रांची: राजधानी रांची में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य परिषद की बैठक हुई (CPI Jharkhand State Council Meeting). बैठक में मुख्य रूप से सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान के अलावा पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता और झारखंड के सचिव महेंद्र पाठक उपस्थित रहे. इस बैठक में सबसे पहले बिहार विधान पार्षद केदारनाथ पांडे, ओम प्रकाश मिश्रा, पूर्व सांसद मजदूर नेता बासुदेव आचार्य सहित गुजरात पुल हादसे में मारे गए लोगों के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया और श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद आगे की रणनीति बनाई गई.
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झापरखंड में मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी के निर्माण के लिए लगातार जल जंगल जमीन के सवाल पर आंदोलन चलाने की फैसले लिए गए. यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान कहा कि केंद्र की सरकार लगातार कॉरपोरेट घराने के इशारे पर काम कर रही है (Atul Kumar Anjaan accused Modi government). इसके परिणाम स्वरूप लोगों की क्रय क्षमता समाप्त हो चुकी है. जीएसटी और विश्व बैंक के अलावा अन्य विदेशी कर्ज के बल पर देश को चलाया जा रहा है.
अतुल कुमार अंजान ने कहा कि आज देश में गरीबी, भुखमरी, बेकारी बेरोजगारी चरम पर है. वहीं दूसरी तरफ महंगाई सिर चढ़कर बोल रही है. उन्होंने कहा कि देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों की पूंजी कई गुना बढ़ गई है लेकिन देश के आम लोग कंगाल होते जा रहे हैं. अगर ऐसी ही परिस्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में और 2024 की चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को देश के लोग सत्ता से बेदखल करने का काम करेंगे.
सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान ने कहा कि 2024 के चुनाव में देश भर के तमाम धर्मनिरपेक्ष दल एक मंच पर आकर भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए तैयार हो रहे हैं. वहीं, उन्होंने झारखंड के वर्तमान परिस्थिति को लेकर कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को भी यह सोचना होगा कि उन्होंने जो वादे किए थे उस वादे को पूरा करें. 1932 की खतियान पर काम करने की जरूरत है साथ ही 1964 और 65 के भी खतियान को स्थानीय नीति में समाहित करें.
सीपीआई के राष्ट्रिय सचिव ने कहा कि झारखंड में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू कराने के लिए और जल जंगल जमीन की हिफाजत के लिए कम्युनिस्ट पार्टी सघन जनसंपर्क अभियान चलाएगी और जन आंदोलन को विकसित करेगी. इसकी शुरुवात भगवान बिरसा मुंडा के जयंती के अवसर पर 15 नवंबर से चलो गांव की ओर अभियान के तहत भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाते हुए जल जंगल जमीन के हिफाजत की बात करेगी.
वहीं, उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर से 22 दिसंबर तक राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों में आक्रोश प्रदर्शन और 10 जनवरी 2023 से 22 जनवरी तक सभी जिला मुख्यालयों में आक्रोश प्रदर्शन किया जाएगा. 26 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी बनाने का संकल्प भी लिया जाएगा.