रांची: यदि आपको या आपके परिजन को आपातकाल स्थिति में खून की आवश्यकता है तो आप ब्लड बैंकों के भरोसे न रहें, बल्कि आप खुद ही इसकी व्यवस्था कर लें. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि झारखंड के ब्लड बैंकों में रक्त की घोर कमी हो गई है. झारखंड की राजधानी में करीब 15 से 20 ब्लड बैंक हैं. जिसमें सरकारी स्तर पर सदर अस्पताल और रिम्स के ब्लड बैंकों के भरोसे राज्य के गरीब लोग उम्मीद लगाकर रखते हैं.
रांची के ज्यादातर ब्लड बैंकों में पर्याप्त खून उपलब्ध नहींः वहीं राजधानी की बात करें तो रांची शहर में रेड क्रॉस, मेडिका ब्लड बैंक, राम प्यारी ब्लड बैंक, हेल्थ प्वाइंट ब्लड बैंक, मेदांता ब्लड बैंक, झारखंड ब्लड बैंक, पारस ब्लड बैंक, नागर मल मोदी सेवा सदन ब्लड बैंक, राज हॉस्पिटल ब्लड बैंक, गुरुनानक हॉस्पिटल ब्लड बैंक, देव कमल अस्पताल में ब्लड बैंक है, लेकिन राजधानी के इन सभी ब्लड बैंकों में पर्याप्त रक्त उपलब्ध नहीं हैं.
रिम्स के ब्लड बैंक में खून की बढ़ी मांगः रक्त संग्रह में आयी कमी को लेकर राज्य के सबसे बड़े ब्लड बैंक रिम्स ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ सुषमा बताती हैं कि फिलहाल रिम्स में पर्याप्त ब्लड है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से रिम्स ब्लड बैंक में रक्त की मांग बढ़ गई है. क्योंकि निजी ब्लड बैंकों में रक्त संग्रह काफी कम हो गया है. ऐसे में लोग रिम्स पहुंच रहे हैं.
रक्तदान शिविर नहीं लगाए जाने से उत्पन्न हुई परेशानीः राज्य के निजी ब्लड बैंकों में आयी रक्त संग्रह की कमी को लेकर रक्तदान के क्षेत्र में काम कर रहे हैं अतुल गेरा बताते हैं कि ब्लड बैंक में ब्लड की हमेशा ही कमी रही है, लेकिन इन दिनों कुछ ज्यादा कमी हो गई है. इसका मुख्य कारण यह है कि निजी अस्पताल रक्तदान शिविर का आयोजन समय-समय पर नहीं कराते हैं.मालूम हो कि राज्य में करीब 75 से 80 रक्त संग्रह केंद्र हैं, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य भर के ब्लड बैंकों में महज 30% ही ब्लड मौजूद हैं.
रिम्स में घंटों इंतजार के बाद लोगों को मिल रहा खूनः इस संबंध में ब्लड बैंक में खून मिलने के इंतजार में खड़े मरीजों के परिजनों ने बताया कि किसी भी ब्लड बैंक में पर्याप्त ब्लड नहीं है. ब्लड बैंक में अपने परिजन के लिए एक यूनिट ब्लड लेने आए साकिफ खान बताते हैं कि अपने परिजन के लिए पिछले छह घंटे से रक्त के इंतजाम में जुटे हैं, लेकिन किसी भी ब्लड बैंक में रक्त का इंतजाम नहीं हो पाया है. जिसके बाद वह थक-हार कर रिम्स पहुंचे. यहां पर उन्हें घंटों इंतजार के बाद एक यूनिट ब्लड उपलब्ध हुआ है. जिसके बदले उन्होंने भी एक यूनिट ब्लड डोनेट किया है.
ब्लड बैंकों में रक्त संग्रह बढ़ाने के लिए कैंप लगाने की जरूरतः वहीं अस्पताल में मौजूद मरीजों के परिजनों ने बताया कि जिस तरह की स्थिति ब्लड बैंकों में बनी है, ऐसे में मरीजों की मौत हो जाएगी, लेकिन उन्हें खून नहीं मिल पाएगा. लोगों ने कहा कि सरकार को ब्लड बैंकों में रक्त संग्रह बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कैंप लगाने की आवश्यकता है, ताकि आपातकाल स्थिति में लोगों को खून आसानी से उपलब्ध हो सके.
लोगों को रक्तदान के प्रति प्रोत्साहित करने की जरूरतः वहीं इस संबंध में ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ सुषमा और रक्तदान के क्षेत्र में काम कर रहे विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि जरूरत है राज्य और देश के सभी नेता अपने भाषण में लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान शिविर में हिस्सा लेकर रक्त संग्रह को बढ़ाने में मदद करें.
लोगों से रक्तदान करने की अपीलः गौरतलब है कि वर्तमान में जिस तरह से ब्लड बैंकों में रक्त संग्रह में कमी आयी है, ऐसे में जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आकर रक्तदान करें और स्वास्थ्य विभाग भी लोगों के बीच जाकर रक्तदान के प्रति जागरुकता फैलाने का काम करें.