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बार लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क का विरोध, सरकार के निर्णय के बाद भी नहीं खुले 95% बार - झारखंड आबकारी विभाग की खबरें

1 नवंबर से झारखंड सरकार ने बार खोलने की अनुमति दे दी थी. बावजूद इसके प्रदेश के 95% बार नहीं खुले. बार लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क को लेकर झारखंड बार एंड रेस्त्रां एसोसिएशन ने विरोध किया है.

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बार लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क का विरोध
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Published : Nov 2, 2020, 1:49 AM IST

रांचीः झारखंड में रविवार से जिम और बार खोलने का लगा प्रतिबंध समाप्त हो गया. इसके साथ ही प्रतिबंध सेवाओं को छोड़ अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है. राज्य में अब तक बंद कई प्रकार की आर्थिक गतिविधियों को 1 नवंबर से शुरू करने की इजाजत देगी गई है.

बंद रहे 95% बार

इसके बावजूद 95% बार बंद रहे. बार लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क को लेकर झारखंड बार एवं रेस्त्रां एसोसिएशन ने विभाग के फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते करीब 5 महीने कारोबार पूरी तरह से बंद रहा. जब इसके संचालन की अनुमति मिली है तो उत्पाद विभाग की ओर से पूरा लाइसेंस शुल्क जमा करने की बात कही जा रही है. एसोसिएशन का कहना है कि विभाग को चाहिए कि वह संचालन की अवधि के दौरान का ही लाइसेंस शुल्क लिया जाए.


न्यायसंगत नहीं सरकार का फैसला

झारखंड बार एसोसिएशन कहना है कि सरकार के दिशा निर्देश पर उत्पाद विभाग ने लाइसेंस रिनुअल करने को लेकर आगामी पांच महीनों के लाइसेंस हेतू पूरा पैसा जमा करने का जो प्रारूप तैयार किया है, वह कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है. अभी अगर हम लोग 9 लाख जमा करते हैं तो फिर फिर 4 महीने बाद यानी मार्च 2021 में फिर से 9 लाख कहां से लाएंगे, बाजार अभी मंदा है और और व्यवसायी आवागमन भी पूर्ण रूप से बंद है.

इसे भी पढ़ें- पुलिस मुख्यालय के अवर सचिव नियमविरूद्ध करते हैं पत्राचार, डीजीपी के निर्देश पर लगाई गया पत्राचार पर रोक


एसोसिएशन का विभाग और सरकार से आग्रह

झारखंड बार और रेस्त्रां एसोसिएशन ने विभाग और सरकार दोनों से आग्रह है कि हमारी परेशानियों को देखते हुए लाइसेंस फी में रियायत दी जाए ताकि राज्य के व्यवसायी अपने व्यवसाय को स्थिर कर सके और इससे जुड़े हजारों लोगों को रोजगार भी सुनिश्चित हो सके.

रांचीः झारखंड में रविवार से जिम और बार खोलने का लगा प्रतिबंध समाप्त हो गया. इसके साथ ही प्रतिबंध सेवाओं को छोड़ अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है. राज्य में अब तक बंद कई प्रकार की आर्थिक गतिविधियों को 1 नवंबर से शुरू करने की इजाजत देगी गई है.

बंद रहे 95% बार

इसके बावजूद 95% बार बंद रहे. बार लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क को लेकर झारखंड बार एवं रेस्त्रां एसोसिएशन ने विभाग के फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते करीब 5 महीने कारोबार पूरी तरह से बंद रहा. जब इसके संचालन की अनुमति मिली है तो उत्पाद विभाग की ओर से पूरा लाइसेंस शुल्क जमा करने की बात कही जा रही है. एसोसिएशन का कहना है कि विभाग को चाहिए कि वह संचालन की अवधि के दौरान का ही लाइसेंस शुल्क लिया जाए.


न्यायसंगत नहीं सरकार का फैसला

झारखंड बार एसोसिएशन कहना है कि सरकार के दिशा निर्देश पर उत्पाद विभाग ने लाइसेंस रिनुअल करने को लेकर आगामी पांच महीनों के लाइसेंस हेतू पूरा पैसा जमा करने का जो प्रारूप तैयार किया है, वह कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है. अभी अगर हम लोग 9 लाख जमा करते हैं तो फिर फिर 4 महीने बाद यानी मार्च 2021 में फिर से 9 लाख कहां से लाएंगे, बाजार अभी मंदा है और और व्यवसायी आवागमन भी पूर्ण रूप से बंद है.

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एसोसिएशन का विभाग और सरकार से आग्रह

झारखंड बार और रेस्त्रां एसोसिएशन ने विभाग और सरकार दोनों से आग्रह है कि हमारी परेशानियों को देखते हुए लाइसेंस फी में रियायत दी जाए ताकि राज्य के व्यवसायी अपने व्यवसाय को स्थिर कर सके और इससे जुड़े हजारों लोगों को रोजगार भी सुनिश्चित हो सके.

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