रांचीः झारखंड में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है. ऐसे में राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति तय करने में लगी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को सत्ताधारी बीजेपी के साथ मिलाकर चलने वाली आजसू पार्टी ने अपनी रणनीति साफ करते हुए कहा कि वह अपने सीटिंग सीटों में किसी तरह का कोई कंप्रोमाइज करने के मूड में नहीं है.
बीजेपी मजबूत तो हम भी नहीं है कमजोर- आजसू
पार्टी ने कहा कि जिन सीटों पर 2014 में आजसू पार्टी ने जीत दर्ज की थी, उन सीटों पर 2019 में आजसू पार्टी के उम्मीदवार ही खड़े होंगे. आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि भले ही मौजूदा दौर में बीजेपी अपने आप को मजबूत पोजीशन में देख रही है, लेकिन आजसू भी कमजोर नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर गणित को देखें तो 2014 में आजसू 8 विधानसभा सीटों पर लड़ी और 5 पर जीत हुई. उसी तरह लोकसभा चुनाव में 1 सीट पर आजसू लड़ी और पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई. ऐसे में आजसू पार्टी के सफलता का अनुपात काफी अच्छा है.
हालांकि भगत ने कहा कि इन सारी चीजों से जुड़ी बातें केंद्रीय स्तर पर तय की जाएंगी. उन्होंने कहा कि भाजपा और आजसू पार्टी का केंद्रीय स्तर पर गठबंधन है तो कौन कहां खड़ा होगा यह उचित फोरम पर तय किया जाएगा. भगत ने कहा कि अभी चुनाव का समय है और ऐसे में हर राजनीतिक दल स्वतंत्र रूप से अपने-अपने दावे करती है. बीजेपी भी वही कर रही है.
ये भी पढ़ें- झारखंड सरकार की पहल, 50 खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटे जल्द मिलेगी नौकरी
लोहरदगा में बीजेपी उम्मीदवार खड़े करने के ऐलान पर उठा सवाल
दरअसल, शुक्रवार को लोहरदगा में बीजेपी के नेताओं ने दावा किया कि लोहरदगा विधानसभा सीट पर भाजपा 2019 में अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी. बता दें कि 2014 में लोहरदगा विधानसभा सीट आजसू के उम्मीदवार कमल किशोर भगत ने जीती थी. बाद में न्यायालय द्वारा सजा मिलने के कारण उन्हें झारखंड विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया. जिसके बाद इस विधानसभा सीट के लिए हुए, उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सुखदेव भगत ने बाजी मारी.