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एनडीए घटक दल आजसू ने तरेरी आंखें,  कहा-  बीजेपी से कमतर नहीं है हम, सीटिंग सीटों पर समझौता नहीं - आजसू पार्टी ने बड़ा बयान दिया

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गहमागहमी अभी से शुरू हो गई है. राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाली आजसू पार्टी ने बड़ा बयान दिया है. आजसू ने साफ किया कि बीजेपी मजबूत है लेकिन आजसू भी कमजोर नहीं है. ऐसे में वह अपनी सीटों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा.

आजसू कार्यालय
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Published : Aug 30, 2019, 6:46 PM IST

रांचीः झारखंड में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है. ऐसे में राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति तय करने में लगी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को सत्ताधारी बीजेपी के साथ मिलाकर चलने वाली आजसू पार्टी ने अपनी रणनीति साफ करते हुए कहा कि वह अपने सीटिंग सीटों में किसी तरह का कोई कंप्रोमाइज करने के मूड में नहीं है.

देखें पूरी खबर

बीजेपी मजबूत तो हम भी नहीं है कमजोर- आजसू

पार्टी ने कहा कि जिन सीटों पर 2014 में आजसू पार्टी ने जीत दर्ज की थी, उन सीटों पर 2019 में आजसू पार्टी के उम्मीदवार ही खड़े होंगे. आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि भले ही मौजूदा दौर में बीजेपी अपने आप को मजबूत पोजीशन में देख रही है, लेकिन आजसू भी कमजोर नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर गणित को देखें तो 2014 में आजसू 8 विधानसभा सीटों पर लड़ी और 5 पर जीत हुई. उसी तरह लोकसभा चुनाव में 1 सीट पर आजसू लड़ी और पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई. ऐसे में आजसू पार्टी के सफलता का अनुपात काफी अच्छा है.

हालांकि भगत ने कहा कि इन सारी चीजों से जुड़ी बातें केंद्रीय स्तर पर तय की जाएंगी. उन्होंने कहा कि भाजपा और आजसू पार्टी का केंद्रीय स्तर पर गठबंधन है तो कौन कहां खड़ा होगा यह उचित फोरम पर तय किया जाएगा. भगत ने कहा कि अभी चुनाव का समय है और ऐसे में हर राजनीतिक दल स्वतंत्र रूप से अपने-अपने दावे करती है. बीजेपी भी वही कर रही है.

ये भी पढ़ें- झारखंड सरकार की पहल, 50 खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटे जल्द मिलेगी नौकरी

लोहरदगा में बीजेपी उम्मीदवार खड़े करने के ऐलान पर उठा सवाल
दरअसल, शुक्रवार को लोहरदगा में बीजेपी के नेताओं ने दावा किया कि लोहरदगा विधानसभा सीट पर भाजपा 2019 में अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी. बता दें कि 2014 में लोहरदगा विधानसभा सीट आजसू के उम्मीदवार कमल किशोर भगत ने जीती थी. बाद में न्यायालय द्वारा सजा मिलने के कारण उन्हें झारखंड विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया. जिसके बाद इस विधानसभा सीट के लिए हुए, उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सुखदेव भगत ने बाजी मारी.

रांचीः झारखंड में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है. ऐसे में राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति तय करने में लगी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को सत्ताधारी बीजेपी के साथ मिलाकर चलने वाली आजसू पार्टी ने अपनी रणनीति साफ करते हुए कहा कि वह अपने सीटिंग सीटों में किसी तरह का कोई कंप्रोमाइज करने के मूड में नहीं है.

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बीजेपी मजबूत तो हम भी नहीं है कमजोर- आजसू

पार्टी ने कहा कि जिन सीटों पर 2014 में आजसू पार्टी ने जीत दर्ज की थी, उन सीटों पर 2019 में आजसू पार्टी के उम्मीदवार ही खड़े होंगे. आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि भले ही मौजूदा दौर में बीजेपी अपने आप को मजबूत पोजीशन में देख रही है, लेकिन आजसू भी कमजोर नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर गणित को देखें तो 2014 में आजसू 8 विधानसभा सीटों पर लड़ी और 5 पर जीत हुई. उसी तरह लोकसभा चुनाव में 1 सीट पर आजसू लड़ी और पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई. ऐसे में आजसू पार्टी के सफलता का अनुपात काफी अच्छा है.

हालांकि भगत ने कहा कि इन सारी चीजों से जुड़ी बातें केंद्रीय स्तर पर तय की जाएंगी. उन्होंने कहा कि भाजपा और आजसू पार्टी का केंद्रीय स्तर पर गठबंधन है तो कौन कहां खड़ा होगा यह उचित फोरम पर तय किया जाएगा. भगत ने कहा कि अभी चुनाव का समय है और ऐसे में हर राजनीतिक दल स्वतंत्र रूप से अपने-अपने दावे करती है. बीजेपी भी वही कर रही है.

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लोहरदगा में बीजेपी उम्मीदवार खड़े करने के ऐलान पर उठा सवाल
दरअसल, शुक्रवार को लोहरदगा में बीजेपी के नेताओं ने दावा किया कि लोहरदगा विधानसभा सीट पर भाजपा 2019 में अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी. बता दें कि 2014 में लोहरदगा विधानसभा सीट आजसू के उम्मीदवार कमल किशोर भगत ने जीती थी. बाद में न्यायालय द्वारा सजा मिलने के कारण उन्हें झारखंड विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया. जिसके बाद इस विधानसभा सीट के लिए हुए, उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सुखदेव भगत ने बाजी मारी.

Intro:बाइट देवशरण भगत केंद्रीय प्रवक्ता आजसू पार्टी रांची। प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली आजसू पार्टी ने शुक्रवार को यह साफ कर दिया कि वह अपने सिटिंग सीटों में किसी तरह का कोई कंप्रोमाइज करने के मूड में नहीं है। पार्टी ने कहा कि जिन सीटों पर 2014 में आजसू पार्टी ने जीत दर्ज की थी उन सीटों पर 2019 में आजसू पार्टी के उम्मीदवार ही खड़े होंगे। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि भले ही मौजूदा दौर में बीजेपी अपने आप को मजबूत पोजीशन में देख रही है, लेकिन आजसू भी कमजोर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर गणित को देखें तो 2014 में आजसू 8 विधानसभा सीटों पर लड़ी और 5 पर जीत हुई। उसी तरह लोकसभा चुनाव में 1 सीट पर आजसू लड़ी और पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई।ऐसे में आजसू पार्टी के सफलता का रेशियो सबसे अच्छा है।


Body:हालांकि भगत ने कहा कि इन सब चीजों से जुड़ी बातें केंद्रीय स्तर पर तय की जाएंगी। उन्होंने कहा कि चूंकि भाजपा और आजसू पार्टी का केंद्रीय स्तर पर गठबंधन है तो कौन कहां खड़ा होगा यह उचित फोरम पर तय किया जाएगा। भगत ने कहा कि चूंकि अभी चुनाव का समय है और ऐसे में हर राजनीतिक दल स्वतंत्र रूप से अपने-अपने दावे करते हैं और बीजेपी भी वही कर रही है। दरअसल शुक्रवार को लोहरदगा जिले में बीजेपी के नेताओं ने दावा किया कि लोहरदगा विधानसभा सीट पर भाजपा 2019 में अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी। बता दें कि 2014 में लोहरदगा विधानसभा सीट आजसू के उम्मीदवार कमल किशोर भगत में जीती थी। बाद में न्यायालय द्वारा सजा मिलने के कारण उन्हें झारखंड विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया। उसके बाद इस विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सुखदेव भगत ने बाजी मारी।


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