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धर्म कोड की मांग पर आदिवासी संगठन मुखर, 20 फरवरी को राजभवन के समक्ष करेंगे महाधरना

धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी संगठन काफी मुखर नजर आ रहे हैं. इसको लेकर मंगलवार को रांची में बैठक कर रणनीति पर चर्चा की. जिसमें 20 फरवरी को राजभवन के समक्ष महाधरना का आह्वान किया गया है.

adiwasi organization will protest against demand for religion code in ranchi
आदिवासी संगठन
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Published : Feb 3, 2021, 12:48 AM IST

Updated : Feb 3, 2021, 4:38 AM IST

रांचीः 2021 की जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कॉलम लागू कराने के लिए आंदोलन तेज करने के लिए रणनीति बनाई गई. इसके लिए विधायक क्लब हॉल पुराना विधानसभागार में राष्ट्रीय आदिवासी इंडिजिनियस धर्म समन्वय समिति के साथ झारखंड प्रदेश की एक राज्य स्तरीय बैठक देव कुमार धान की अध्यक्षता में संपन्न हुई. जिस का संचालन प्रेम शाही मुंडा ने किया.

पूर्व मंत्री देव कुमार धान ने कहा धर्म कोड के आंदोलन को मंजिल तक पहुंचाने के लिए संगठन की अति आवश्यकता है. इसलिए राज्य के कोने-कोने तक आदिवासी धर्म कोड के मुद्दे को आगे बढ़ाना होगा. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का जन आंदोलन की तर्ज पर आदिवासी धर्म कोड का आंदोलन को भी हमें आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. राष्ट्रीय आदिवासी धर्म समन्वय समिति की योजना है कि पूरे देश में आदिवासियों को धर्म कोड के इस अभियान में हम पूर्ण रुप से समर्थन करता हूं और खुले तौर पर मैं मदद करने के लिए तैयार हूं. पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा आदिवासियों की एकता के लिए पूरे देश में हम लोग लगे हुए हैं, हम लोग जल्द ही दिल्ली जाएंगे और धर्म कोड को लेकर के जन अभियान चलाएंगे.

जानकारी देते आदिवासी नेता
आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि आदिवासी धर्म कोड लागू कराना हमारा मौलिक अधिकार है और हम इसको लेकर रहेंगे. 20 फरवरी को रांची राजधानी में राजभवन के समक्ष महाधरना दिया जाएगा जो ऐतिहासिक होगा. आदिवासी समाज से उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि झारखंड के आदिवासी प्रतिनिधि मानकी मुंडा, डोकलो सोहोर, पड़हा समिति, पप्पू ठाकुर जी, नायके इस महाधरना में शामिल होकर इसे सफल बनाएं.

इसे भी पढ़ें- सरस्वती पूजा से मूर्तिकारों को उम्मीद, कोरोना ने कर दी है आर्थिक स्थिति खराब


बैठक में सर्वसम्मति से निम्नलिखित निर्णय लिया गए
1. दिनांक 20 फरवरी 2021 को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय महाधरना दिया जाएगा. इस महाधारना में देश के विभिन्न प्रदेशों के आदिवासी प्रतिनिधि शामिल होंगे और धरना के माध्यम से महामहिम राज्यपाल के द्वारा प्रधानमंत्री के नाम से जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कोड लागू कराने का मांग पत्र सौंपा जाएगा.
2. इस महाधरना कार्यक्रम में झारखंड के सभी 32 आदिवासी जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि शामिल होंगे. साथ ही झारखंड के सभी जिलों के संयोजक एवं सह संयोजक एवं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी इस महाधरना कार्यक्रम में शामिल होंगे.

इस बैठक में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री देव कुमार धान, अलग राज आंदोलन के अग्रणी नेता पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा, पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, रामचंद्र मुर्मू, डॉक्टर बिरसा उरांव, अभय भूट कुंवर सिद्धू इनडवायर, जयपाल सिंह सरदार, रुपए मांझी, दशरथ हांसदा, प्रीतम लोहरा, विश्वनाथ सिंह खैरवार, छुनकू मुंडा, दामु मुंडा, छत्रपाल सिंह मुंडा, राजू उरांव, दिनेश उरांव शामिल हुए.

रांचीः 2021 की जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कॉलम लागू कराने के लिए आंदोलन तेज करने के लिए रणनीति बनाई गई. इसके लिए विधायक क्लब हॉल पुराना विधानसभागार में राष्ट्रीय आदिवासी इंडिजिनियस धर्म समन्वय समिति के साथ झारखंड प्रदेश की एक राज्य स्तरीय बैठक देव कुमार धान की अध्यक्षता में संपन्न हुई. जिस का संचालन प्रेम शाही मुंडा ने किया.

पूर्व मंत्री देव कुमार धान ने कहा धर्म कोड के आंदोलन को मंजिल तक पहुंचाने के लिए संगठन की अति आवश्यकता है. इसलिए राज्य के कोने-कोने तक आदिवासी धर्म कोड के मुद्दे को आगे बढ़ाना होगा. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का जन आंदोलन की तर्ज पर आदिवासी धर्म कोड का आंदोलन को भी हमें आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. राष्ट्रीय आदिवासी धर्म समन्वय समिति की योजना है कि पूरे देश में आदिवासियों को धर्म कोड के इस अभियान में हम पूर्ण रुप से समर्थन करता हूं और खुले तौर पर मैं मदद करने के लिए तैयार हूं. पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा आदिवासियों की एकता के लिए पूरे देश में हम लोग लगे हुए हैं, हम लोग जल्द ही दिल्ली जाएंगे और धर्म कोड को लेकर के जन अभियान चलाएंगे.

जानकारी देते आदिवासी नेता
आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि आदिवासी धर्म कोड लागू कराना हमारा मौलिक अधिकार है और हम इसको लेकर रहेंगे. 20 फरवरी को रांची राजधानी में राजभवन के समक्ष महाधरना दिया जाएगा जो ऐतिहासिक होगा. आदिवासी समाज से उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि झारखंड के आदिवासी प्रतिनिधि मानकी मुंडा, डोकलो सोहोर, पड़हा समिति, पप्पू ठाकुर जी, नायके इस महाधरना में शामिल होकर इसे सफल बनाएं.

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बैठक में सर्वसम्मति से निम्नलिखित निर्णय लिया गए
1. दिनांक 20 फरवरी 2021 को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय महाधरना दिया जाएगा. इस महाधारना में देश के विभिन्न प्रदेशों के आदिवासी प्रतिनिधि शामिल होंगे और धरना के माध्यम से महामहिम राज्यपाल के द्वारा प्रधानमंत्री के नाम से जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कोड लागू कराने का मांग पत्र सौंपा जाएगा.
2. इस महाधरना कार्यक्रम में झारखंड के सभी 32 आदिवासी जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि शामिल होंगे. साथ ही झारखंड के सभी जिलों के संयोजक एवं सह संयोजक एवं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी इस महाधरना कार्यक्रम में शामिल होंगे.

इस बैठक में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री देव कुमार धान, अलग राज आंदोलन के अग्रणी नेता पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा, पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, रामचंद्र मुर्मू, डॉक्टर बिरसा उरांव, अभय भूट कुंवर सिद्धू इनडवायर, जयपाल सिंह सरदार, रुपए मांझी, दशरथ हांसदा, प्रीतम लोहरा, विश्वनाथ सिंह खैरवार, छुनकू मुंडा, दामु मुंडा, छत्रपाल सिंह मुंडा, राजू उरांव, दिनेश उरांव शामिल हुए.

Last Updated : Feb 3, 2021, 4:38 AM IST
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