रांची: देवघर रोपवे हादसा में 10 अप्रैल को गंभीर रूप से घायल हुए डेढ़ साल के मासूम आनंद को आज मेडिका अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. आनंद को चेहरे में गम्भीर और जानलेवा चोटें आईं थीं. जिसके बाद उसे 15 अप्रैल को बेहतर इलाज के लिए मेडिका में मैक्सिलोफेसियल सर्जन डॉक्टर अनुज और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बिनोद की देख रेख में भर्ती कराया गया था.
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रेसोर्बेबल प्लेटलेट्स का किया गया इस्तेमाल: डॉक्टर अनुज ने बताया की आनंद के लिए विशेष रूप से शरीर के अंदर ही लगने वाले इंप्लांट दिल्ली से मंगाए गए थे. मेडिका के डॉक्टरों ने बताया कि पूर्वी भारत में पहली बार ऐसी सर्जरी हुई है, जिसमें बायो रेसोर्बेबल प्लेटलेट्स (Bioresorbable Platelets) का इस्तेमाल किया गया हो.
करीब तीन घंटे तक चला आनंद का जटिल ऑपरेशन: इस जटिल सर्जरी में करीब करीब तीन घंटे तक का समय लग गया. डॉक्टर अनुज ने रेसोर्बेबल प्लेट्स की मदद से चेहरे की टूटी हुई हड्डियों को जोड़ा और उसके बाद बच्चे के बुरी तरीके से ज़ख़्मी चेहरे को प्लास्टिक सर्जरी कर ठीक किया. बच्चे की गंभीर अवस्था को देखते हुए सर्जरी के बाद बच्चे को 2 दिनों के लिए डॉक्टर विजय मिश्रा की निगरानी में गहन चिकित्सा केंद्र (क्रिटिकल केयर यूनिट) में रखा गया था.
परिजनों ने राज्य सरकार का किया धन्यवाद: आनंद के पिता ने झारखंड सरकार और मेडिका अस्पताल के डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे के ठीक हो जाने के बाद उन्हें अब काफी खुशी महसूस हो रही है. उन्होंने कहा की उन्हें उम्मीद नहीं थी की इतनी जल्दी उनका बच्चा पूरी तरह से ठीक हो जाएगा लेकिन, जिस लगन से मेडिका के चिकित्सकों ने बच्चे का इलाज किया है, ऐसा लग रहा कि आज उनका बच्चा मौत के मुंह से वापस लौट आया.