रांची: राज्य भर के आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ अपनी 5 सूत्री लंबित मांगों को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं. सरकार की ओर से उनकी मांगों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यभर की आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका राजभवन के समक्ष एकत्रित हुई, लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें धरना स्थल पर ही रोक दिया गया.
सरकार चाहती है कि महिला सड़क पर मांगे भीख
इसके बाद आक्रोशित महिलाओं ने राजभवन के समक्ष भिक्षाटन का कार्यक्रम शुरु कर दिया. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ ने राहगीरों से भीख मांग कर सरकार के प्रति अपना विरोध जताया. उनका कहना है कि सरकार उन्हें इतना भी मानदेय नहीं देती है, जिससे उनका गुजर-बसर चल सके. मजबूर होकर उन्होंने राजभवन के समक्ष गुरुवार को भीख मांगने का काम किया. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार यही चाहती है कि महिलाएं सड़क पर भीख मांगे.
महिला सशक्तिकरण
एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है तो दूसरी तरफ सरकार लगातार महिलाओं की मांगों को नजरअंदाज करती आ रही है. वहीं, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ की अध्यक्ष सुमन कुमारी ने कहा कि पिछली बार नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में सरकार की ओर से उनके स्वागत के लिए आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ को ले जाया गया था, लेकिन इस बार जब वो अपनी मांग से अवगत कराने के लिए कार्यक्रम स्थल पहुंचना चाही, तो प्रशासन की ओर से जबरन उन्हें राजभवन के समक्ष ही रोक दिया गया.
मानदेय में वृद्धि
बता दें कि आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ पिछले 16 अगस्त से लगातार आंदोलनरत है. सरकार की ओर से मानदेय में वृद्धि को लेकर एक कमेटी गठन करने का निर्देश दिया है, तो वहीं समय सीमा 60 साल से 62 साल कर दिया गया है, लेकिन आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ अपनी मानदेय में वृद्धि की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत है.