रांची: जहां एक तरफ कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रदेश के लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य भर में कार्यरत एएनएम जीएनएम द्वारा टीका नहीं लगवाने के निर्णय ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है.
दरअसल, बुधवार देर शाम अनुबंधित कर्मचारी संघ की बैठक बुलाई गई थी. इसमें अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की गई. इसमें कर्मचारियों ने कहा कि सरकार पिछले 14 वर्षों से हमारे स्थायीकरण को लेकर टाल-मटोल कर रही है. वर्ष 2007 से ही हम लोग स्वास्थ्य विभाग में एएनएम और जीएनएम के रूप में कार्यरत हैं लेकिन हमारा मानदेय अब तक मात्र 15 हजार रुपये प्रतिमाह है और हमें कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही है.
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स्वास्थ्यमंत्री से की मुलाकात
इसको लेकर झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा कि अगस्त में ही सरकार ने हमें आश्वासन दिया था कि कोरोना काल में मानवता के नाते हम लोग सेवा करते रहें, जल्द ही हमें स्थायी कर दिया जाएगा. लेकिन अब कोरोना की वैक्सीन भी आ गई. इसके बाद भी हमें स्थायी करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. इसीलिए हम लोगों ने बुधवार को बैठक में निर्णय लिया है कि अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम लोग कोरोना का टीका नहीं लगवाएंगे. लेकिन मानवता के नाते वैक्सीन लगाने के काम में मदद करेंगे. इन लोगों ने अपनी मांग को लेकर बुधवार देर शाम स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात की. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके स्थायीकरण को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी. इसके बाद 15 जनवरी तक उन्हें बताया जाएगा.