रांचीः पूरे राज्य में बीजेपी के सांसद और विधायक किसानों के समर्थन में खेतों में धरना दे रहे हैं. बीजेपी के इस कार्यक्रम पर झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख बीजेपी नेताओं को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि इसी बहाने सही, कम से कम विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी के नेता लंबी छुट्टी के बाद अपने घरों से बाहर तो निकले. इससे यह भी साफ होता है कि राज्य की गठबंधन सरकार कोरोना वायरस को काबू पाने में बहुत हद तक सफल हुई है, तभी बीजेपी के लोग घर से बाहर निकले हैं.
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दरअसल, शुक्रवार को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में प्रेस को संबोधित करते हुए बीजेपी के खेतों में धरना पर तंज कसते हुए कहा कि कोरोना काल में भाजपा के नेताओं को राज्य के लोगों और किसानों की चिंता नहीं थी. उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था. पिछले 1 साल से सैकड़ों किसान काले कृषि कानून के विरोध में अपनी जान गवा चुके हैं. लेकिन उनके कानों तक आवाज नहीं पहुंची और अब भाजपा को किसानों की याद आई है.
किसानों की कर्ज माफी का किया जा रहा है काम
कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान में झारखंड में गठबंधन की सरकार कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किसानों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है. चुनाव के दौरान जो घोषणाएं की गई थी. उसी के तहत किसानों के लिए कर्ज माफी का काम किया जा रहा है.
गठबंधन सरकार सत्ता में आई तो खजाना था खाली
बादल पत्रलेख ने कहा कि जब गठबंधन सरकार सत्ता में आई तो खजाना खाली था, बावजूद इसके सरकार ने जीवन बचाने के साथ-साथ जीविका को भी चलाने का काम शुरू किया और बहुत हद तक सफलता भी मिली है. उन्होंने विपक्ष की भाजपा से सवाल किया कि अगर उन्होंने अपने कार्यकाल में किसानों का ऋण माफ किया है, तो उसका आंकड़ा पेश करें.
18 साल तक सत्ता की चाबी रही भाजपा के पास
उन्होंने कहा कि 18 साल तक झारखंड के सत्ता की चाबी भाजपा के पास रही, लेकिन किसानों के कर्ज माफी को लेकर फैसले नहीं लिए गए, जबकि गठबंधन सरकार ने लगभग ढाई लाख किसानों के कर्ज माफी के लिए 980 करोड़ रुपए बैंकों को उपलब्ध कराई है. इतना ही नहीं ऋण माफी के साथ-साथ फिर से किसानों को केसीसी से आच्छादित भी करना है ताकि वह अपनी जीविका को फिर से वह चला सकें.
सभी रजिस्टर्ड किसानों को केसीसी लोन का देना है लाभ
बादल पत्रलेख ने कहा कि भाजपा धान अधिप्राप्ति को लेकर आरोप लगाती रहती है, लेकिन मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में 102 प्रतिशत धान अधिप्राप्ति का रिकॉर्ड बनाया गया है और अधिप्राप्ति के एवज में आधे पैसे का भुगतान भी किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी रजिस्टर्ड किसानों को केसीसी लोन का लाभ देना है और 4 सालों में 24 लाख बिरसा किसान बनाकर इस राज्य की जीडीपी में किसानों के योगदान को 12% से 20% तक करने का लक्ष्य है.
किसानों को लेकर बीजेपी का खेतों में धरना
झारखंड में किसानों को धान खरीद के पैसों की भुगतान अभी तक नहीं हुई है. इसे लेकर किसान परेशान हैं और कई जगहों पर आंदोलन भी कर चुके हैं. किसानों की परेशानी को लेकर झारखंड में बीजेपी लगातार मुखर रही है. शुक्रवार को बीजेपी के सांसद और विधायक अलग-अलग जगहों पर खेतों में धरना दिया.
JMM के केंद्रीय महासचिव ने प्रेस वाता कर BJP पर साधा निशाना
JMM के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा कि आज एक राजनीतिक नौटंकी देखने को मिला है. भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ता खेतों में नजर आए. जो खेत लूटने का काम करते हैं. किसानों को कॉरपोरेट के हाथों देने का काम करता है. उसी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ने आज एक अजीबोगरीब राजनीतिक कार्यक्रम का आयोजन किया.
इस मौके पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा पर और भी कई कटाक्ष किए. उन्होंने कहा कि भाजपा भूल ही गई है कि महज डेढ़ साल पहले 5 वर्षों के लिए वह झारखंड में सत्ता में थी. 5 वर्षों के शासनकाल में और 7 वर्षों में केंद्र सरकार के शासनकाल में किसान और किसानी को लेकर जिस प्रकार से नीतियां बनाई गई, उसमें किसान कहीं नहीं है.