रांची: राजधानी में सीएमओ के फर्जी लेटर पैड के आधार पर रांची के जेल रोड स्थित पिछड़ी जाति आवासीय प्लस टू बालिका विद्यालय में दाखिला की कोशिश की गई. फर्जी लेटर तैयार करने में एक छात्र नेता और एक साइबर कैफे चलाने वाले युवक की भूमिका सामने आई थी. मामला सामने आने के बाद गोंदा थाने की पुलिस ने बुंडू कॉलेज के छात्र नेता मुकेश कुमार महतो को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, इस मामले में शामिल साइबर कैफे संचालक असीत कुम्हार फरार हो गया है. उसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है.
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क्या है मामला: रांची के बुंडू निवासी गणेश महतो ने अपने भगिनी का दाखिला पिछड़ी जाति आवासीय प्लस टू बालिका विद्यालय में कराने के नाम पर ठगी का सनहा सीएमओ कार्यालय की ओर से गोंदा थाने में दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी छात्र नेता को दबोच लिया. मामला झारखंड सरकार के लेटर हेड पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का फर्जी हस्ताक्षर (Fake signature of CM Hemant Soren) कर उपनिदेशक कल्याण विभाग रांची को एडमिशन के लिए पत्र भेजने से जुड़ा हुआ है.
सीएम लेटरपैड के नाम पर झांसा: पुलिस की जांच में यह बात सामने आई की बुंडू के रहने वाले छात्र नेता मुकेश कुमार महतो ने राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय प्लस टू विद्यालय जेल मोड़ में दाखिला कराने के लिए मुख्यमंत्री के आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव के फर्जी हस्ताक्षर से कल्याण विभाग को पत्र भेजा था. यह दाखिला तमाड़ निवासी गणेश महतो की भगिनी से संबंधित था. गणेश की भगिनी को स्कूल में दाखिला के लिए परीक्षा दिलाया था लेकिन वह परीक्षा में सफल नहीं हो पाई. इसके बाद गणेश महतो काफी परेशान हो गए. इसी दौरान गणेश की मुलाकात बुंडू कॉलेज के छात्र नेता मुकेश कुमार महतो से हुई. मुकेश महतो ने बताया कि अगर मुख्यमंत्री का पत्र मिल जाए तो नामांकन हो जाएगा.
पूछताछ में खुला राज: पुलिस ने जब इस मामले में गणेश महतो से बुंडू में संपर्क किया और पूछताछ की तो उसने बताया कि मुकेश महतो की ओर से मुख्यमंत्री सचिवालय में आवेदन दिया गया था. इसके बाद संबंधित आवेदन का फोटो कॉपी कराने बुंडू के ओम साइबर कैफे गए, तो कैफे का संचालक असीत कुम्हार ने कहा इससे दाखिला नहीं होगा. मेरे पास फारमेट है, इस फारमेट के जरिए दाखिला किया जा सकता है. उसने झारखंड सरकार के लेटर हेड पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का फर्जी हस्ताक्षर कर उपनिदेशक कल्याण विभाग रांची को एडमिशन के लिए पत्र भेजा. इसके अलावा झारखंड सरकार के लेटर हेड पर मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव के फर्जी हस्ताक्षर से कल्याण विभाग रांची को नामांकन के लिए लेटर तैयार करवाया गया. जिसे विकास आयुक्त कार्यालय में जमा किया गया था.