रांचीः झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (Jharkhand Renewable Energy Development ) के तत्कालीन निदेशक निरंजन कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. विजिलेंस कोर्ट (Vigilance Court) ने गुरुवार को निदेशक के अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
यह भी पढ़ेंःबिजली कनेक्शन के लिए रिश्वत मांगना पड़ा महंगा, भेजा गया जेल
170 करोड़ की अनियमितता का आरोप
निदेशक पद पर रहते निरंजन कुमार ने नियम कानून को ताक में रखकर अवैध रूप से पद पर काबिज रहे. इसके साथ ही अपने वेतन की अवैध रूप से निकासी करने और सरकार के विभिन्न खातों से करीब 170 करोड़ रुपए का भुगतान किया है. परिवार के साथ विदेश भ्रमण, संपत्ति विवरण में पत्नी के नाम अर्जित संपत्ति का विवरण ना देना और बोर्ड की सहमति के बिना टेंडर की शर्तों को बदलकर विशेष कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है.
जून 2020 में दर्ज की गई प्राथमिकी
तत्कालीन निदेशक निरंजन कुमार पर एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा एसीबी ने जून 2020 के पहले हफ्ते में की थी. एसीबी ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को भेजी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद निरंजन कुमार के खिलाफ एसीबी ने 170 करोड़ की अनियमितता और आय से अधिक संपत्ति की केस दर्ज की थी
एसीबी ने की थी प्रारंभिक जांच
शुरुआती जांच में निरंजन कुमार के अलावे श्रीराम सिंह, अरविंद कुमार सहित कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिली थी. मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग ने एसीबी को प्रारंभिक जांच के लिए प्राधिकृत किया था. एसीबी ने परिवाद पत्र में दर्ज सभी आरोपों की प्रारंभिक जांच कर साक्ष्य और दस्तावेजों के आधार पर तीनों पदाधिकारियों के विरुद्ध कांड अंकित करने की अनुशंसा की थी.