रांचीः राजधानी में धुर्वा के स्मार्ट सिटी क्षेत्र में अपोलो अस्पताल बनने का रास्ता साफ हो गया है, लगभग 2.75 एकड़ भूमि पर हॉस्पिटल का निर्माण किया जाएगा. जिसके लिए भूमि पूजन राज्य स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर को होगा.
गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में सीएम आवास पर अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड चेन्नई और रांची नगर निगम के बीच सब लीज डीड पर हस्ताक्षर हुआ. सब लीज 45 वर्षों के लिए किया गया है, जो भविष्य में कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए बढ़ाया जा सकता है. यहां लगभग 2.75 एकड़ जमीन पर 250 बेड वाली मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण होगा.
जिसमें कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, गायनेकोलॉजी, जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन समेत अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी. अपोलो हॉस्पिटल के द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया गया कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने में यह हॉस्पिटल जरुर सफल होगा. जिसमें 24 घंटे एंबुलेंस सेवा के साथ पार्किंग, फार्मेसी, एटीएम, कैंटीन जैसी सुविधाएं भी रहेंगी. इस अस्पताल से करीब डेढ़ लाख लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. पहले चरण में इस अस्पताल में ओपीडी की शुरुआत होगी.
चिकित्सा सुविधा बेहतर करने में जुटी है सरकार- मुख्यमंत्रीः अपोलो हॉस्पिटल के साथ हुए सब लीज के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में चिकित्सा सुविधा बेहतर करने में सरकार जुटी हुई है ताकि आम जनता को बेहतर और आधुनिक चिकित्सा सुविधा मिल सके. सरकार गठन के साथ ही 2019 से ही स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की दिशा में लगातार काम हो रहा है. इसी कड़ी में सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी हॉस्पिटल को भी सरकार ने प्राथमिकता में रखा है और इसे खोलने के लिए सरकार रियायत भी दे रही है.
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ हुआ समझौता विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में सफल होगा, जिसका लाभ झारखंड के लोगों को मिलेगा. बता दें कि रांची के घाघरा में अपोलो हॉस्पिटल के निर्माण के लिए रांची नगर निगम के द्वारा अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज के साथ 4 सितंबर 2014 को समझौता हुआ था. इस जमीन पर हॉस्पिटल निर्माण हुआ लेकिन वह विवादों में आ गया और उसके बाद निर्माण कार्य लटक गया.