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झारखंड के राजकीय श्रावणी मेला का उद्घाटन आज, जानिए इस बार क्या है विशेष तैयारी

देवघर में श्रावणी मेला का आज उद्घाटन होने जा रहा है, मंत्री बादल पत्रलेख इसका विधिवत उद्घाटन करेंगे. इस बार का श्रावणी मेला काफी खास है. इसलिए इसे लेकर तैयारी भी खास की गई है. मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने सारी तैयारी कर ली है. उनकी पूरी कोशिश है कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो. सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

Baba Dham Shravani Mela
Baba Dham Shravani Mela
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Published : Jul 3, 2023, 12:09 PM IST

रांची: झारखंड के देवघर में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का उद्घाटन 3 जुलाई यानी आज होने जा रहा है. झारखंड के प्रवेश द्वार दुम्मा बॉर्डर पर राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख इस मेले का उद्घाटन करेंगे. इस बार का श्रावणी मेला खास है, क्योंकि इस बार सावन दो महीने का होने वाला है. इसे देखते हुए 15-15 दिन का दो बार श्रावणी मेला का आयोजन किया जाएगा. मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है.

यह भी पढ़ें: श्रावणी मेला 2023: 3 IPS-35 DSP के जिम्मे मेले की सुरक्षा, ATS से लेकर जगुआर तक के नौ हजार जवान रहेंगे मुस्तैद

क्यों खास है इस बार का सावन: इस बार का सावन दो महीने का होने वाला है. इस तरह से इस बार श्रद्धालुओं को 8 सोमवारी व्रत करने का मौका मिलेगा. वहीं देवघर के बाबाधाम में 15-15 दिन कर दो बार श्रावणी मेले का आयोजन किया जाएगा. सावन के शुरूआती 15 दिन मेले का आयोजन होगा और फिर अंतिम के 15 दिन मेला लगेगा. बीच के एक महीने मेले का आयोजन नहीं होगा. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि इस दौरान एक महीने मलमास पड़ रहा है. पुरोहितों के अनुसार ऐसा संयोग 19 साल बाद हो रहा है जब दो महीने का सावन हो रहा है.

मलमास क्या है: इस सावन 17 जुलाई से 15 अगस्त तक मलमास पड़ रहा है. मलसाम हर तीन साल में एक बार आता है. यह पूरे एक महीने का होता है. मलमास को काफी शुभ माना जाता है और इसका विशेष महत्व भी है. मलमास को भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा के लिए खास माना जाता है. इस बार यह मलमास भगवान शिव के महीने सावन में पड़ रहा है. इसलिए यह और भी ज्यादा खास हो जाता है. मलमास के दौरान दान-पुण्य, पूजा और जप-तप करने 10 गुना अधिक पूण्य मिलता है.

मेले को लेकर देवघर सज-धज कर तैयार: श्रावणी मेले को देखते हुए पूरा देवघर सज-धज कर तैयार है. श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो, इसलिए दुम्मा बॉर्डर से लेकर बाबा मंदिर तक कांवरियों के लिए जिला प्रशासन ने छावनी की व्यवस्था की है. रास्ते पर गंगा नदी से रेत लाकर डाला गया है. जगह-जगह काउंटर बनाए गए हैं. इन काउंटर में श्रद्धालुओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. मेले को लेकर पूरी व्यवस्था कर ली गई है. भीड़ नियंत्रण, विधि-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था की पुख्ता तैयारी है. पूरे मेले में 1200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे एक्टिव रहेंगे.

श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम: वहीं श्रद्धालुओं के भोजन की भी व्यवस्था की गई है. कांवरिया पथ पर आध्यात्मिक भवन में कांवरियों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए कांवरियों को काफी कम पैसे चुकाने होंगे. इस भवन की क्षमता 10 हजार से ज्यादा है. जिस लाइन में कांवर लिए श्रद्धालु लगेंगे, उस रूट लाइन में वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं. लोगों को गर्मी और उमस से बचाने के लिए पहले की तुलना में कूलिंग सिस्टम और कतार में बदलाव भी किया गया है. बीच-बीच में फुहारा सहित फॉग सिस्टम लगाया गया है. बाबा धाम में भोले बाबा को जल अर्पण करने के लिए अरघा की व्यवस्था की गई है. मेले के दौरान स्पर्श पूजा बंद है. वीआईपी पूजा भी बंद रहेगी.

सुरक्षा और मेडिकल की विशेष व्यवस्था: श्रावणी मेले की सुरक्षा में इस बार 9000 पुलिस जवानों की तैनाती की गई है. इसमें 726 पुलिस पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है. वहीं 8700 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. मेडिकल की भी पूरी व्यवस्था की गई है. कतार में लगे श्रद्धालुओं को कोई भी परेशानी होती है तो वो प्रशासन को तुरंत जानकारी दें. प्रशासन ने उनके लिए इसीजी की व्यवस्था की है. इसके साथ ही नेहरू पार्क, क्यू कॉम्प्लेक्स और बाबा मंदिर के ट्रॉमा सेंटर में प्रशासन ने डिजिटल इसीजी मशीन लगाया है. इस इसीजी की रिपोर्ट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के मोबाइल मैसेज पर आ जाएगा. जिसके बाद तुरंत ही कांवरियों का इलाज किया जाएगा.

रांची: झारखंड के देवघर में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का उद्घाटन 3 जुलाई यानी आज होने जा रहा है. झारखंड के प्रवेश द्वार दुम्मा बॉर्डर पर राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख इस मेले का उद्घाटन करेंगे. इस बार का श्रावणी मेला खास है, क्योंकि इस बार सावन दो महीने का होने वाला है. इसे देखते हुए 15-15 दिन का दो बार श्रावणी मेला का आयोजन किया जाएगा. मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है.

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क्यों खास है इस बार का सावन: इस बार का सावन दो महीने का होने वाला है. इस तरह से इस बार श्रद्धालुओं को 8 सोमवारी व्रत करने का मौका मिलेगा. वहीं देवघर के बाबाधाम में 15-15 दिन कर दो बार श्रावणी मेले का आयोजन किया जाएगा. सावन के शुरूआती 15 दिन मेले का आयोजन होगा और फिर अंतिम के 15 दिन मेला लगेगा. बीच के एक महीने मेले का आयोजन नहीं होगा. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि इस दौरान एक महीने मलमास पड़ रहा है. पुरोहितों के अनुसार ऐसा संयोग 19 साल बाद हो रहा है जब दो महीने का सावन हो रहा है.

मलमास क्या है: इस सावन 17 जुलाई से 15 अगस्त तक मलमास पड़ रहा है. मलसाम हर तीन साल में एक बार आता है. यह पूरे एक महीने का होता है. मलमास को काफी शुभ माना जाता है और इसका विशेष महत्व भी है. मलमास को भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा के लिए खास माना जाता है. इस बार यह मलमास भगवान शिव के महीने सावन में पड़ रहा है. इसलिए यह और भी ज्यादा खास हो जाता है. मलमास के दौरान दान-पुण्य, पूजा और जप-तप करने 10 गुना अधिक पूण्य मिलता है.

मेले को लेकर देवघर सज-धज कर तैयार: श्रावणी मेले को देखते हुए पूरा देवघर सज-धज कर तैयार है. श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो, इसलिए दुम्मा बॉर्डर से लेकर बाबा मंदिर तक कांवरियों के लिए जिला प्रशासन ने छावनी की व्यवस्था की है. रास्ते पर गंगा नदी से रेत लाकर डाला गया है. जगह-जगह काउंटर बनाए गए हैं. इन काउंटर में श्रद्धालुओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. मेले को लेकर पूरी व्यवस्था कर ली गई है. भीड़ नियंत्रण, विधि-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था की पुख्ता तैयारी है. पूरे मेले में 1200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे एक्टिव रहेंगे.

श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम: वहीं श्रद्धालुओं के भोजन की भी व्यवस्था की गई है. कांवरिया पथ पर आध्यात्मिक भवन में कांवरियों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए कांवरियों को काफी कम पैसे चुकाने होंगे. इस भवन की क्षमता 10 हजार से ज्यादा है. जिस लाइन में कांवर लिए श्रद्धालु लगेंगे, उस रूट लाइन में वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं. लोगों को गर्मी और उमस से बचाने के लिए पहले की तुलना में कूलिंग सिस्टम और कतार में बदलाव भी किया गया है. बीच-बीच में फुहारा सहित फॉग सिस्टम लगाया गया है. बाबा धाम में भोले बाबा को जल अर्पण करने के लिए अरघा की व्यवस्था की गई है. मेले के दौरान स्पर्श पूजा बंद है. वीआईपी पूजा भी बंद रहेगी.

सुरक्षा और मेडिकल की विशेष व्यवस्था: श्रावणी मेले की सुरक्षा में इस बार 9000 पुलिस जवानों की तैनाती की गई है. इसमें 726 पुलिस पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है. वहीं 8700 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. मेडिकल की भी पूरी व्यवस्था की गई है. कतार में लगे श्रद्धालुओं को कोई भी परेशानी होती है तो वो प्रशासन को तुरंत जानकारी दें. प्रशासन ने उनके लिए इसीजी की व्यवस्था की है. इसके साथ ही नेहरू पार्क, क्यू कॉम्प्लेक्स और बाबा मंदिर के ट्रॉमा सेंटर में प्रशासन ने डिजिटल इसीजी मशीन लगाया है. इस इसीजी की रिपोर्ट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के मोबाइल मैसेज पर आ जाएगा. जिसके बाद तुरंत ही कांवरियों का इलाज किया जाएगा.

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