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आजादी की गौरव यात्रा का समापन, हर जिले में तय की 75 किलोमीटर दूरी

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Published : Aug 14, 2022, 6:45 PM IST

75 years of independence होने पर कांग्रेस ने आजादी की गौरव यात्रा निकाली. 6 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में पार्टी के वरिष्ठ नेता समेत काफी संख्या में नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. झारखंड में कुल 2250 किलोमीटर की दूरी इस यात्रा के तहत तय की गई.

azadi ki gaurav yatra of congress finished in jharkhand
azadi ki gaurav yatra of congress finished in jharkhand

रांचीः आजादी के 75वें वर्ष(75 years of independence) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी(AICC) के उदयपुर संकल्प शिविर में लिए गए निर्णय के अनुसार 9 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक चलने वाली राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम 'आजादी की गौरव यात्रा'(azadi ki gaurav yatra) के तहत प्रत्येक जिलों में 75 किलोमीटर की पदयात्रा का कार्यक्रम का आज समापन हो गया. झारखंड में यह यात्रा कुल 2250 किलोमीटर से भी अधिक की रही. छह दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में सभी जिलों के अंदर कांग्रेस पार्टी के नेता, पदाधिकारियों, कार्यकर्ता, समर्थकों के अंदर प्रतिकूल मौसम के बाद भी स्वतः स्फूर्त एवं जबरदस्त उत्साह देखने को मिला.

रविवार को रांची महानगर जिला कांग्रेस कमेटी (congress in jharkhand) के तत्वाधान में गौरव यात्रा(azadi ki gaurav yatra) जो पिस्का मोड़ रांची से शहीद चौक तक निकाली गई. उसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, विधायक शिल्पी नेहा तिर्की शामिल रहे. रांची के कार्यक्रम के बाद खूंटी, चक्रधरपुर, चौका के कार्यक्रम में प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ शामिल रहे. पूरे रास्ते चौक चौराहों पर अवस्थित स्वाधीनता सेनानियों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन भी अर्पित किया गया.

रविवार को इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के आखिरी दिन अपने संबोधन में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे(state incharge avinash pandey) ने कहा कि आज से 75 साल पहले जवाहरलाल नेहरू ने आधी रात में आजादी की घोषणा करते हुए कहा था कि आज हम दुर्भाग्य के एक युग का अंत कर रहे हैं और भारत पुनः खुद को खोज पा रहा है. आज हम जिस उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, वो महज एक कदम है, नए अवसरों के खुलने का. इससे भी बड़ी जीत और उपलब्धियां हमारी प्रतीक्षा कर रही हैं. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए नेहरू जी, पटेल जी , आंबेडकर जी और अन्य तमाम महापुरुष इस देश की जनता को साथ लेकर इसे संवारने में लग गए. कुछ ही वर्षों में भारत दुनिया की बड़ी शक्तियों को चुनौती देने लगा. एक तरफ जहां देश में हरित क्रांति आयी और पंचवर्षीय योजना लागू हुई. वहीं दूसरी तरफ देश को IIT और AIIMS जैसे संस्थान मिले.

देश अपने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सपनों की ओर बढ़ने लगा. बैंकों का राष्ट्रीयकरण, परमाणु परीक्षण, अंतरिक्ष यात्रा, रिसर्च के बड़े संस्थान, औद्योगीकरण, कम्प्यूटर क्रांति, वैश्वीकरण, उदारवाद की नीति, RTI एक्ट और न्यूक्लियर डील जैसी उपलब्धियां देश को मिलीं और ये सारी उपलब्धियां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसके नेताओं की देन हैं. इस देश को संवारते हुए इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपने प्राणों की आहुति भी दी. उनका बलिदान जाया नहीं गया, देश एक मजबूत शक्ति के रूप में पूरे विश्व में उभरा. इस वर्ष देश अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है. आजादी के संघर्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने न केवल अंग्रेज सरकार से लोहा लिया, बल्कि देश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने का एक खाका भी जनता के समक्ष रखा था. यह आधुनिक भारत का विचार था जिसकी पृष्ठभूमि में स्वतंत्रता के लिए हमारा लंबा संघर्ष. गांधी जी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना और नेहरू जी की आधुनिक दृष्टि थी. भारत के इस विचार में देश की बहुसंस्कृति और सर्वसमावेशी मिट्टी की महक थी.

आरएसएस पर कटाक्षः प्रदेश प्रभारी (state incharge avinash pandey) ने आगे कहा कि इसी वक्त में संघ के लोग भी थे जो अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति को अपनाकर देश में नफरत और द्वेष फैला रहे थे. ये लोग आजादी की इस लड़ाई के खिलाफ थे और देश को और पीछे ले जाने के विचार के साथ थे. इन लोगों ने तिरंगे का अपमान किया और कहा कि तिरंगा देश के लिए अशुभ है. इसके बावजूद यह कांग्रेस का ही दबाव है कि संघ के लोग आजादी के नायकों और उनके बलिदान को नकारने का साहस नहीं कर पा रहे हैं. प्रतीक रूप से ही सही, उन्हें आज हर घर तिरंगा फहराने को बाध्य होना पड़ रहा है. हालांकि संघ के कई अन्य संगठनों ने अब तक ऐसा नहीं किया है.

प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर(congress state president) ने कहा कि पिछले आठ सालों में देश की जनता को हासिल क्या हुआ सिर्फ कमरतोड़ महंगाई, भयंकर बेरोजगारी, सार्वजनिक संपत्ति की औने पौने मूल्य पर बिक्री, कुपोषण, GST का आतंक आज जनता मोदी सरकार की विभाजनकारी नीतियों से त्रस्त हो चुकी है. रुपए की पतली हालत से जहां वैश्विक स्तर पर देश की साख गिर गई है, वहीं निर्यात पर टिके उद्योगों में भयानक घबराहट है. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की जहां मजदूरी में बढ़ोतरी नहीं हो रही है, वहीं आम जनता की रही - सही बचत भी खत्म हो चुकी है.

आजादी के बाद पहली बार देश में रोजमर्रा की वस्तुओं- दूध, दही, पनीर, आटा, चावल, ब्रेड जैसी बुनियादी वस्तुओं पर भी सरकार ने टैक्स लगा दिया है. यही नहीं , देश के किसानों के लिए हालात बहुत खराब हो चुके हैं. खाद, बीज और डीजल के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी के चलते उनकी लागत बढ़ गई है. लेकिन सरकार उनकी उपज का लाभप्रद मूल्य दिलवाने के प्रति न केवल उदासीन है बल्कि उसे खत्म करने का षड्यंत्र रच रही है. सरकार ने देश की सैन्य सेवाओं के ढांचे के साथ गंभीर रूप से खिलवाड़ किया है. अग्निपथ जैसी योजना का सीधा मतलब देश की सैन्य सेवा को कमजोर करना है. उन्होंने कहा कि इससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. अग्निपथ योजना दरअसल देश के उन युवाओं के साथ एक घिनौना मजाक है जो देश पर अपना सबकुछ न्योछावर कर देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आज बीजेपी द्वारा पूरे देश में नफरत और हिंसा का जो बातावरण बनाया गया है उसे हम आप सब देख रहे हैं. इस देश के विचार हमेशा प्रेम, करुणा, अहिंसा और विश्वबंधुत्व के पक्ष में रहे हैं. लेकिन आज जिस तरह से भाजपा सरकार द्वारा समुदायों के बीच दूरी पैदा की जा रही है. वह बहुत चिंताजनक और आजादी के मूल्यों का गला घोटने जैसा है.


स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आज भारत इतिहास के सबसे खराब दौर में है. आजादी की लड़ाई के दौरान जो सपने, आदर्श और लक्ष्य हमने देश के विकास के लिए तय किए थे, उन सब पर नरेंद्र मोदी सरकार ने कालिख पोत दी है. इसीलिए , यह यात्रा निकाली गई है. इसका मकसद शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए, आजादी के समय देखे गए सपनों को दोहराते हुए, इनके प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करना है.


कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि यह देश हम सबका है. आइए , आजादी के उन महान नायकों को याद करते हुए उनके सपनों को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित कर दें. हमारी लड़ाई केंद्र सरकार की गलत नीतियों के विरोध में है. महंगाई, बेरोजगारी, राजनीतिक लाभ के लिए ध्रुवीकरण के प्रयास के विरोध में है. आइए हम सब भारत को फिर से वैसा बनाने के लिए जिस रूप में हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने देखा था कि शपथ लें.


राष्ट्रीय महासचिव सह झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अविनाश पांडे ने स्वयं पार्टी के इस गौरव यात्रा (azadi ki gaurav yatra)में चार दिनों तक पदयात्रा में शामिल रह कर संथाल परगना प्रमंडल, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, पलामू प्रमंडल, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल एवं कोल्हान प्रमंडल के 12 जिला के पदयात्रा कार्यक्रम में शामिल हुए. उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, नेता विधायक दल आलमगीर आलम कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा, बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो, शहजादा अनवर, स्वस्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रणव झा ज्यादातर जिला के पदयात्रा कार्यक्रम में शामिल रहे.


इसके साथ साथ डॉ रामेश्वर उरांव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, डॉ अजय कुमार, फुरकान अंसारी, सुखदेव भगत, पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी, प्रदीप बलमुचू, केशव महतो कमलेश, विधायक प्रदीप यादव, दीपिका पांडे सिंह, अंबा प्रसाद, पूर्णिमा नीरज सिंह, कुमार जयमंगल सिंह, भूषण बाड़ा, अकेला यादव शिल्पी नेहा, मोर्चा संगठन प्रभारी रवींद्र सिंह ने भी गौरव यात्रा के कई जिलों के गौरव यात्रा कार्यक्रम में शामिल रहे.


जिला संयोजक गण कालीचरण मुंडा, अशोक चौधरी, भीम कुमार, रमा खलखो, सुल्तान अहमद, जयशंकर पाठक, आलोक दुबे, कुमार राजा परमिंदर सिंह, जवाहर लाल सिन्हा, मणिशंकर, सहित सभी संयोजक एवं संबद्ध जिला अध्यक्ष गण की महती भूमिका गौरव यात्रा की सफलता में रही है. पूरे गौरव यात्रा में शामिल रह कर स्टेट सोशल मीडिया इंचार्ज गजेंद्र सिंह ने पार्टी के सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबिम्बित किया.

रांचीः आजादी के 75वें वर्ष(75 years of independence) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी(AICC) के उदयपुर संकल्प शिविर में लिए गए निर्णय के अनुसार 9 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक चलने वाली राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम 'आजादी की गौरव यात्रा'(azadi ki gaurav yatra) के तहत प्रत्येक जिलों में 75 किलोमीटर की पदयात्रा का कार्यक्रम का आज समापन हो गया. झारखंड में यह यात्रा कुल 2250 किलोमीटर से भी अधिक की रही. छह दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में सभी जिलों के अंदर कांग्रेस पार्टी के नेता, पदाधिकारियों, कार्यकर्ता, समर्थकों के अंदर प्रतिकूल मौसम के बाद भी स्वतः स्फूर्त एवं जबरदस्त उत्साह देखने को मिला.

रविवार को रांची महानगर जिला कांग्रेस कमेटी (congress in jharkhand) के तत्वाधान में गौरव यात्रा(azadi ki gaurav yatra) जो पिस्का मोड़ रांची से शहीद चौक तक निकाली गई. उसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, विधायक शिल्पी नेहा तिर्की शामिल रहे. रांची के कार्यक्रम के बाद खूंटी, चक्रधरपुर, चौका के कार्यक्रम में प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ शामिल रहे. पूरे रास्ते चौक चौराहों पर अवस्थित स्वाधीनता सेनानियों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन भी अर्पित किया गया.

रविवार को इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के आखिरी दिन अपने संबोधन में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे(state incharge avinash pandey) ने कहा कि आज से 75 साल पहले जवाहरलाल नेहरू ने आधी रात में आजादी की घोषणा करते हुए कहा था कि आज हम दुर्भाग्य के एक युग का अंत कर रहे हैं और भारत पुनः खुद को खोज पा रहा है. आज हम जिस उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, वो महज एक कदम है, नए अवसरों के खुलने का. इससे भी बड़ी जीत और उपलब्धियां हमारी प्रतीक्षा कर रही हैं. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए नेहरू जी, पटेल जी , आंबेडकर जी और अन्य तमाम महापुरुष इस देश की जनता को साथ लेकर इसे संवारने में लग गए. कुछ ही वर्षों में भारत दुनिया की बड़ी शक्तियों को चुनौती देने लगा. एक तरफ जहां देश में हरित क्रांति आयी और पंचवर्षीय योजना लागू हुई. वहीं दूसरी तरफ देश को IIT और AIIMS जैसे संस्थान मिले.

देश अपने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सपनों की ओर बढ़ने लगा. बैंकों का राष्ट्रीयकरण, परमाणु परीक्षण, अंतरिक्ष यात्रा, रिसर्च के बड़े संस्थान, औद्योगीकरण, कम्प्यूटर क्रांति, वैश्वीकरण, उदारवाद की नीति, RTI एक्ट और न्यूक्लियर डील जैसी उपलब्धियां देश को मिलीं और ये सारी उपलब्धियां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसके नेताओं की देन हैं. इस देश को संवारते हुए इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपने प्राणों की आहुति भी दी. उनका बलिदान जाया नहीं गया, देश एक मजबूत शक्ति के रूप में पूरे विश्व में उभरा. इस वर्ष देश अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है. आजादी के संघर्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने न केवल अंग्रेज सरकार से लोहा लिया, बल्कि देश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने का एक खाका भी जनता के समक्ष रखा था. यह आधुनिक भारत का विचार था जिसकी पृष्ठभूमि में स्वतंत्रता के लिए हमारा लंबा संघर्ष. गांधी जी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना और नेहरू जी की आधुनिक दृष्टि थी. भारत के इस विचार में देश की बहुसंस्कृति और सर्वसमावेशी मिट्टी की महक थी.

आरएसएस पर कटाक्षः प्रदेश प्रभारी (state incharge avinash pandey) ने आगे कहा कि इसी वक्त में संघ के लोग भी थे जो अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति को अपनाकर देश में नफरत और द्वेष फैला रहे थे. ये लोग आजादी की इस लड़ाई के खिलाफ थे और देश को और पीछे ले जाने के विचार के साथ थे. इन लोगों ने तिरंगे का अपमान किया और कहा कि तिरंगा देश के लिए अशुभ है. इसके बावजूद यह कांग्रेस का ही दबाव है कि संघ के लोग आजादी के नायकों और उनके बलिदान को नकारने का साहस नहीं कर पा रहे हैं. प्रतीक रूप से ही सही, उन्हें आज हर घर तिरंगा फहराने को बाध्य होना पड़ रहा है. हालांकि संघ के कई अन्य संगठनों ने अब तक ऐसा नहीं किया है.

प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर(congress state president) ने कहा कि पिछले आठ सालों में देश की जनता को हासिल क्या हुआ सिर्फ कमरतोड़ महंगाई, भयंकर बेरोजगारी, सार्वजनिक संपत्ति की औने पौने मूल्य पर बिक्री, कुपोषण, GST का आतंक आज जनता मोदी सरकार की विभाजनकारी नीतियों से त्रस्त हो चुकी है. रुपए की पतली हालत से जहां वैश्विक स्तर पर देश की साख गिर गई है, वहीं निर्यात पर टिके उद्योगों में भयानक घबराहट है. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की जहां मजदूरी में बढ़ोतरी नहीं हो रही है, वहीं आम जनता की रही - सही बचत भी खत्म हो चुकी है.

आजादी के बाद पहली बार देश में रोजमर्रा की वस्तुओं- दूध, दही, पनीर, आटा, चावल, ब्रेड जैसी बुनियादी वस्तुओं पर भी सरकार ने टैक्स लगा दिया है. यही नहीं , देश के किसानों के लिए हालात बहुत खराब हो चुके हैं. खाद, बीज और डीजल के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी के चलते उनकी लागत बढ़ गई है. लेकिन सरकार उनकी उपज का लाभप्रद मूल्य दिलवाने के प्रति न केवल उदासीन है बल्कि उसे खत्म करने का षड्यंत्र रच रही है. सरकार ने देश की सैन्य सेवाओं के ढांचे के साथ गंभीर रूप से खिलवाड़ किया है. अग्निपथ जैसी योजना का सीधा मतलब देश की सैन्य सेवा को कमजोर करना है. उन्होंने कहा कि इससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. अग्निपथ योजना दरअसल देश के उन युवाओं के साथ एक घिनौना मजाक है जो देश पर अपना सबकुछ न्योछावर कर देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आज बीजेपी द्वारा पूरे देश में नफरत और हिंसा का जो बातावरण बनाया गया है उसे हम आप सब देख रहे हैं. इस देश के विचार हमेशा प्रेम, करुणा, अहिंसा और विश्वबंधुत्व के पक्ष में रहे हैं. लेकिन आज जिस तरह से भाजपा सरकार द्वारा समुदायों के बीच दूरी पैदा की जा रही है. वह बहुत चिंताजनक और आजादी के मूल्यों का गला घोटने जैसा है.


स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आज भारत इतिहास के सबसे खराब दौर में है. आजादी की लड़ाई के दौरान जो सपने, आदर्श और लक्ष्य हमने देश के विकास के लिए तय किए थे, उन सब पर नरेंद्र मोदी सरकार ने कालिख पोत दी है. इसीलिए , यह यात्रा निकाली गई है. इसका मकसद शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए, आजादी के समय देखे गए सपनों को दोहराते हुए, इनके प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करना है.


कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि यह देश हम सबका है. आइए , आजादी के उन महान नायकों को याद करते हुए उनके सपनों को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित कर दें. हमारी लड़ाई केंद्र सरकार की गलत नीतियों के विरोध में है. महंगाई, बेरोजगारी, राजनीतिक लाभ के लिए ध्रुवीकरण के प्रयास के विरोध में है. आइए हम सब भारत को फिर से वैसा बनाने के लिए जिस रूप में हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने देखा था कि शपथ लें.


राष्ट्रीय महासचिव सह झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अविनाश पांडे ने स्वयं पार्टी के इस गौरव यात्रा (azadi ki gaurav yatra)में चार दिनों तक पदयात्रा में शामिल रह कर संथाल परगना प्रमंडल, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, पलामू प्रमंडल, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल एवं कोल्हान प्रमंडल के 12 जिला के पदयात्रा कार्यक्रम में शामिल हुए. उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, नेता विधायक दल आलमगीर आलम कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा, बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो, शहजादा अनवर, स्वस्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रणव झा ज्यादातर जिला के पदयात्रा कार्यक्रम में शामिल रहे.


इसके साथ साथ डॉ रामेश्वर उरांव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, डॉ अजय कुमार, फुरकान अंसारी, सुखदेव भगत, पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी, प्रदीप बलमुचू, केशव महतो कमलेश, विधायक प्रदीप यादव, दीपिका पांडे सिंह, अंबा प्रसाद, पूर्णिमा नीरज सिंह, कुमार जयमंगल सिंह, भूषण बाड़ा, अकेला यादव शिल्पी नेहा, मोर्चा संगठन प्रभारी रवींद्र सिंह ने भी गौरव यात्रा के कई जिलों के गौरव यात्रा कार्यक्रम में शामिल रहे.


जिला संयोजक गण कालीचरण मुंडा, अशोक चौधरी, भीम कुमार, रमा खलखो, सुल्तान अहमद, जयशंकर पाठक, आलोक दुबे, कुमार राजा परमिंदर सिंह, जवाहर लाल सिन्हा, मणिशंकर, सहित सभी संयोजक एवं संबद्ध जिला अध्यक्ष गण की महती भूमिका गौरव यात्रा की सफलता में रही है. पूरे गौरव यात्रा में शामिल रह कर स्टेट सोशल मीडिया इंचार्ज गजेंद्र सिंह ने पार्टी के सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबिम्बित किया.

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