रांची: झारखंड स्वास्थ्य विभाग की लेटलतीफी के क्या कहने. अब जब झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर खत्म हो गई है और कोरोना के अपेक्षाकृत कम मरीज सामने आ रहे हैं, तब स्वास्थ्य विभाग ने बिरसा आयुष जीवन किट की खरीद की है. जिसे अब जिलों में बांटा जाएगा. इस कड़ी में 80 हजार बिरसा जीवन आयुष किट (आयुर्वेदिक) रांची पहुंची है, जबकि बिरसा जीवन आयुष किट (यूनानी) भी पहुंचने वाली है. बिरसा जीवन आयुष किट में कई दवाएं हैं, जिसमें कोरोना की दवा आयुष 64 भी है. इसे इम्युन बूस्टर बताकर जिले में भेजने की तैयारी की जा रही है. इससे सवाल उठ रहा है कि कोरोना की लहर खत्म होने के बाद इस किट का क्या होगा. यह भी कि यह इम्यून बूस्टर है तो इसमें आयुष 64 (जिसे कोरोना की दवा कहा जाता है) क्यों है.
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इम्युन बूस्टर में क्यों भेजी जाएगी कोरोना की दवाः झारखंड आयुष निदेशालय के निदेशक डॉ. फजलुस समी का कहना है कि बिरसा जीवन आयुष किट की खरीददारी और इसके रांची पहुंचने में देरी हुई है पर यह सरकारी प्रक्रिया की वजह से हुई है. डॉ. फजलुस समी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में जिस तरह से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी, उसको देखते हुए आयुष बिरसा जीवन किट का ऑर्डर किया गया था पर दवा आते आते देर हो गई और तीसरी लहर समाप्त हो गई. आयुष निदेशक ने कहा कि किट में कई दवाएं इम्युन बूस्टर हैं. इसलिए इसे जल्द सभी जिलों के जिला आयुष पदाधिकारियों को भेज दिया जाएगा, हालांकि आयुष आयुर्वेदिक किट में आयुष 64 तो कोरोना के लिए विकसित की गई दवा है उसका क्या होगा ? का जवाब आयुष निदेशक के पास भी नहीं है.
कांग्रेस ने किया बचावः कांग्रेस के नेता भाजपा के आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जिस तरह कोरोना की तीसरा लहर तेजी से आई था उसी तरह वह समाप्त हो गई. इससे बिरसा जीवन आयुष किट आते-आते कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो गई. कांग्रेस नेता कुमार राजा ने कहा कि पहले बड़ी संख्या में आयुष किट लोगों के बीच बांटा गई है जबकि हकीकत यह है कि जिन कोरोना पॉजिटिव लोगों को किट दी गई थी. वह अंग्रेजी दवाओं की किट थी, जबकि अभी जो बिरसा जीवन आयुष किट आई है वह आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं की किट है. जिसे पहले कोरोना के किसी भी लहर में नहीं बांटा गया है.