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आजसू के केंद्रीय महाधिवेशन का समापनः 24 सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव पर लगी मुहर, SC, ST और OBC विरोधी है हेमंत सरकार- सुदेश महतो

रांची में आजसू के केंद्रीय महाधिवेशन का समापन हो गया. तीन दिवसीय महाधिवेशन के आखिरी दिन सुदेश महतो फिर से आजसू प्रमुख चुने गए. वहीं 24 सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव पर पार्टी की मुहर लगी. AJSU Central Conference ended in Ranchi.

AJSU Central Conference ended in Ranchi 24 Sutri political proposal approved
रांची में आजसू के केंद्रीय महाधिवेशन का समापन
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 1, 2023, 7:44 PM IST

रांची: आजसू पार्टी का तीन दिवसीय महाधिवेशन रविवार को समाप्त हो गया. जिसमें सुदेश महतो को एक बार फिर से पार्टी प्रमुख के रूप में चुना गया. वहीं 24 सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव पर पार्टी ने मुहर लगाई. इस महाधिवेशन के अंतिम दिन सुदेश महतो ने मंच से हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा.

इसे भी पढ़ें- झारखंड के नवनिर्माण का संकल्प के साथ शुरू हुआ आजसू का केंद्रीय महाधिवेशन, सुप्रीमो सुदेश महतो ने उद्घाटन कर किया शुभारंभ

आजसू के केंद्रीय महाधिवेशन के आखिरी दिन अंतिम सत्र में नए चुनाव कराने के लिए पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति को भंग करने के बाद नई चुनाव की औपचारिकता पूरी की गई. महाधिवेशन के दौरान ही बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीएम मुंडा को चुनाव पर्यवेक्षक बनाया गया. पूर्व विधायक उमाकांत रजक ने सुदेश महतो को फिर से पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे एक स्वर से मान लिया गया.

पुनः आजसू प्रमुख बनने पर शपथ लेने के बाद सुदेश महतो ने सीधा हमला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आंदोलन और आंदोलनकारियों की बात कहने वाले मुख्यमंत्री को उनका वास्तविक दर्द नहीं पता है. सीएम हेमंत सोरेन को SC, ST और ओबीसी विरोधी बताते हुए कहा कि जब वो किसी गलत काम में फंसते नजर आते हैं तब खुद को आदिवासी बताने लगते हैं जबकि हकीकत यह है कि वही आदिवासियों के सबसे बड़े विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि आजसू की मुहिम राज्य में छिछली राजनीति की जगह वैचारिक राजनीति करने की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए आदिवासी सम्मान का मतलब धोती साड़ी और 05 किलो अनाज तक सीमित है जबकि हमारे लिए जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास और सत्ता में भागीदारी प्राथमिकता में है. सुदेश महतो ने कहा कि हमारा एजेंडा गांव के चौपाल में बैठने वाले व्यक्ति के जीवन में सुधार करना है, मेरी तैयारी भी यही है.

राजनीतिक प्रस्ताव पारितः आजसू के केंद्रीय महाधिवेशन में 24 राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए. आजसू लीगल प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष ने इसे पढ़ा जिस पर मुहर महाधिवेशन में आए लोगों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. 24 में से मुख्य राजनीतिक प्रस्ताव ये हैं, आजसू उन्नत समता मूलक समाज निर्माण के लिए संघर्ष जारी रखेगा, झारखंड विधानसभा की सीटें बढ़ाई जाएं, राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह प्रक्रिया जल्द पूरी हो. इसके अलावा आरक्षण नीति बदलाव कर ST को 32 प्रतिशत, SC को 15 फीसदी और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए, अलग सरना धर्म कोड को लागू किया जाए.

2024 में सुदेश महतो के हाथों में राज्य की बागडोर के लगे नारेः नवनिर्माण संकल्प समागम के नाम से हुए आजसू केंद्रीय महाधिवेशन में बार बार सुदेश महतो के हाथों में बागडोर सौंपने पर ही राज्य के विकास की बात वक्ता करते रहें. बरकट्ठा से महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके खालिद खलील ने कहा कि एक दिन पहले ही वह आजसू में शामिल हुए हैं लेकिन महाधिवेशन का हिस्सा बनने के बाद लगा कि यही पार्टी राज्यवासियों का तकदीर बदल सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य की बागडोर सुदेश महतो के हाथ मे होगा तभी राज्य विकास करेगा.

पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने कहा कि पार्टी का विस्तार और जनसरोकार के मुद्दे को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसकी कोशिश पार्टी के द्वारा की जा रही है. डुमरी विधानसभा प्रभारी यशोदा देवी ने कहा कि यह आजसू की ताकत है कि मूसलाधार बारिश बावजूद इतने लोग मौजूद हैं. जो प्रशिक्षण मिला है उसे हर बूथ, हर पंचायत तक ले जाना है. उमाकांत रजक, कुशवाहा शिवपूजन मेहता, देव शरण भगत, विधायक सुनीता चौधरी ने कहा कि लोगों का विश्वास आजसू पार्टी पर बढ़ा है. राज्य की जनता को ठगने वाली सरकार को टक्कर आजसू पार्टी ही दे सकती है. जिन मूल्यों की रक्षा के लिए झारखंड का निर्माण हुआ है उसे आज कुचला जा रहा है.

रांची: आजसू पार्टी का तीन दिवसीय महाधिवेशन रविवार को समाप्त हो गया. जिसमें सुदेश महतो को एक बार फिर से पार्टी प्रमुख के रूप में चुना गया. वहीं 24 सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव पर पार्टी ने मुहर लगाई. इस महाधिवेशन के अंतिम दिन सुदेश महतो ने मंच से हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा.

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आजसू के केंद्रीय महाधिवेशन के आखिरी दिन अंतिम सत्र में नए चुनाव कराने के लिए पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति को भंग करने के बाद नई चुनाव की औपचारिकता पूरी की गई. महाधिवेशन के दौरान ही बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीएम मुंडा को चुनाव पर्यवेक्षक बनाया गया. पूर्व विधायक उमाकांत रजक ने सुदेश महतो को फिर से पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे एक स्वर से मान लिया गया.

पुनः आजसू प्रमुख बनने पर शपथ लेने के बाद सुदेश महतो ने सीधा हमला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आंदोलन और आंदोलनकारियों की बात कहने वाले मुख्यमंत्री को उनका वास्तविक दर्द नहीं पता है. सीएम हेमंत सोरेन को SC, ST और ओबीसी विरोधी बताते हुए कहा कि जब वो किसी गलत काम में फंसते नजर आते हैं तब खुद को आदिवासी बताने लगते हैं जबकि हकीकत यह है कि वही आदिवासियों के सबसे बड़े विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि आजसू की मुहिम राज्य में छिछली राजनीति की जगह वैचारिक राजनीति करने की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए आदिवासी सम्मान का मतलब धोती साड़ी और 05 किलो अनाज तक सीमित है जबकि हमारे लिए जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास और सत्ता में भागीदारी प्राथमिकता में है. सुदेश महतो ने कहा कि हमारा एजेंडा गांव के चौपाल में बैठने वाले व्यक्ति के जीवन में सुधार करना है, मेरी तैयारी भी यही है.

राजनीतिक प्रस्ताव पारितः आजसू के केंद्रीय महाधिवेशन में 24 राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए. आजसू लीगल प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष ने इसे पढ़ा जिस पर मुहर महाधिवेशन में आए लोगों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. 24 में से मुख्य राजनीतिक प्रस्ताव ये हैं, आजसू उन्नत समता मूलक समाज निर्माण के लिए संघर्ष जारी रखेगा, झारखंड विधानसभा की सीटें बढ़ाई जाएं, राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह प्रक्रिया जल्द पूरी हो. इसके अलावा आरक्षण नीति बदलाव कर ST को 32 प्रतिशत, SC को 15 फीसदी और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए, अलग सरना धर्म कोड को लागू किया जाए.

2024 में सुदेश महतो के हाथों में राज्य की बागडोर के लगे नारेः नवनिर्माण संकल्प समागम के नाम से हुए आजसू केंद्रीय महाधिवेशन में बार बार सुदेश महतो के हाथों में बागडोर सौंपने पर ही राज्य के विकास की बात वक्ता करते रहें. बरकट्ठा से महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके खालिद खलील ने कहा कि एक दिन पहले ही वह आजसू में शामिल हुए हैं लेकिन महाधिवेशन का हिस्सा बनने के बाद लगा कि यही पार्टी राज्यवासियों का तकदीर बदल सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य की बागडोर सुदेश महतो के हाथ मे होगा तभी राज्य विकास करेगा.

पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने कहा कि पार्टी का विस्तार और जनसरोकार के मुद्दे को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसकी कोशिश पार्टी के द्वारा की जा रही है. डुमरी विधानसभा प्रभारी यशोदा देवी ने कहा कि यह आजसू की ताकत है कि मूसलाधार बारिश बावजूद इतने लोग मौजूद हैं. जो प्रशिक्षण मिला है उसे हर बूथ, हर पंचायत तक ले जाना है. उमाकांत रजक, कुशवाहा शिवपूजन मेहता, देव शरण भगत, विधायक सुनीता चौधरी ने कहा कि लोगों का विश्वास आजसू पार्टी पर बढ़ा है. राज्य की जनता को ठगने वाली सरकार को टक्कर आजसू पार्टी ही दे सकती है. जिन मूल्यों की रक्षा के लिए झारखंड का निर्माण हुआ है उसे आज कुचला जा रहा है.

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