुलिस को बताया गया और न ही परिजनों को.

बाबूलाल ने कहा कि एक लड़की जो सुनील तिवारी के यहां रहकर पढ़ती थी उसे 15 अगस्त को घर से उठाकर अनगढा पुलिस ले जाती है और साथ में 6 और 4 वर्ष के बच्चों को भी ले जाती है. पुलिस रात 1 बजे तक बच्चों को थाना में प्रताड़ित करती रहती है. उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही डीजी से लेकर एसपी और थाना प्रभारी सभी से बात की. कहीं से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला. यह सब किस कानून के तहत की गई कार्रवाई थी? कहीं बच्ची लावारिस मिली थी या कोई रेस्क्यू में छुड़ाया गया था? अगर नहीं तो फिर पुलिस कैसे असंवैधानिक कार्य कर रही थी? उन्होंने कहा कि इन सारी बातों से स्पष्ट है कि सरकार एक षड्यंत्र के तहत विद्वेषपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई कर रही है. उन्होंने पूरे घटना की सीबीआई या सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित जांच समिति से जांच कराने की मांग की है.

सुप्रियो भट्टाचार्य बोले- मामले की जांच होने दें बाबूलाल

बाबूलाल के सवालों पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे कोरोना काल में हेमंत सोरेन की सरकार ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार बेटियों को न सिर्फ वापस राज्य में लाया बल्कि उनमें कौशल विकास कर स्वाबलंबी बना रही है. ऐसे में अगर एक बच्ची ने आरोप लगाया है तो बाबूलाल मरांडी मामले की जांच होने दें. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ दिन पहले एक होटल से सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही थी, उस समय भी पुलिस की जांच में बाबूलाल मरांडी हस्तक्षेप कर रहे थे. झामुमो नेता ने कहा कि बाबूलाल मरांडी बताएं कि उनका कौन सा तंत्र है जो पुलिस से पहले ही सच्चाई का पता लगाकर उनको रिपोर्ट दे देता है.

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि एक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई या सीटिंग जज से कराने की मांग करते हुए कहा कि वे इस संबंध में राज्यपाल से मिलकर पूरी घटना की जानकारी देंगे. बाबूलाल ने पार्टी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस मामले में पुलिस-प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है.

यह भी पढ़ें: EX CM बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार पर दुष्कर्म का केस, सलाहकार ने कहा-आरोप लगाने वाली लड़की बेटी समान

झामुमो का सवाल- पार्टी दफ्तर का इस्तेमाल क्यों कर रहे बाबूलाल

बाबूलाल के सवाल पर झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी अपना राजनीतिक दायित्व को निभाना छोड़ नई भूमिका अपनाने लगे हैं. पुलिस के काम में हस्तक्षेप करना और जांच से पहले ही इस तरह की बयानबाजी कर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश करना उन्हें शोभा नहीं देता है. उन्होंने पूछा कि जिस व्यक्ति पर आरोप लग रहा है, वह भाजपा का सदस्य है पदाधिकारी है. अगर ऐसा है तो बाबूलाल बताएं कि वो अपना पक्ष रखने के लिए पार्टी दफ्तर का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं.

सुनिये बाबूलाल मरांडी और सुप्रियो भट्टाचार्य ने पूरे मामले पर क्या कहा.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मामले में इंटरवेंनर हैं सुनील तिवारी

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि इस मुकदमे के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है. एक बड़े मामले को दबाने की कोशिश है, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री खुद आरोपी हैं. उन्होंने कहा कि सुनील तिवारी उस गंभीर मामले में इंटरवेनर हैं. बाबूलाल ने मुंबई में वर्ष 2013 में तत्कालीन और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर एक मुंबई की लड़की द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह से लड़की ने एक वीडियो जारी कर सांसद निशिकांत दुबे ,बाबूलाल मरांडी और सुनील तिवारी को अपनी जान की क्षति होने का जिम्मेवार ठहराई, उसके बाद सुनील तिवारी ने मुंबई हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका फाइल कर पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया था.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़की की तरफ से वीडियो जारी होने के तुरंत बाद उन्होंने तुरंत महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक और पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर इस गंभीर षड्यंत्र की जांच का अनुरोध किया था. साथ ही सुनील तिवारी का नाम वीडियो में होने के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा में इंटरवेनर बनने की सलाह दी और सुनील तिवारी ने ऐसा ही किया. बाबूलाल ने कहा कि इंटरवेनर का मामला हाईकोर्ट में लंबित है और सुनवाई में देरी होता देख सुनील तिवारी ने उच्चतम न्यायालय में हाल ही में अनुरोध कर इसकी सुनवाई जल्द करने की अपील की है. सुनील तिवारी को एक लड़की के द्वारा आरोप लगाकर फंसाने की साजिश मुख्यमंत्री के ऊपर लगे आरोप को दबाने की साजिश है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इसकी पुष्टि इंटरवेनर बनने के बाद सुनील तिवारी को जिस तरह से डराने और धमकाने की कोशिश होती रही, उससे यह लगता है कि पुलिस प्रशासन राज्य में किस तरह से काम कर रही है. वह इसका खुलासा समय आने पर करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रोज नए-नए हथकंडे अपना रही है. पुलिस राज्य की विधि व्यवस्था के प्रति गंभीर नहीं है. केवल सरकार का टूल्स बनकर काम कर रही है. जिस लड़की ने सुनील तिवारी पर आरोप लगाए हैं वह लगभग 1 वर्ष पूर्व सुनील तिवारी के घर काम करती थी. आश्चर्य की बात यह है कि इतने बड़े मामले को 1 वर्ष तक दबाकर रखा गया और न पुलिस को बताया गया और न ही परिजनों को.

बाबूलाल ने कहा कि एक लड़की जो सुनील तिवारी के यहां रहकर पढ़ती थी उसे 15 अगस्त को घर से उठाकर अनगढा पुलिस ले जाती है और साथ में 6 और 4 वर्ष के बच्चों को भी ले जाती है. पुलिस रात 1 बजे तक बच्चों को थाना में प्रताड़ित करती रहती है. उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही डीजी से लेकर एसपी और थाना प्रभारी सभी से बात की. कहीं से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला. यह सब किस कानून के तहत की गई कार्रवाई थी? कहीं बच्ची लावारिस मिली थी या कोई रेस्क्यू में छुड़ाया गया था? अगर नहीं तो फिर पुलिस कैसे असंवैधानिक कार्य कर रही थी? उन्होंने कहा कि इन सारी बातों से स्पष्ट है कि सरकार एक षड्यंत्र के तहत विद्वेषपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई कर रही है. उन्होंने पूरे घटना की सीबीआई या सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित जांच समिति से जांच कराने की मांग की है.

सुप्रियो भट्टाचार्य बोले- मामले की जांच होने दें बाबूलाल

बाबूलाल के सवालों पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे कोरोना काल में हेमंत सोरेन की सरकार ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार बेटियों को न सिर्फ वापस राज्य में लाया बल्कि उनमें कौशल विकास कर स्वाबलंबी बना रही है. ऐसे में अगर एक बच्ची ने आरोप लगाया है तो बाबूलाल मरांडी मामले की जांच होने दें. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ दिन पहले एक होटल से सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही थी, उस समय भी पुलिस की जांच में बाबूलाल मरांडी हस्तक्षेप कर रहे थे. झामुमो नेता ने कहा कि बाबूलाल मरांडी बताएं कि उनका कौन सा तंत्र है जो पुलिस से पहले ही सच्चाई का पता लगाकर उनको रिपोर्ट दे देता है.

Last Updated : Aug 19, 2021, 6:58 AM IST

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