रांची: हेमंत सरकार द्वारा नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation in municipal elections) को हटाने के विरोध में आजसू पार्टी 17 नवंबर को राज्यव्यापी आंदोलन करेगी और सभी जिला मुख्यालय में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन करेगी. पार्टी कार्यालय में गुरुवार को हुई बैठक के बाद राज्यपाल रमेश बैस से आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने मिलकर सरकार के द्वारा लिए गये निर्णय पर आपत्ति जताई.
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इस मौके पर सुदेश महतो ने राजभवन के समक्ष सरकार के इस निर्णय पर नाराजगी जताई. आजसू कार्यालय में पार्टी नेताओं की हुई बैठक की जानकारी देते हुए देवशरण भगत ने कहा कि इस वर्ष हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी राज्य सरकार ने पिछड़े वर्ग का आरक्षण खत्म कर दिया था. झारखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ. पिछड़ों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता के विरोध में आजसू पार्टी लगातार मुखर रही है और इसी दौरान राज्यव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया गया है.
आजसू ने कार्यक्रमों की घोषणा की: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो की अध्यक्षता में रांची स्थित केंद्रीय कार्यालय में सभी विधानसभा प्रभारी और जिला प्रभारी के साथ हुई बैठक में पार्टी द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों की समीक्षा की गई और भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा व तारीख भी सुनिश्चित की गयी. 7 नवंबर को सभी जिला में आजसू पार्टी द्वारा जिला कार्यसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी और 18 नवंबर को आजसू पार्टी केंद्रीय कमेटी की बैठक होगी. बैठक के दौरान आजसू पार्टी की सहयोगी इकाई के राज्यस्तरीय सम्मेलन को लेकर भी निर्णय लिया गया, जिसमें अखिल झारखंड श्रमिक संघ का राज्यस्तरीय सम्मेलन 20 नवंबर को बेरमो में, अखिल झारखंड बुद्धिजीवी मंच का राज्यस्तरीय सम्मेलन 27 नवंबर को रांची में और अखिल झारखंड महिला संघ का राज्यस्तरीय सम्मेलन 04 दिसंबर को कोनार डैम क्षेत्र, मांडू में मुख्य रूप से शामिल है. बैठक के दौरान केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने आजसू पार्टी की सभी अनुषंगी इकाइयों के गठन, पुनर्गठन एवं विस्तार कार्य को 30 दिसंबर तक पूर्ण करने निर्देश दिया है.
आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने क्या कहा: बैठक में सुदेश कुमार महतो ने कहा कि स्थानीयता का निर्धारण ही नियोजन का आधार बने. खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने के लिए आजसू पार्टी ने सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि दुःख की बात यह है कि सरकार के सेहत पर जब भी संकट आता है, तब-तब इन्हें स्थानीयता की याद आती है. सरकार अगर सही नीयत से स्थानीय नीति का निर्धारण करती है तो आजसू पार्टी इसका स्वागत करेगी. साथ ही उन्होंने सरकार से संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करने की बात भी कही.