रांचीः अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले पूरे झारखंड में सुरक्षा को लेकर विशेष एहतियात बरती जाएगी. सोमवार को झारखंड पुलिस मुख्यालय से डीजीपी कमलनयन चौबे ने सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया कि वह अपने जिलों में चिन्हित सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें. इसके साथ ही उनके खिलाफ ऐहतियातन धारा 113, 116 के तहत वारंट लें, जिससे जरूरत पड़ने पर सांप्रदायिक तत्वों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सके.
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स्पेसल ब्रांच ने भी किया है अलर्ट
राज्य पुलिस की विशेष शाखा ने भी बीते 5 सालों तक सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल रहे तीन हजार से अधिक लोगों की सूची तैयार की है. इस सूची को भी सभी जिलों के एसपी को भेजा गया है. स्पेसल ब्रांच के अनुसार चिन्हित तत्वों पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है.
हर जिले के संवेदनशील जगह पर लगेगी सीसीटीवी
डीजीपी ने बताया कि सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर वहां विशेष ऐहतियात बरतें. इन जगहों पर सीसीटीवी लगाने और किसी भी तरह की वारदात होने की स्थिति में लगातार वीडियोग्राफी कराने को कहा गया है, जिससे उपद्रव की स्थिति में उपद्रवियों को चिन्हित किया जा सके.
ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. सांप्रदायिक तत्वों के लिहाज से 7-8 जिलों को चिन्हित कर वहां रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की जाएगी. जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह फोर्स को आंतरिक तौर पर हमेशा तैयार रखें. किसी भी घटना की सूचना मिलने पर एसपी को तत्काल घटनास्थल पर जाना होगा.
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खुद एफबी- ट्वीटर पर सक्रिय रहेंगे एसपी
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह सोशल मीडिया पर खुद नजर बनाए रखें. अपने जिलों के प्रमुख व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के संपर्क में रहें. एडमिन को यह हिदायत दी जाए की व्हाट्सएप ग्रुप में कोई आपत्तिजनक या अफवाह फैलाने वाल पोस्ट न आए. अगर कोई ऐसी पोस्ट करे तो तत्काल जानकारी एसपी को देने का निर्देश दिया जाए. जिलों के एसपी को डीजीपी ने आदेश दिया है कि वह किसी भी तरह की अफवाह के प्रचार होने पर अपने ट्वीटर या फेसबुक एकाउंट से हकीकत बताएं.
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अच्छे लोगों को एक्टिव करें
डीजीपी ने जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वह अयोध्या के फैसले के पहले शांति समिति की बैठक कर लें. जिलावार हर समुदाय के ऐसे लोगों को एक्टिव करें, जो सामाजिक समरसता, एकता बनाए रखने के लिए सामने आते रहे हैं.