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कांके विधानसभा सीट से सभी दलों की प्रतिष्ठा दांव पर, क्या समरी लाल बरकरार रख पाएंगे बीजेपी का झंडा!

रांची के कांके विधानसभा सीट की लड़ाई इस बार दिलचस्प हो गई है. बीजेपी ने सिटिंग विधायक का टिकट काटकर समरी लाल पर भरोसा जताया है. वहीं बीजेपी के पुराने सहयोगी आजसू ने भी इसबार यहां से उम्मीदवार उतारा है. यह सीट बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती रही है.

All parties fielded candidates from Kanke assembly seat
कांके की लड़ाई काफी दिलचस्प
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Published : Nov 26, 2019, 1:11 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के सरगर्मी के बीच कांके विधानसभा सीट पर सभी पार्टियों की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह बीजेपी का परंपरागत सीट मानी जाती है. पिछले तीन बार से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर 2014 में बीजेपी के जीतू चरण राम ने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा को हराकर जीत हासिल की थी.

देखें स्पेशल स्टोरी

कांके विधानसभा सीट कई मायनों में अहम माना जाती है, क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसी संस्थान हैं जो विश्वव्यापी अपना स्थान रखती है. जैसे रिनपास, सीआईपी , बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ कॉलेज, रिम्स, बीआईटी, खनिज संपदा से परिपूर्ण खलारी इस विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ता है. इस बार भी इस सीट से सभी दल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन जनता किसपर भरोसा करती है यह वोटिंग के बाद ही पता चलेगा.

इसे भी पढ़ें:- झारखंड में बढ़ा सियासी तापमान, पीएम मोदी ने पलामू में भरी हुंकार, कहा- डबल इंजन की सरकार से हुआ विकास

बीजेपी ने सिटिंग विधायक का काटा टिकट
कांके विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर पिछली बार 2014 में बीजेपी की टिकट से जीतू चरण राम को 1,15,207 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को 60 हजार वोटों से हराया था, लेकिन इस बार सिटिंग विधायक जीतू चरण राम का टिकट काटकर पार्टी ने समरी लाल पर भरोसा जताया है.

समरी लाल का राजनीतिक अनुभव लंबा
समरी लाल बीजेपी से 2013 में जुड़े हैं, हालांकि समरी लाल का बीजेपी में लंबा सफर नहीं रहा है, लेकिन अगर राजनीतिक जीवन की बात करें तो उनका लंबा अनुभव रहा है. समरी लाल 1989 में जनता दल के टिकट से कांके विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. उसके बाद आरजेडी की टिकट से चुनाव लड़े. 2005 में उन्होंने जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़ा. दोबारा 2009 में भी उन्होंने जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई है.

इसे भी पढ़ें:- BJP की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, कांग्रेस ने कांके सीट के प्रत्याशी समरी लाल की उम्मीदवारी रद्द करने की रखी मांग

समरी लाल ने जेपी आंदोलन में निभाई अहम भूमिका
इनके जीवन की बात करें तो रांची विश्वविद्यालय से उन्होंने M.A की पढ़ाई की है. 1974 के जेपी आंदोलन में उन्होंने सक्रिय आंदोलनकारी की भूमिका निभायी थी.1983 में वो रांची कॉलेज रांची छात्र संघ के महासचिव पद के लिए निर्वाचित हुए. समरी लाल के पास न अपना घर है और न ही बैंक बैलेंस और न ही इनके नाम से कोई भी प्रॉपर्टी. बीजेपी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में एक साधारण नेता के रुप में उनपर भरोसा जताया.

समरी लाल ने बीजेपी के भरोसे पर खरा उतरने का दावा किया. उन्होंने कहा कि जनता का भरपूर सहयोग मिलेगा और जो भी कार्य बचे हुए हैं, उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास किया जाएगा, क्योंकि कांके में ऐसी कई संस्था है जो पूरे देश में अपना अलग महत्व रखती है.

कांग्रेस ने सुरेश बैठा को दोबारा दिया टिकट
वहीं, कांग्रेस की भी कांके विधानसभा क्षेत्र पर नजर रही है. कांग्रेस ने इस बार पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को टिकट दिया था, लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद कांग्रेस ने सुरेश बैठा को दोबारा टिकट दिया. पिछले 20 सालों से कांग्रेस कार्यकर्ता रहे सुरेश बैठा 1995 से यूथ कांग्रेस से जुड़े रहे और जनता के बीच लगातार जाते रहे हैं. 2009 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन बीजेपी के रामचंद्र बैठा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 में उन्हें फिर से टिकट दिया, लेकिन बीजेपी के जीतू चरण राम से उन्हें हार का सामने करना पड़ा. इस बार भी वो कांग्रेस के ही टिकट से कांके विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में है.

इसे भी पढ़ें:- सरयू के रघुवर पर तीखे स्वर, 2005 के मेनहार्ट मामले में सीएम को कटघरे में किया खड़ा

जेवीएम ने कमलेश राम को चुनावी मैदान में उतारा
जेवीएम के टिकट से छात्र नेता कमलेश राम इस बार चुनावी मैदान में हैं. 2014 में उन्होंने कांके विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वो क्षेत्र की जनता के पास अपनी बातों को पहुंचाने में असफल रहे. उन्होंने कहा कि इस बार क्षेत्र की जनता निश्चित ही जनता उन्हें आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजेगी. उनका मानना है कि कांके एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां पर कई संस्थान है, जिससे जुड़ कर युवाओं की बेरोजगारी दूर की जाएगी. उन्होंने क्षेत्र के किसानों को आधुनिक तरीके से जोड़ने का भी दावा किया.

आजसू ने भी उतारा प्रत्याशी
कांके विधानसभा से कई ऐसे प्रत्याशी हैं जो पिछले बार भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. एनडीए से अलग होकर आजसू ने भी इस बार रामजीत गंझु को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं 2014 में जेएमएम से चुनावी मैदान में उतरे डॉ अशोक नाग को जदयू ने टिकट दिया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता यहां फिर से कमल खिलाना चाहती है या किसी और पर विश्वास करती है.

2014 में कांके विधानसभा के परिणाम

  • बीजेपी के जीतू चरण राम को कुल 115702 वोट मिले
  • कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को 55898 वोट मिले.
  • जेएमएम के अशोक कुमार नाग को 17411 वोट मिले थे.
  • सीपीआई के सूबेदार राम को 4735 वोट मिले
  • एआई टीसी के निरंजन कालंदी को 19 68 वोट मिले थे.
  • आईएमडी के राजेश रजक को 1630 वोट मिले थे.

बीजेपी के सिटिंग विधायक जीतू चरण राम ने टिकट कटने पर कहा कि वे बीजेपी के एक सच्चे सिपाही हैं. पार्टी ने जिसे भी टिकट दिया है, उसे मैं जिताने में पूरा सहयोग करूंगा, मेरा पूरा समर्थन है. उन्होंने कहा कि मैंने क्षेत्र की जनता के लिए बहुत काम किया है, उन्होंने इस बार भी बीजेपी के प्रत्याशी का जीत का दावा किया है.

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के सरगर्मी के बीच कांके विधानसभा सीट पर सभी पार्टियों की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह बीजेपी का परंपरागत सीट मानी जाती है. पिछले तीन बार से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर 2014 में बीजेपी के जीतू चरण राम ने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा को हराकर जीत हासिल की थी.

देखें स्पेशल स्टोरी

कांके विधानसभा सीट कई मायनों में अहम माना जाती है, क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसी संस्थान हैं जो विश्वव्यापी अपना स्थान रखती है. जैसे रिनपास, सीआईपी , बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ कॉलेज, रिम्स, बीआईटी, खनिज संपदा से परिपूर्ण खलारी इस विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ता है. इस बार भी इस सीट से सभी दल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन जनता किसपर भरोसा करती है यह वोटिंग के बाद ही पता चलेगा.

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बीजेपी ने सिटिंग विधायक का काटा टिकट
कांके विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर पिछली बार 2014 में बीजेपी की टिकट से जीतू चरण राम को 1,15,207 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को 60 हजार वोटों से हराया था, लेकिन इस बार सिटिंग विधायक जीतू चरण राम का टिकट काटकर पार्टी ने समरी लाल पर भरोसा जताया है.

समरी लाल का राजनीतिक अनुभव लंबा
समरी लाल बीजेपी से 2013 में जुड़े हैं, हालांकि समरी लाल का बीजेपी में लंबा सफर नहीं रहा है, लेकिन अगर राजनीतिक जीवन की बात करें तो उनका लंबा अनुभव रहा है. समरी लाल 1989 में जनता दल के टिकट से कांके विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. उसके बाद आरजेडी की टिकट से चुनाव लड़े. 2005 में उन्होंने जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़ा. दोबारा 2009 में भी उन्होंने जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई है.

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समरी लाल ने जेपी आंदोलन में निभाई अहम भूमिका
इनके जीवन की बात करें तो रांची विश्वविद्यालय से उन्होंने M.A की पढ़ाई की है. 1974 के जेपी आंदोलन में उन्होंने सक्रिय आंदोलनकारी की भूमिका निभायी थी.1983 में वो रांची कॉलेज रांची छात्र संघ के महासचिव पद के लिए निर्वाचित हुए. समरी लाल के पास न अपना घर है और न ही बैंक बैलेंस और न ही इनके नाम से कोई भी प्रॉपर्टी. बीजेपी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में एक साधारण नेता के रुप में उनपर भरोसा जताया.

समरी लाल ने बीजेपी के भरोसे पर खरा उतरने का दावा किया. उन्होंने कहा कि जनता का भरपूर सहयोग मिलेगा और जो भी कार्य बचे हुए हैं, उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास किया जाएगा, क्योंकि कांके में ऐसी कई संस्था है जो पूरे देश में अपना अलग महत्व रखती है.

कांग्रेस ने सुरेश बैठा को दोबारा दिया टिकट
वहीं, कांग्रेस की भी कांके विधानसभा क्षेत्र पर नजर रही है. कांग्रेस ने इस बार पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को टिकट दिया था, लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद कांग्रेस ने सुरेश बैठा को दोबारा टिकट दिया. पिछले 20 सालों से कांग्रेस कार्यकर्ता रहे सुरेश बैठा 1995 से यूथ कांग्रेस से जुड़े रहे और जनता के बीच लगातार जाते रहे हैं. 2009 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन बीजेपी के रामचंद्र बैठा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 में उन्हें फिर से टिकट दिया, लेकिन बीजेपी के जीतू चरण राम से उन्हें हार का सामने करना पड़ा. इस बार भी वो कांग्रेस के ही टिकट से कांके विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में है.

इसे भी पढ़ें:- सरयू के रघुवर पर तीखे स्वर, 2005 के मेनहार्ट मामले में सीएम को कटघरे में किया खड़ा

जेवीएम ने कमलेश राम को चुनावी मैदान में उतारा
जेवीएम के टिकट से छात्र नेता कमलेश राम इस बार चुनावी मैदान में हैं. 2014 में उन्होंने कांके विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वो क्षेत्र की जनता के पास अपनी बातों को पहुंचाने में असफल रहे. उन्होंने कहा कि इस बार क्षेत्र की जनता निश्चित ही जनता उन्हें आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजेगी. उनका मानना है कि कांके एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां पर कई संस्थान है, जिससे जुड़ कर युवाओं की बेरोजगारी दूर की जाएगी. उन्होंने क्षेत्र के किसानों को आधुनिक तरीके से जोड़ने का भी दावा किया.

आजसू ने भी उतारा प्रत्याशी
कांके विधानसभा से कई ऐसे प्रत्याशी हैं जो पिछले बार भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. एनडीए से अलग होकर आजसू ने भी इस बार रामजीत गंझु को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं 2014 में जेएमएम से चुनावी मैदान में उतरे डॉ अशोक नाग को जदयू ने टिकट दिया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता यहां फिर से कमल खिलाना चाहती है या किसी और पर विश्वास करती है.

2014 में कांके विधानसभा के परिणाम

  • बीजेपी के जीतू चरण राम को कुल 115702 वोट मिले
  • कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को 55898 वोट मिले.
  • जेएमएम के अशोक कुमार नाग को 17411 वोट मिले थे.
  • सीपीआई के सूबेदार राम को 4735 वोट मिले
  • एआई टीसी के निरंजन कालंदी को 19 68 वोट मिले थे.
  • आईएमडी के राजेश रजक को 1630 वोट मिले थे.

बीजेपी के सिटिंग विधायक जीतू चरण राम ने टिकट कटने पर कहा कि वे बीजेपी के एक सच्चे सिपाही हैं. पार्टी ने जिसे भी टिकट दिया है, उसे मैं जिताने में पूरा सहयोग करूंगा, मेरा पूरा समर्थन है. उन्होंने कहा कि मैंने क्षेत्र की जनता के लिए बहुत काम किया है, उन्होंने इस बार भी बीजेपी के प्रत्याशी का जीत का दावा किया है.

Intro:रांची
डे प्लान की स्पेशल खबर

बाइट-- जीतू चरण राम विधायक कांके
बाइट--समरी लाल कांके बीजेपी प्रत्याशी
बाइट-- सुरेश बैठा कांके के कांग्रेस प्रत्याशी
बाइट-- कमलेश राम जेवीएम प्रत्याशी


झारखंड विधानसभा चुनाव केसर गर्मी के बीच कांके विधानसभा क्षेत्र पर सभी पार्टियों की निगाहें टिकी हुई है क्योंकि कांके विधानसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का परंपरागत सीट मानी जाती है। पिछले कई बार के चुनाव से भारतीय जनता पार्टी लगातार पिछले तीन बार से कांके विधानसभा सीट पर अपना कबजा जमाए हुए है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जीतू चरण राम ने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा को हराकर जीत हासिल की थी। कांके विधानसभा कई मायनों में अहम माना जाता है क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसी संस्थान है जो विश्वव्यापी अपना स्थान रखती है जैसे रिनपास ,सी आई पी, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ कॉलेज, रिम्स, बीआईटी,खनिज संपदा से परिपूर्ण खलारी इस विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ती है यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड विकास मोर्चा जैसे कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टी क्षेत्र पर अपनी किस्मत आजाद आजमा चुकी है लेकिन इन पार्टियों को पिछले तीन बार के विधानसभा चुनाव सफलता नहीं मिली है इस बार भी कई कांके विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में हैं अब देखना यह है कि कहां के विधानसभा क्षेत्र की जनता किसके चेहरे पर ताज चढ़ाती है जानते हैं आखिर कौन-कौन से ऐसे प्रत्याशी हैं जो पिछले कई बार से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।


Body:कांके विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर पिछले बार 2014 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से जीतू चरण राम को 1,15,207 वोट मिले थे और उन्होंने कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को 60 हजार वोटों से हराया था लेकिन इस बार सेटिंग विधायक जीतू चरण राम का टिकट काटकर पार्टी ने समरी लाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया है समरी लाल भारतीय जनता पार्टी से 2013 में जुड़े। हालांकि समरी लाल का भारतीय जनता पार्टी में लंबा सफर नहीं रहा है फिर भी राजनीतिक जीवन की बात करें तो समरी लाल का लंबा अनुभव रहा है समरी लाल 1999 में जनता दल से कांके विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल की टिकट से 1995 में चुनाव लड़े 2005 झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट से चुनाव लड़े दोबारा 2009 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी आकर विधानसभा क्षेत्र से समरी लाल ने जीत हासिल नहीं किया लेकिन इसके बावजूद भी समरी लाल कांके विधानसभा क्षेत्र के लोगों से लगातार जुड़े रहे। इनके जीवन की बात करें तो रांची विश्वविद्यालय से इन्होंने m.a. किया है 1974 के जेपी आंदोलन में सक्रिय आंदोलनकारी के रूप में भाग लेने का अनुभव है 1983 में रांची कॉलेज रांची छात्र संघ के महासचिव पद के लिए निर्वाचित हुए। समरी लाल की बात करें तो ना तो समरी लाल के पास अपना घर है और ना ही बैंक बैलेंस और ना ही इनके नाम से कोई भी प्रॉपर्टी है 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने समय लाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें कांके विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी बनाया है। समरी लाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन पर भरोसा जाता है इस बार कहां के की जनता का भरपूर सहयोग मिलेगा और जो भी कार्य बचे हुए थे उसे पूरा करने का मैं कार्य करूंगा क्योंकि कांके में ऐसी कई संस्था है जो पूरे देश में अपना अलग महत्व रखता है।

वही कांग्रेस की भी कांके विधानसभा क्षेत्र पर नजर रही है कांग्रेस ने इस बार पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को टिकट दिया था लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद कांग्रेस बैठा को दोबारा टिकट दिया गया पिछले 20 वर्षों से कांग्रेस कार्यकर्ता रहे सुरेश बैठा 1995 से यूथ कांग्रेस से जुड़े रहे और जनता के बीच लगातार रहे 2009 में पार्टी ने भरोसा जताते हुए कहा कि प्रत्याशी के रूप में सुरेश बैठा को कांके विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के रामचंद्र बैठा से हार गए पार्टी ने फिर दोबारा 2014 में भरोसा जताते हुए टिकट दिया लेकिन फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जीतू चरण राम से हार गए। इस बार 2019 में कांग्रेस के टिकट से कांके विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में है

झारखंड विकास मोर्चा के टिकट से छात्र नेता कमलेश राम इस बार चुनावी मैदान में हैं 2014 में कांके विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़े थे उस समय क्षेत्र की जनता के पास अपनी बातों को नहीं पहुंचा सके और उस समय भी हार गया इस बार कमलेश राम झारखंड विकास मोर्चा बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में कांके से चुनाव लड़ रहे हैं इनका मानना है कि इस बार निश्चित ही काकी जी की जनता उन्हें भरोसा जताते हुए जीत दिलाएंगे उनका मानना है कि कांके एक ऐसी विधानसभा है जहां पर कई संस्थान है जिस से जुड़ कर युवाओं को बेरोजगारी को दूर किया जा सकता है शासित क्षेत्र के किसानों को आधुनिक तरीके से कृषि से जोड़ा जा सकता है

कांके विधानसभा से कई ऐसे और प्रत्याशी हैं जो पिछले बार भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं एनडीए से अलग होकर आजसू ने भी अपनी प्रत्याशी रामजीत गंझु को चुनावी मैदान में उतारा है तुम ही 2014 में झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनावी मैदान में उतरे डॉ अशोक नागेश्वर जदयू के टिकट से चुनावी मैदान में हैं देखना दिलचस्प होगा कि इस बार कहां की की जनता दोबारा खाकर विधानसभा क्षेत्र में कमल का फूल खिलाती है या फिर बदलाव चाहती है


2014 में कांके विधानसभा के परिणाम

भारतीय जनता पार्टी जीतू चरण राम को कुल 115702 वोट मिले

कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठक 55898 वोट मिले

जेएमएम के अशोक कुमार नाग को 17411 वोट मिले

सीपीआई के सूबेदार राम को 4735 वोट मिले

एआई टीसी के निरंजन कालंदी को 19 68 वोट मिले

आईएमडी के राजेश रजक को 1630 वोट मिले

वही आंकड़े के अनुसार बात करें तो पिछले तीन बार से भारतीय जनता पार्टी का कांके विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा रहा है

2014 में बीजेपी के उम्मीदवार जीतू चरण राम 115702 वोट मिले थे वही कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को 55 898 वोट मिले थे

2009 में बीजेपी के उम्मीदवार रामचंद्र बैठा को 45245 वोट मिले थे वही कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार सुरेश कुमार बैठा को 40674 वोट मिले थे


2005 में बीजेपी के उम्मीदवार रामचंद्र बैठा को 61502 वोट मिले थे वहीं जमीन के प्रत्याशी समरी लाल को 46443 वोट मिले थे



Conclusion:भारतीय जनता पार्टी के कांके सेटिंग विधायक जीतू चरण राम का टिकट कटने पर कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी का एक सच्चा सिपाही है पार्टी ने जिसे भी टिकट दिया है उसे मैं जिताने में पूरा सहयोग करूंगा मेरा पूरा समर्थन है मैंने क्षेत्र की जनता के लिए काफी कार्य किया है और भी कई क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है आने वाले समय में निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी उन मुद्दों पर काम करेगी।
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