रांचीः रांची जिला बार एसोसिएशन (Ranchi District Bar Association) की नई कमेटी का गठन हुए डेढ़ माह से अधिक हो गया है. लेकिन एसोसिएशन के लिए अब तक अकाउंटेंट और लिपिक की बहाली नहीं हो पाई है. इससे जिला बार एसोसिएशन की ओर से बेचे जाने वाले बेल बॉन्ड, शपथ पत्र की बिक्री का काम बंद है. जिसके चलते बार को कमीशन के रूप में मिलने वाले रुपये नहीं मिल पा रहे हैं. इससे बार को रोजाना करीब दो लाख का नुकसान हो रहा है. इधर रांची बार एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही ने बार अध्यक्ष शंभू अग्रवाल को पत्र लिखकर अकाउंटेंट और लिपिक बहाल करने की गुहार लगाई है.
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बता दें कि रांची जिला बार एसोसिएशन बेल बॉन्ड, शपथ पत्र, हाजिरी पेपर, वकालतनामा आदि के माध्यम से कमीशन के रूप में फंड जनरेट करता है, जिस फंड का इस्तेमाल एडवोकेट्स के वेलफेयर के लिए होता है. आम दिनों में रांची जिला बार एसोसिएशन को रोजाना 40-50 हजार रुपया शपथ पत्र के कमीशन से ही मिल जाता है. वहीं वकालतनामा से लगभग 20 हजार और बेल बॉन्ड-हाजिरी पेपर से रोजाना 15 से 20 हजार रुपये बतौर कमीशन प्राप्त हो जाता है.
इसके अलावा भी कई और माध्यम है जिससे रांची जिला बार एसोसिएशन फंड जनरेट करती है, लेकिन इस वक्त अकाउंटेंट और लिपिक की बहाली नहीं हो पाई है. इससे ये सारे कार्य बार एसोसिएशन की ओर से बंद हैं, जिसके कारण बार को कमीशन नहीं मिल रहा है और नुकसान हो रहा है.
आम लोगों को भी परेशानी
इधर, जिला बार एसोसिएशन की ओर से बेल बॉन्ड, शपथ पत्र आदि पेपर नहीं बेचे जाने से लोगों को भटकना पड़ रहा है और दलालों के जरिये सादे पेपर पर इसको तैयार कराना पड़ रहा है. जिससे आम लोगों से मनमानी वसूली हो रही है.
रांची जिला बार एसोसिएशन पर कई बार भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लग चुके हैं. लिहाजा पारदर्शिता को लेकर फिलहाल लेखा-जोखा का काम बंद कर दिया गया है. जब तक अकाउंटेंट और लिपिक की बहाली नहीं हो जाती है तब तक बार द्वारा बेचे जाने वाले तमाम पत्र काम सुचारू नहीं हो पाएगा. इसको लेकर वैकल्पिक व्यवस्था से ही काम चलाया जा सकेगा. बहरहाल सादा पेपर पर बैल बॉन्ड, शपथ पत्र, हाजरी पेपर और वकालतनामा तैयार कराया जा रहा है.