रांचीः मुंबई के एक थाने में सीएम हेमंत सोरेन की शिकायत करने वाली लड़की के तथाकथित वायरल वीडियो ने एक बार फिर झारखंड के राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ा दी है. अब युवती के तथाकथित वीडियो के आने पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को उस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मीडिया से कहा कि दस्तावेजों से यह बात साफ हो जाती है कि पीड़िता का वीडियो में दिया बयान उपलब्ध दस्तावेजों के विपरीत है. उन्होंने अंदेशा जताया कि युवती दबाव में है. साथ ही कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक, मुम्बई पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर पीड़िता को सुरक्षा देने की मांग की है.
मरांडी ने कहा कि उन्हें इस बात की आशंका है कि 2013 की तरह एक बार फिर उस लड़की पर पद के प्रभाव से दबाव बनाया जा रहा है. साथ ही उस पर दबाव डालकर बयानबाजी कराई जा रही है, ताकि जांच न हो सके. इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सोरेन जांच नहीं होने दे रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि, झारखंड की जनता को जानने का हक है कि उसका सीएम कैसा है. उन्होंने कहा कि पहली बार जब युवती ने आरोप लगाया था, तब भी उस पर दबाव डालकर केस वापस करा दिया गया था. उस वक्त कहा जा रहा था कि लड़की की शादी होने वाली है और वह घर बदल रही है. इसलिए केस नहीं लड़ना चाहती. बाद में 2020 में उसका संदेहास्पद परिस्थिति में एक्सीडेंट भी हुआ था. अब दोबारा उसने बांद्रा पुलिस स्टेशन में अर्जी दी थी.
कहा-इस बार रफादफा नहीं होगा मामला
मरांडी ने लड़की को सुरक्षा देने की मांग करने के साथ मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की. उन्होंने कहा है कि यह मामला मुंबई पुलिस, मुंबई उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने भी है. ऐसे में बगैर उच्चस्तरीय जांच इस मामले को पूर्व की तरह रफादफा कराने का मंसूबा कामयाब नहीं होगा.
साहिबगंज में सीएम ने आरोपों को कहा था साजिश
इससे पहले बीते दिनों साहिबगंज के दौरे पर आए सीएम हेमंत सोरेन ने इस मामले को बीजेपी की साजिश करार दिया था. पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि बीजेपी उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है.