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आसमान में दिखा सूर्य का अद्भुत नजारा, जानिए इस खगोलीय घटना के पीछे का रहस्य - हजारीबाग में दिखा सूर्य का अद्भुत नजारा

कोरोना महामारी के बीच सूर्य के चारों ओर एक अद्भुत नजारा देखने को मिला है. सूर्य के चारों ओर गोलाकार आकृति देखने को मिली जो सतरंगी थी. इसे देख लोगों ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर एक दूसरे को शेयर किया.

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सूर्य का अद्भुत नजारा
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Published : Apr 26, 2021, 1:25 PM IST

Updated : Apr 26, 2021, 2:30 PM IST

रांची: झारखंड की राजधानी रांची सहित अन्य शहरों में आज सुबह आसमान में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जिसे देख लोग हैरत में पड़ गए. दरअसल लोगों ने आसमान में सूर्य के चारों तरफ एक अनोखी गोलाकार रिंग देखी. सूर्य के चारों तरफ ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने आसमान में बड़ा गोला बना दिया हो और सूर्य को उसमें कैद कर दिया हो. सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होते ही लोग इस अद्भुत नजारे को देखने अपने छतों पर पहुंच गए, जिसके बाद लगातार फोटो सोशल मीडिया टि्वटर के माध्यम से लोगों ने एक दूसरे को शेयर किया. लोगों में इसको लेकर काफी उत्सुकता देखी गई.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- देवघर में बाबा मंदिर के ऊपर दिखा अद्भुत नजारा

अद्भुत नजारा बना कौतूहल का विषय

कोरोना काल में लोगों को जहां एक तरफ बुरी खबर मिल रही है वहीं खगोलीय घटना ने लोगों का ध्यान थोड़ा देर के लिए अपनी ओर आकर्षित कर लिया. सूर्य का यह नजारा लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना रहा.

क्यों कहा जाता है 22 डिग्री सर्कुलर हलो
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि सूर्य के चारों ओर एक लाल और एक नीला वलय देखा गया. खगोल विज्ञान में इसे ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहते हैं. ऐसा तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा की किरणें बादलों में मौजूद षट्कोणीय बर्फ क्रिस्टलों से अपवर्तित हो जाती हैं. सूर्य के चारों ओर सतरंगी घेरा देखा गया, जिसे वैज्ञानिक भाषा में 'हलो' बोला जाता है.

क्या है मुख्य कारण
इसका मुख्य कारण आइस क्रिस्टल पर सूर्य की रोशनी का परावर्तन होना है. आइस क्रिस्टल ऊपरी वायुमंडल में धरती से पांच से दस किमी ऊपर संस्पेंडेड फॉर्म यानी लटकी हुई अवस्था में रहते हैं. यह घटना मार्च और अप्रैल के महीने में ज्यादा होती है. यह बारिश होने की भी भविष्यवाणी करती है.

अगर सूर्य या चंद्रमा के इर्द-गिर्द रिंग दिखता है तो माना जाता है कि बरसात होने वाली है. इसका यह भी अर्थ है कि यह रिंग हमेशा आधी या तूफान से पहले या बाद में दिखाई पड़ता है. वैसे आम तौर पर यह 22 डिग्री पर ही बनता है, इसलिए इसे '22 डिग्री सर्कुलर हलो' भी कहते हैं.

हजारीबाग में भी दिखा नजारा
कुछ इसी तरह का नजारा हजारीबाग में देखा गया, जहां सूर्य के चारों ओर गोलाकार आकृति देखी गई. इसमें सात रंग भी दिख रहे थे. कई लोग अपने मोबाइल में भी इस अनोखी घटना को कैद कर थे. कहा जाए तो बरसों बाद इस तरह का नजारा आकाश में देखने को मिला है. यह नजारा अब हजारीबाग की विभिन्न सोशल साइट्स पर भी वायरल हो रहे हैं.

लोगों का कहना है कि इस महामारी के बीच अनोखी घटना कुछ अच्छे संकेत भी दे सकते हैं. आकाश में इंद्रधनुष देखने को बरसात के दिनों में मिलता है लेकिन प्रचंड गर्मी में बीच दोपहर में इस तरह का आकृति शायद पहली बार देखा हो.

रांची: झारखंड की राजधानी रांची सहित अन्य शहरों में आज सुबह आसमान में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जिसे देख लोग हैरत में पड़ गए. दरअसल लोगों ने आसमान में सूर्य के चारों तरफ एक अनोखी गोलाकार रिंग देखी. सूर्य के चारों तरफ ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने आसमान में बड़ा गोला बना दिया हो और सूर्य को उसमें कैद कर दिया हो. सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होते ही लोग इस अद्भुत नजारे को देखने अपने छतों पर पहुंच गए, जिसके बाद लगातार फोटो सोशल मीडिया टि्वटर के माध्यम से लोगों ने एक दूसरे को शेयर किया. लोगों में इसको लेकर काफी उत्सुकता देखी गई.

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अद्भुत नजारा बना कौतूहल का विषय

कोरोना काल में लोगों को जहां एक तरफ बुरी खबर मिल रही है वहीं खगोलीय घटना ने लोगों का ध्यान थोड़ा देर के लिए अपनी ओर आकर्षित कर लिया. सूर्य का यह नजारा लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना रहा.

क्यों कहा जाता है 22 डिग्री सर्कुलर हलो
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि सूर्य के चारों ओर एक लाल और एक नीला वलय देखा गया. खगोल विज्ञान में इसे ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहते हैं. ऐसा तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा की किरणें बादलों में मौजूद षट्कोणीय बर्फ क्रिस्टलों से अपवर्तित हो जाती हैं. सूर्य के चारों ओर सतरंगी घेरा देखा गया, जिसे वैज्ञानिक भाषा में 'हलो' बोला जाता है.

क्या है मुख्य कारण
इसका मुख्य कारण आइस क्रिस्टल पर सूर्य की रोशनी का परावर्तन होना है. आइस क्रिस्टल ऊपरी वायुमंडल में धरती से पांच से दस किमी ऊपर संस्पेंडेड फॉर्म यानी लटकी हुई अवस्था में रहते हैं. यह घटना मार्च और अप्रैल के महीने में ज्यादा होती है. यह बारिश होने की भी भविष्यवाणी करती है.

अगर सूर्य या चंद्रमा के इर्द-गिर्द रिंग दिखता है तो माना जाता है कि बरसात होने वाली है. इसका यह भी अर्थ है कि यह रिंग हमेशा आधी या तूफान से पहले या बाद में दिखाई पड़ता है. वैसे आम तौर पर यह 22 डिग्री पर ही बनता है, इसलिए इसे '22 डिग्री सर्कुलर हलो' भी कहते हैं.

हजारीबाग में भी दिखा नजारा
कुछ इसी तरह का नजारा हजारीबाग में देखा गया, जहां सूर्य के चारों ओर गोलाकार आकृति देखी गई. इसमें सात रंग भी दिख रहे थे. कई लोग अपने मोबाइल में भी इस अनोखी घटना को कैद कर थे. कहा जाए तो बरसों बाद इस तरह का नजारा आकाश में देखने को मिला है. यह नजारा अब हजारीबाग की विभिन्न सोशल साइट्स पर भी वायरल हो रहे हैं.

लोगों का कहना है कि इस महामारी के बीच अनोखी घटना कुछ अच्छे संकेत भी दे सकते हैं. आकाश में इंद्रधनुष देखने को बरसात के दिनों में मिलता है लेकिन प्रचंड गर्मी में बीच दोपहर में इस तरह का आकृति शायद पहली बार देखा हो.

Last Updated : Apr 26, 2021, 2:30 PM IST
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