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अयोध्या फैसले के पहले पुलिस की बड़ी तैयारी, सांप्रदायिक तत्वों को चिन्हित कर वारंट लेने का आदेश जारी - झारखंड सांप्रदायिक तत्वों को रोकने के इंतजाम

अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले पूरे झारखंड में विशेष सुरक्षा एहतियात बरती जाएगी. इसे लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय से डीजीपी कमलनयन चौबे ने सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर कई निर्देश दिए गए हैं.

फाइल फोटो - डीजीपी कमल नयन चौबे
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Published : Nov 5, 2019, 6:14 AM IST

रांचीः अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले पूरे झारखंड में सुरक्षा को लेकर विशेष एहतियात बरती जाएगी. सोमवार को झारखंड पुलिस मुख्यालय से डीजीपी कमलनयन चौबे ने सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया कि वह अपने जिलों में चिन्हित सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें. इसके साथ ही उनके खिलाफ ऐहतियातन धारा 113, 116 के तहत वारंट लें, जिससे जरूरत पड़ने पर सांप्रदायिक तत्वों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सके.

arrangements to stop communal elements after Ayodhya verdict in Jharkhand
फाइल फोटो - डीजीपी कमल नयन चौबे

स्पेसल ब्रांच ने भी किया है अलर्ट
राज्य पुलिस की विशेष शाखा ने भी बीते 5 सालों तक सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल रहे तीन हजार से अधिक लोगों की सूची तैयार की है. इस सूची को भी सभी जिलों के एसपी को भेजा गया है. स्पेसल ब्रांच के अनुसार चिन्हित तत्वों पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है.

हर जिले के संवेदनशील जगह पर लगेगी सीसीटीवी
डीजीपी ने बताया कि सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर वहां विशेष ऐहतियात बरतें. इन जगहों पर सीसीटीवी लगाने और किसी भी तरह की वारदात होने की स्थिति में लगातार वीडियोग्राफी कराने को कहा गया है, जिससे उपद्रव की स्थिति में उपद्रवियों को चिन्हित किया जा सके.
ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. सांप्रदायिक तत्वों के लिहाज से 7-8 जिलों को चिन्हित कर वहां रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की जाएगी. जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह फोर्स को आंतरिक तौर पर हमेशा तैयार रखें. किसी भी घटना की सूचना मिलने पर एसपी को तत्काल घटनास्थल पर जाना होगा.

ये भी पढ़ें-कैंडिडेट के नामों पर दिल्ली में लगेगी अंतिम मुहर, शीर्ष नेतृत्व का फैसला होगा सर्वमान्य: गीता कोड़ा

खुद एफबी- ट्वीटर पर सक्रिय रहेंगे एसपी
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह सोशल मीडिया पर खुद नजर बनाए रखें. अपने जिलों के प्रमुख व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के संपर्क में रहें. एडमिन को यह हिदायत दी जाए की व्हाट्सएप ग्रुप में कोई आपत्तिजनक या अफवाह फैलाने वाल पोस्ट न आए. अगर कोई ऐसी पोस्ट करे तो तत्काल जानकारी एसपी को देने का निर्देश दिया जाए. जिलों के एसपी को डीजीपी ने आदेश दिया है कि वह किसी भी तरह की अफवाह के प्रचार होने पर अपने ट्वीटर या फेसबुक एकाउंट से हकीकत बताएं.

ये भी पढ़ें-मौजूदा राजनीतिक परिदृष्य पर बीजेपी की बैठक, उम्मीदवारों को लेकर दोबारा बैठेगी बीजेपी चुनाव समिति

अच्छे लोगों को एक्टिव करें
डीजीपी ने जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वह अयोध्या के फैसले के पहले शांति समिति की बैठक कर लें. जिलावार हर समुदाय के ऐसे लोगों को एक्टिव करें, जो सामाजिक समरसता, एकता बनाए रखने के लिए सामने आते रहे हैं.

रांचीः अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले पूरे झारखंड में सुरक्षा को लेकर विशेष एहतियात बरती जाएगी. सोमवार को झारखंड पुलिस मुख्यालय से डीजीपी कमलनयन चौबे ने सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया कि वह अपने जिलों में चिन्हित सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें. इसके साथ ही उनके खिलाफ ऐहतियातन धारा 113, 116 के तहत वारंट लें, जिससे जरूरत पड़ने पर सांप्रदायिक तत्वों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सके.

arrangements to stop communal elements after Ayodhya verdict in Jharkhand
फाइल फोटो - डीजीपी कमल नयन चौबे

स्पेसल ब्रांच ने भी किया है अलर्ट
राज्य पुलिस की विशेष शाखा ने भी बीते 5 सालों तक सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल रहे तीन हजार से अधिक लोगों की सूची तैयार की है. इस सूची को भी सभी जिलों के एसपी को भेजा गया है. स्पेसल ब्रांच के अनुसार चिन्हित तत्वों पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है.

हर जिले के संवेदनशील जगह पर लगेगी सीसीटीवी
डीजीपी ने बताया कि सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर वहां विशेष ऐहतियात बरतें. इन जगहों पर सीसीटीवी लगाने और किसी भी तरह की वारदात होने की स्थिति में लगातार वीडियोग्राफी कराने को कहा गया है, जिससे उपद्रव की स्थिति में उपद्रवियों को चिन्हित किया जा सके.
ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. सांप्रदायिक तत्वों के लिहाज से 7-8 जिलों को चिन्हित कर वहां रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की जाएगी. जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह फोर्स को आंतरिक तौर पर हमेशा तैयार रखें. किसी भी घटना की सूचना मिलने पर एसपी को तत्काल घटनास्थल पर जाना होगा.

ये भी पढ़ें-कैंडिडेट के नामों पर दिल्ली में लगेगी अंतिम मुहर, शीर्ष नेतृत्व का फैसला होगा सर्वमान्य: गीता कोड़ा

खुद एफबी- ट्वीटर पर सक्रिय रहेंगे एसपी
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह सोशल मीडिया पर खुद नजर बनाए रखें. अपने जिलों के प्रमुख व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के संपर्क में रहें. एडमिन को यह हिदायत दी जाए की व्हाट्सएप ग्रुप में कोई आपत्तिजनक या अफवाह फैलाने वाल पोस्ट न आए. अगर कोई ऐसी पोस्ट करे तो तत्काल जानकारी एसपी को देने का निर्देश दिया जाए. जिलों के एसपी को डीजीपी ने आदेश दिया है कि वह किसी भी तरह की अफवाह के प्रचार होने पर अपने ट्वीटर या फेसबुक एकाउंट से हकीकत बताएं.

ये भी पढ़ें-मौजूदा राजनीतिक परिदृष्य पर बीजेपी की बैठक, उम्मीदवारों को लेकर दोबारा बैठेगी बीजेपी चुनाव समिति

अच्छे लोगों को एक्टिव करें
डीजीपी ने जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वह अयोध्या के फैसले के पहले शांति समिति की बैठक कर लें. जिलावार हर समुदाय के ऐसे लोगों को एक्टिव करें, जो सामाजिक समरसता, एकता बनाए रखने के लिए सामने आते रहे हैं.

Intro:अयोध्या फैसले के पहले पुलिस की बड़ी तैयारी , सांप्रदायिक तत्वों को चिन्हित कर वारंट लेने का आदेश जारी


रांची।
अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पूर्व पूरे झारखंड में सुरक्षा को लेकर विशेष एहतियात बरती जाएगी। सोमवार को झारखंड पुलिस मुख्यालय से डीजीपी कमलनयन चौबे ने सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। डीजीपी कमलनयन चौबे ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वह अपने अपने जिलों में चिन्हित सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ 107 की कार्रवाई करें, साथ ही उनके खिलाफ ऐहतियातन धारा 113, 116 के तहत वारंट लें, ताकि जरूरत पड़ने पर सांप्रदायिक तत्वों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सके।

स्पेसल ब्रांच ने भी किया है अलर्ट

राज्य पुलिस की विशेष शाखा ने भी बीते पांच साल तक सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल रहे तीन हजार से अधिक लोगों की सूची तैयार की है। इस सूची को भी सभी जिलों के एसपी को भेजा गया है।स्पेसल ब्रांच के अनुसार चिन्हित तत्वो पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है।


प्रत्येक जिले के संवेदनशील जगह पर लगेगी सीसीटीवी

डीजीपी कमलनयन चौबे ने बताया कि सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर वहां विशेष ऐहतियात बरतें। इन जगहों पर सीसीटीवी लगाने व किसी भी तरह की वारदात होने की स्थिति में लगातार वीडियोग्राफी कराने को कहा गया है, ताकि उपद्रव की स्थिति में उपद्रवियों को चिन्हित किया जा सके। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। सांपद्रायिकता के लिहाज से सात - आठ जिलों को चिन्हित कर वहां रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की जाएगी। जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह फोर्स को आंतरिक तौर पर हमेशा तैयार रखें। किसी भी घटना की सूचना मिलने पर एसपी को तत्काल घटनास्थल पर जाना होगा।

सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग, खुद एफबी- ट्वीटर पर सक्रिय रहेंगे एसपी

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जिलों के एसपी को कहा गया है कि वह सोशल मीडिया पर खुद नजर बनाए रखें। अपने अपने जिलों के प्रमुख व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के संपर्क में रहें। एडमिन को यह हिदायत दी जाए की व्हाट्सएप ग्रुप में कोई आपत्तिजनक या अफवाह फैलाने वाल पोस्ट न आए, अगर कोई ऐसी पोस्ट करे तो तत्काल जानकारी एसपी को दें। जिलों के एसपी को डीजीपी ने आदेश दिया है कि वह किसी भी तरह की अफवाह प्रचारित होने पर अपने ट्वीटर या फेसबुक एकाउंट से हकीकत बताएं।

शांति समिति की बैठक करें, अच्छे लोगों को एक्टिव करें

डीजीपी ने जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वह अयोध्या के फैसले के पूर्व शांति समिति की बैठक कर लें, जिलावार प्रत्येक समुदाय के ऐसे लोगों को एक्टिव करें जो समाजिक समरसता, एकता बनाए रखने के लिए सामने आते रहे हैं।

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