रांची: वित्तीय कमी से जूझ रहे झारखंड बिजली वितरण निगम इन दिनों बकायदारों के खिलाफ अभियान चला रही है. इसके तहत राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जा रहा है. राज्य भर में ऐसे करीब 10 लाख बिजली उपभोक्ता हैं जिन्होंने करीब एक वर्ष से बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है. बिजली वितरण निगम के एमडी केके वर्मा ने ऐसे उपभोक्ताओं से बिजली बिल हर हाल में वसूलने का आदेश दिया है. ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए केके वर्मा ने कहा कि ऐसे अधिकारी जो बिजली बिल वसूलने में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
भारी घाटे में है जेयूवीएनएल
कोरोना काल में झारखंड ऊर्जा वितरण निगम की वित्तीय स्थिति काफी खराब हो गई है. राज्य भर में बिजली उपभोक्ता पर करीब 6 हजार करोड़ रुपए बकाया है. जेयूवीएनएल एमडी केके वर्मा ने कहा कि हालत यह है कि निगम को बैंक और भारत सरकार के समक्ष लेटर ऑफ क्रेडिट यानी एलसी बचाने का संकट आ गया है. भारत सरकार के कड़े नियम के कारण अगर बिजली कंपनियों को समय से भुगतान नहीं करेंगे तो एलसी समाप्त हो जायेगा यानी हमारा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा. ऐसी स्थिति में वित्तीय घाटे से उबारने के लिए मजबूरी में सख्त कदम उठाना पड़ रहा है.उन्होंने कहा कि एक वर्ष से यानी 31 मार्च 2020 बाद जिन उपभोक्ताओं ने बिजली बिल जमा नहीं किया है उन्हें हर हाल में पैसा देना होगा.
भेदभाव करने वाले अधिकारी नपेंगे
बिजली बिल वसूलने में बड़े बकायादारों को छूट देने वाले अधिकारी नपेंगे. एमडी ने कहा कि अगर ऐसी शिकायत मिलेगी तो वैसे अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि विभाग ने बिजली बिल वसूलने में सफलता पाई है जिसके कारण जून की तुलना में जुलाई महीने में दोगुना राजस्व संग्रह किया है. जून में 160 करोड़ जबकि जुलाई में 318 करोड़ के करीब राजस्व प्राप्त हुआ है. विभाग द्वारा लगातार इसकी समीक्षा की जा रही है. उन्होंने उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि बिजली बिल का भुगतान किश्तों में ही सही लेकिन जरूर कर दें.
बिजली बिल वसूली की हुई समीक्षा
बिजली बिल वसूली को लेकर गुरुवार को ऊर्जा विभाग द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा हुई. बिजली बिल कलेक्शन में लगे सभी अधिकारियों को एमडी केके वर्मा ने बगैर कोई भेदभाव के बिजली बिल कलेक्शन करने का निर्देश दिया. इसके अलावा सभी महाप्रबंधकों को अगस्त महीने का कलेक्शन जुलाई की तुलना में दोगुना करने और बड़े बकायदारों को चिन्हित कर उनसे बिल भुगतान कराने का निर्देश दिया गया.