ETV Bharat / state

गो-कशी विवाद पर प्रशासन का यू-टर्न, पहले कहा -पुलिस पर नहीं हुआ हमला, एफआईआर में कुछ और, उठ रहे हैं सवाल - धनबाद न्यूज

रामनवमी के दिन धनबाद में हुई हिंसा मामले में प्रशासन ने यू-टर्न ले लिया है. पहले कहा गया था कि यह एक मामूली घटना है, जिसमें कोई घायल नहीं हुआ है, लेकिन इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की गई है, उस पर कई सवाल उठ रहे हैं.

administration-u-turn-on-dhanbad-violence
घटनास्थल पर मौजूद भीड़
author img

By

Published : Apr 3, 2023, 6:50 PM IST

Updated : Apr 3, 2023, 7:07 PM IST

रांची/धनबाद: रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल समेत देश के कई अलग-अलग हिस्सों में पत्थरबाजी, आगजनी, झड़प और बमबाजी की घटनाएं हुई. अभी भी कई जगहों पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. पुलिस आरोपियों की धरपकड़ कर रही है. अफवाह रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं ठप की गई हैं. दूसरी तरफ इन मामलों पर जमकर राजनीति भी हो रही है. एक पक्ष तुष्टिकरण का आरोप लगा रहा है तो दूसरे पक्ष की दलील है कि एक साजिश के तहत माहौल बिगाड़ा गया है. सही बात का खुलासा तो जांच के बाद ही हो पाएगा.

ये भी पढ़ें- Dhanbad News: पटरी पर लौट रहा भुरकुंडाबाड़ी गांव! इलाके में धारा 144 जारी, पुलिस ने 200 से अधिक लोगों पर दर्ज किया मामला

लेकिन धनबाद के निरसा थानाक्षेत्र में रामनवनी के दिन जो कुछ हुआ, उसको लेकर खुद प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है. घटना के दिन जिला प्रशासन ने रिलीज जारी किया था. ऐसे बताया गया था जैसे कोई मामूली घटना घटी थी. लेकिन उसी तारीख को मजिस्ट्रेट की ओर से दर्ज एफआईआर को देखने से लगता है कि पुलिस को खुद अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा था.

  • आज दिनांक 30.03.2023 को धनबाद जिले के निरसा थाना अंतर्गत कलियासोल प्रखंड की भुरकुंडा बाड़ी बस्ती में हुई घटना के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति pic.twitter.com/hdJDCazVAH

    — DC Dhanbad (@dc_dhanbad) March 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एफआईआर पढ़ेंगे तो उड़ जाएंगे होश: प्रशासन की विज्ञप्ति के मुताबिक भुरकुंडा बाड़ी बस्ती में कोई बड़ी घटना हुई ही नहीं थी. लेकिन उसी दिन घटनास्थल पर बतौर मजिस्ट्रेट बन कर गये निरसा के अंचल अधिकारी नितिन शिवम गुप्ता ने थाने में जो एफआईआर दर्ज करवाई, वह प्रशासन की विज्ञप्ति से ठीक उलट थी. एफआईआर में बताया गया कि 30 मार्च की सुबह 9 बजे सूचना मिली कि भुरकुंडाबाड़ी में मसरूद्दीन अंसारी के घर गौ की हत्या कर मांस बेचा जा रहा है. ग्रामीणों ने मसरूद्दीन अंसारी के पुत्र शाहबुद्दीन को पेड़ से बांध रखा है. इस सूचना पर महज आधे घंटे के भीतर 9.30 बजे प्रशासन और पुलिस की टीम घटनास्थल पहुंच गई. फिर आरोपी को पेड़ से खोलकर जीप में बिठाने पर ग्रामीण और उग्र हो गये. जीप को रोक लिया गया.

आरोपी शाहबुद्दीन अंसारी को जीप से उतारने की कोशिश की गई. उस दौरान 12 नामजद लोगों के अलावा करीब 200 लोगों ने मजिस्ट्रेट और पुलिस बल पर लाठी-डंडा और ईंट-पत्थर से हमला बोल दिया. ग्रामीणों के हमले में आरक्षी मुकलाल सरदार, गौतम कुमार, संतोष कुमार पाल, किष्टु हांसदा और चंदन कुमार गुप्ता जख्मी हो गये. इसके अलावा आरक्षी मिहिर रजवार का सिर फट गया. हमलावरों ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए आरोपी को पुलिस जिप से जबरन उतार लिया. हालांकि काफी मशक्कत के बाद शाहबुद्दीन को अभिरक्षा में ले लिया गया.

इस मामले में रामनिवास कुमार बाउरी, राजीव तंतुबाय, देवाशीष मंडल, जगरनाथ महतो, यादव बाउरी, गोरांगो मंडल, राहुल महतो, गणेश गोराई, सुभाष यादव, बप्पी महतो, उज्ज्वल महतो और नावोकांत मंडल समेत 200 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यही नहीं उग्र ग्रामीणों ने तीन पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त कर पलट दिया. अतिरिक्त पुलिस बल के पहुंचने पर हालात पर काबू पाया जा सका. इस दौरान तीन वाहनों में सवार 3-3 लोग नारेबाजी करते हुए घटनास्थल से चले गये.

क्या था जिला प्रशासन की विज्ञप्ति में: घटना के दिन कई तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे. अफवाहों का बाजार गर्म हो रहा था. इसी बीच धनबाद जिला प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि भुरकुंडा बाड़ी बस्ती में कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. विज्ञप्ति में लिखा गया कि प्रतिबंधित मांस की सूचना पर पुलिए और प्रशासन के लोग गांव पहुंचे थे. उस वक्त विरोध कर रहे ग्रामीणों द्वारा आरोपी युवक को घेरकर रखा गया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आ रहा था. पुलिस-प्रशासन ने समय पर आरोपी को कस्टडी में ले लिया. इस दौरान भीड़ में शामिल कुछ लोगों की पुलिस से नोंकझोंक हुई. जिसमें दो पुलिस गाड़ियों को मामूली क्षति हुई. खास बात है कि प्रशासन की विज्ञप्ति में इस बात का जिक्र किया गया कि किसी भी पुलिसकर्मी को कोई चोट नहीं आई. यह भी बताया गया कि विरोध कर रहे किसी भी ग्रामीण को किसी तरह की चोट नहीं पहुंची. इस बात का जिक्र किया गया कि प्रतिबंधित मांस बरामदी मामले में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया. अगले आदेश तक धारा-144 लगा दिया गया है.

कौन-कौन सी लगी हैं धाराएं: मजिस्ट्रेट की ओर से दायर प्राथमिकी में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 307. 353, 225(B), 504, 506 और 417 गयी है. इन धाराओं के तहत 30 मार्च को ही केस संख्या 112/23 दर्ज हुई है. धाराएं बता रही हैं भुरकुंडाबाड़ी में हालात कैसे रहे होंगे. लेकिन सवाल उसी बात को लेकर है कि जिला प्रशासन ने विज्ञप्ति में ही इन बातों का जिक्र क्यों नहीं किया. इन वजहों से जिला प्रशासन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. इस घटना पर दो एफआईआर हुआ है. एक एफआईआर मुखिया गणेश चंद्र ने गो-कशी करने वाली शाहबुद्दीन और उसके पिता के खिलाफ कराया था. दूसरा एफआईआर मजिस्ट्रेट ने करवाया है. फिलहाल शाहबुद्दीन का पिता मसरूद्दीन अंसारी फरार है. जबकि तोड़फोड़ मामले में अभी तक चार लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

रांची/धनबाद: रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल समेत देश के कई अलग-अलग हिस्सों में पत्थरबाजी, आगजनी, झड़प और बमबाजी की घटनाएं हुई. अभी भी कई जगहों पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. पुलिस आरोपियों की धरपकड़ कर रही है. अफवाह रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं ठप की गई हैं. दूसरी तरफ इन मामलों पर जमकर राजनीति भी हो रही है. एक पक्ष तुष्टिकरण का आरोप लगा रहा है तो दूसरे पक्ष की दलील है कि एक साजिश के तहत माहौल बिगाड़ा गया है. सही बात का खुलासा तो जांच के बाद ही हो पाएगा.

ये भी पढ़ें- Dhanbad News: पटरी पर लौट रहा भुरकुंडाबाड़ी गांव! इलाके में धारा 144 जारी, पुलिस ने 200 से अधिक लोगों पर दर्ज किया मामला

लेकिन धनबाद के निरसा थानाक्षेत्र में रामनवनी के दिन जो कुछ हुआ, उसको लेकर खुद प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है. घटना के दिन जिला प्रशासन ने रिलीज जारी किया था. ऐसे बताया गया था जैसे कोई मामूली घटना घटी थी. लेकिन उसी तारीख को मजिस्ट्रेट की ओर से दर्ज एफआईआर को देखने से लगता है कि पुलिस को खुद अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा था.

  • आज दिनांक 30.03.2023 को धनबाद जिले के निरसा थाना अंतर्गत कलियासोल प्रखंड की भुरकुंडा बाड़ी बस्ती में हुई घटना के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति pic.twitter.com/hdJDCazVAH

    — DC Dhanbad (@dc_dhanbad) March 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एफआईआर पढ़ेंगे तो उड़ जाएंगे होश: प्रशासन की विज्ञप्ति के मुताबिक भुरकुंडा बाड़ी बस्ती में कोई बड़ी घटना हुई ही नहीं थी. लेकिन उसी दिन घटनास्थल पर बतौर मजिस्ट्रेट बन कर गये निरसा के अंचल अधिकारी नितिन शिवम गुप्ता ने थाने में जो एफआईआर दर्ज करवाई, वह प्रशासन की विज्ञप्ति से ठीक उलट थी. एफआईआर में बताया गया कि 30 मार्च की सुबह 9 बजे सूचना मिली कि भुरकुंडाबाड़ी में मसरूद्दीन अंसारी के घर गौ की हत्या कर मांस बेचा जा रहा है. ग्रामीणों ने मसरूद्दीन अंसारी के पुत्र शाहबुद्दीन को पेड़ से बांध रखा है. इस सूचना पर महज आधे घंटे के भीतर 9.30 बजे प्रशासन और पुलिस की टीम घटनास्थल पहुंच गई. फिर आरोपी को पेड़ से खोलकर जीप में बिठाने पर ग्रामीण और उग्र हो गये. जीप को रोक लिया गया.

आरोपी शाहबुद्दीन अंसारी को जीप से उतारने की कोशिश की गई. उस दौरान 12 नामजद लोगों के अलावा करीब 200 लोगों ने मजिस्ट्रेट और पुलिस बल पर लाठी-डंडा और ईंट-पत्थर से हमला बोल दिया. ग्रामीणों के हमले में आरक्षी मुकलाल सरदार, गौतम कुमार, संतोष कुमार पाल, किष्टु हांसदा और चंदन कुमार गुप्ता जख्मी हो गये. इसके अलावा आरक्षी मिहिर रजवार का सिर फट गया. हमलावरों ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए आरोपी को पुलिस जिप से जबरन उतार लिया. हालांकि काफी मशक्कत के बाद शाहबुद्दीन को अभिरक्षा में ले लिया गया.

इस मामले में रामनिवास कुमार बाउरी, राजीव तंतुबाय, देवाशीष मंडल, जगरनाथ महतो, यादव बाउरी, गोरांगो मंडल, राहुल महतो, गणेश गोराई, सुभाष यादव, बप्पी महतो, उज्ज्वल महतो और नावोकांत मंडल समेत 200 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यही नहीं उग्र ग्रामीणों ने तीन पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त कर पलट दिया. अतिरिक्त पुलिस बल के पहुंचने पर हालात पर काबू पाया जा सका. इस दौरान तीन वाहनों में सवार 3-3 लोग नारेबाजी करते हुए घटनास्थल से चले गये.

क्या था जिला प्रशासन की विज्ञप्ति में: घटना के दिन कई तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे. अफवाहों का बाजार गर्म हो रहा था. इसी बीच धनबाद जिला प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि भुरकुंडा बाड़ी बस्ती में कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. विज्ञप्ति में लिखा गया कि प्रतिबंधित मांस की सूचना पर पुलिए और प्रशासन के लोग गांव पहुंचे थे. उस वक्त विरोध कर रहे ग्रामीणों द्वारा आरोपी युवक को घेरकर रखा गया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आ रहा था. पुलिस-प्रशासन ने समय पर आरोपी को कस्टडी में ले लिया. इस दौरान भीड़ में शामिल कुछ लोगों की पुलिस से नोंकझोंक हुई. जिसमें दो पुलिस गाड़ियों को मामूली क्षति हुई. खास बात है कि प्रशासन की विज्ञप्ति में इस बात का जिक्र किया गया कि किसी भी पुलिसकर्मी को कोई चोट नहीं आई. यह भी बताया गया कि विरोध कर रहे किसी भी ग्रामीण को किसी तरह की चोट नहीं पहुंची. इस बात का जिक्र किया गया कि प्रतिबंधित मांस बरामदी मामले में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया. अगले आदेश तक धारा-144 लगा दिया गया है.

कौन-कौन सी लगी हैं धाराएं: मजिस्ट्रेट की ओर से दायर प्राथमिकी में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 307. 353, 225(B), 504, 506 और 417 गयी है. इन धाराओं के तहत 30 मार्च को ही केस संख्या 112/23 दर्ज हुई है. धाराएं बता रही हैं भुरकुंडाबाड़ी में हालात कैसे रहे होंगे. लेकिन सवाल उसी बात को लेकर है कि जिला प्रशासन ने विज्ञप्ति में ही इन बातों का जिक्र क्यों नहीं किया. इन वजहों से जिला प्रशासन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. इस घटना पर दो एफआईआर हुआ है. एक एफआईआर मुखिया गणेश चंद्र ने गो-कशी करने वाली शाहबुद्दीन और उसके पिता के खिलाफ कराया था. दूसरा एफआईआर मजिस्ट्रेट ने करवाया है. फिलहाल शाहबुद्दीन का पिता मसरूद्दीन अंसारी फरार है. जबकि तोड़फोड़ मामले में अभी तक चार लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

Last Updated : Apr 3, 2023, 7:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.