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झारखंड में क्या बाजार समिति के बहुरेंगे दिन, जानिए सरकार की क्या है तैयारी

झारखंड में बाजार समिति बदहाली के दौर से गुजर रही है. जिसे दुरुस्त करने की कोशिश सरकार ने शुरू की है. इसके लिए कृषि विपणन परिषद के अध्यक्ष ने सभी सचिवों से रिपोर्ट मांगी है.

bazaar Samiti in jharkhand
bazaar Samiti in jharkhand
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Published : Jul 1, 2023, 7:50 AM IST

Updated : Jul 1, 2023, 5:30 PM IST

देखें स्पेशल स्टोरी

रांची: झारखंड में बदहाल पड़े बाजार समिति के दिन कब बहुरेंगे, ये सवाल दुकानदारों और कारोबारियों को परेशान कर रहा है. जर्जर हालत में बाजार समिति के भवन डराने लगे हैं. बाजार समिति में ना साफ सफाई की व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की. ऐसे में इस बदहाली को दूर करने की लगातार मांग के बाद अब शायद सरकार की नींद खुली है. बदहाल पड़े बाजार समिति को दुरुस्त करने की तैयारी में सरकार जुट गई है. कृषि विपणन परिषद अध्यक्ष ने बाजार समितियों की वास्तविक स्थिति को लेकर सभी सचिवों से रिपोर्ट मांगी है.

यह भी पढ़ें: Traders Protest in Dhanbad: धनबाद में कृषि शुल्क बढ़ोतरी के खिलाफ हड़ताल, व्यवसायियों ने की कानून वापस लेने की मांग

दरअसल, झारखंड में बदहाली के दौर से गुजर रहे बाजार समितियों के दिन क्या बहुरेंगे या इसी तरह जर्जर भवन और गोदामों के सहारे मार्केटिंग बोर्ड का काम चलता रहेगा. इस तरह के सवाल सरकार के सिस्टम पर खड़ा करते करते व्यवसायी और किसान थक चुके हैं. मगर हर बार की तरह आश्वासन की घुट्टी पिलाकर इन्हें आश्वस्त कर दिया जाता है. इन सबके बीच हाल ही में हेमंत सरकार ने मृतप्राय हो चुके कृषि विपणन परिषद को अध्यक्ष की सौगात देकर इसे जीवंत बना दिया है, जिसके बाद बाजार समितियों के कायाकल्प होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.

bazaar Samiti in jharkhand
झारखंड में बाजार समिति का हाल

बाजार समिति को दुरुस्त करने की तैयारी: कृषि विपणन परिषद के अध्यक्ष रवींद्र सिंह का मानना है कि बाजार समिति सचिवों से रिपोर्ट मिलने के बाद एक्शन प्लान बनाया जायेगा. जिसके बाद ना केवल बाजार समिति को संसाधनयुक्त बनाया जायेगा, बल्कि कर्मचारियों की कमी को भी दूर करने के लिए आउटसोर्सिंग से तत्काल बहाली की जायेगी. ग्रामीण हाटों को बिचौलियों से मुक्त कराने की बात कहते हुए कृषि विपणन परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को समुचित दाम मिले इसके लिए ऑनलाइन जोड़ने का प्रयास होगा.

बदहाली की दौर से गुजर रही बाजार समिति: प्रभारी सचिव के जिम्मे चल रही राजधानी रांची सहित राज्य भर के सभी बाजार समितियों की हालत बेहद ही खराब है. कहीं दुकानें जर्जर हैं तो कहीं गोदामों में अवैध रुप से कब्जा है. बाजार समिति प्रांगण में बिजली, पानी और साफ-सफाई की बात तो दूर, बाजार समिति खुद अपनी जमीन की रक्षा नहीं कर पा रही है. हालात यह हैं कि 28 में से 11 बाजार समिति अस्तित्व में नहीं हैं. साथ ही कई के लगातार घाटे में होने की वजह से वे राजस्व वसूली में अव्वल बाजार समितियों के भरोसे चल रहे हैं.

bazaar Samiti in jharkhand
सरकार कर रही है पहल

पंडरा बजार समिति में जीरो सुविधा: बात यदि रांची के पंडरा बजार समिति की करें तो यहां छोटे-बड़े करीब 1,000 दुकान और गोदाम हैं, जिससे लाखों की आमदनी हर महीने बाजार समिति को होती है. मगर सुविधा के नाम पर यहां जीरो व्यवस्था है. स्थिति यह है कि इस परिसर में 13 चापाकल हैं, जिसमें सभी के सभी खराब पड़े हैं. बाजार समिति सचिव से 20 बार चिठ्ठी लिखकर संसाधन मुहैया कराने की मांग करने वाले झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स रांची के अध्यक्ष संजय महुरी कहते हैं कि 2015 में जब से बाजार शुल्क समाप्त हुआ. उसके बाद से कोई भी मरम्मति या सुविधा देने का काम नहीं हुआ है. जिस वजह से जगह-जगह दुकान की छतें चू रही हैं और नाला जाम होने की वजह से जलजमाव बना हुआ है. इसी तरह दुकानदार श्रेयांस कहते हैं कि यहां हर दिन हजारों लोग विभिन्न राज्यों से आते हैं. मगर साफ-सफाई और पीने का पानी नहीं होने की वजह से आम लोग परेशान होते हैं.

बहरहाल, सरकार की यह पहल कितनी कारगर साबित होगी. वह वक्त ही बतायेगा. मगर जिस तरह से पहल की गई है, उससे बाजार समितियों के दिन बदलने की उम्मीदें जरूर जग गई हैं.

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रांची: झारखंड में बदहाल पड़े बाजार समिति के दिन कब बहुरेंगे, ये सवाल दुकानदारों और कारोबारियों को परेशान कर रहा है. जर्जर हालत में बाजार समिति के भवन डराने लगे हैं. बाजार समिति में ना साफ सफाई की व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की. ऐसे में इस बदहाली को दूर करने की लगातार मांग के बाद अब शायद सरकार की नींद खुली है. बदहाल पड़े बाजार समिति को दुरुस्त करने की तैयारी में सरकार जुट गई है. कृषि विपणन परिषद अध्यक्ष ने बाजार समितियों की वास्तविक स्थिति को लेकर सभी सचिवों से रिपोर्ट मांगी है.

यह भी पढ़ें: Traders Protest in Dhanbad: धनबाद में कृषि शुल्क बढ़ोतरी के खिलाफ हड़ताल, व्यवसायियों ने की कानून वापस लेने की मांग

दरअसल, झारखंड में बदहाली के दौर से गुजर रहे बाजार समितियों के दिन क्या बहुरेंगे या इसी तरह जर्जर भवन और गोदामों के सहारे मार्केटिंग बोर्ड का काम चलता रहेगा. इस तरह के सवाल सरकार के सिस्टम पर खड़ा करते करते व्यवसायी और किसान थक चुके हैं. मगर हर बार की तरह आश्वासन की घुट्टी पिलाकर इन्हें आश्वस्त कर दिया जाता है. इन सबके बीच हाल ही में हेमंत सरकार ने मृतप्राय हो चुके कृषि विपणन परिषद को अध्यक्ष की सौगात देकर इसे जीवंत बना दिया है, जिसके बाद बाजार समितियों के कायाकल्प होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.

bazaar Samiti in jharkhand
झारखंड में बाजार समिति का हाल

बाजार समिति को दुरुस्त करने की तैयारी: कृषि विपणन परिषद के अध्यक्ष रवींद्र सिंह का मानना है कि बाजार समिति सचिवों से रिपोर्ट मिलने के बाद एक्शन प्लान बनाया जायेगा. जिसके बाद ना केवल बाजार समिति को संसाधनयुक्त बनाया जायेगा, बल्कि कर्मचारियों की कमी को भी दूर करने के लिए आउटसोर्सिंग से तत्काल बहाली की जायेगी. ग्रामीण हाटों को बिचौलियों से मुक्त कराने की बात कहते हुए कृषि विपणन परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को समुचित दाम मिले इसके लिए ऑनलाइन जोड़ने का प्रयास होगा.

बदहाली की दौर से गुजर रही बाजार समिति: प्रभारी सचिव के जिम्मे चल रही राजधानी रांची सहित राज्य भर के सभी बाजार समितियों की हालत बेहद ही खराब है. कहीं दुकानें जर्जर हैं तो कहीं गोदामों में अवैध रुप से कब्जा है. बाजार समिति प्रांगण में बिजली, पानी और साफ-सफाई की बात तो दूर, बाजार समिति खुद अपनी जमीन की रक्षा नहीं कर पा रही है. हालात यह हैं कि 28 में से 11 बाजार समिति अस्तित्व में नहीं हैं. साथ ही कई के लगातार घाटे में होने की वजह से वे राजस्व वसूली में अव्वल बाजार समितियों के भरोसे चल रहे हैं.

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सरकार कर रही है पहल

पंडरा बजार समिति में जीरो सुविधा: बात यदि रांची के पंडरा बजार समिति की करें तो यहां छोटे-बड़े करीब 1,000 दुकान और गोदाम हैं, जिससे लाखों की आमदनी हर महीने बाजार समिति को होती है. मगर सुविधा के नाम पर यहां जीरो व्यवस्था है. स्थिति यह है कि इस परिसर में 13 चापाकल हैं, जिसमें सभी के सभी खराब पड़े हैं. बाजार समिति सचिव से 20 बार चिठ्ठी लिखकर संसाधन मुहैया कराने की मांग करने वाले झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स रांची के अध्यक्ष संजय महुरी कहते हैं कि 2015 में जब से बाजार शुल्क समाप्त हुआ. उसके बाद से कोई भी मरम्मति या सुविधा देने का काम नहीं हुआ है. जिस वजह से जगह-जगह दुकान की छतें चू रही हैं और नाला जाम होने की वजह से जलजमाव बना हुआ है. इसी तरह दुकानदार श्रेयांस कहते हैं कि यहां हर दिन हजारों लोग विभिन्न राज्यों से आते हैं. मगर साफ-सफाई और पीने का पानी नहीं होने की वजह से आम लोग परेशान होते हैं.

बहरहाल, सरकार की यह पहल कितनी कारगर साबित होगी. वह वक्त ही बतायेगा. मगर जिस तरह से पहल की गई है, उससे बाजार समितियों के दिन बदलने की उम्मीदें जरूर जग गई हैं.

Last Updated : Jul 1, 2023, 5:30 PM IST
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