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एंटी करप्शन ब्यूरो ने पकड़ी कई गड़बड़ियां, आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी बना बेचा गया

एंटी करप्शन ब्यूरो की रांची और धनबाद के नगर निगम और रजिस्ट्री कार्यालय में की गई छापेमारी के बाद अब अनियमितता सामने आने लगी है. रिपोर्ट के अनुसार रजिस्ट्री कार्यालय में कई गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं.

एंटी करप्शन ब्यूरो
ACB
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Published : Feb 29, 2020, 2:57 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 7:52 AM IST

रांची: एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से सरकारी कार्यालय में छापेमारी के दौरान हुई गड़बड़ी पर शुक्रवार को आंशिक रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. रिपोर्ट में आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी बनाकर बेचे जाने संबंधी कई मामले सामने आए हैं. सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो इस रिपोर्ट को अधिकारी मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को सौपेंगे.

देखें पूरा वीडियो

अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से रांची और धनबाद के नगर निगम और रजिस्ट्री कार्यालय में छापेमारी की गई. इस दौरान गड़बड़ी के कई मामले सामने आए हैं. जांच के क्रम में एसीबी अधिकारियों को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर निगम रजिस्ट्री कार्यालय में काम करने वाले अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. एसीबी अधिकारियों की मानें तो छापेमारी के दौरान सबसे अधिक गड़बड़ी रांची के रजिस्ट्री ऑफिस में मिली है.

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रजिस्ट्री ऑफिस में दलालों का बोलबाला

एसीबी की प्रारंभिक जांच में बड़े घोटाले के सबूत मिले हैं. अधिकारियों के मुताबिक आदिवासी जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर कर गैर आदिवासियों को कई एकड़ जमीन बेच दी गई है. मामले को लेकर रांची के दो पूर्व रजिस्ट्रार जांच के घेरे में हैं. जांच में यह भी सामने आया है कि रजिस्ट्री ऑफिस में दलालों का बोलबाला है. गैरमजरूआ जमीन को भी दलालों की सहायता से रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारियों की मिलीभगत से बेच डाला गया है.

भ्रष्टाचार के मामले उजागर

जांच के दौरान कई ऐसे अहम सबूत मिले हैं, जिससे यह साबित होता है कि रजिस्ट्री ऑफिस में कोई रजिस्टर मेंटेन नहीं हो रहा था. अधिकांश काम कच्चे कागज पर ही किया जा रहा था. रजिस्ट्री ऑफिस की कई फाइलें अपडेट नहीं है. कई फाइलों को खंगालने पर यह सामने आया है कि उसके मजमूल को बदलकर आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी बना रजिस्ट्री तक कर दी गई है. जांच के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो को नक्शे में कई बड़ी गड़बड़ियां मिली है. खासकर रिवीजन नक्शा फाइल को लेकर भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं.

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आदिवासी जमीन की रजिस्ट्री

अधिकारियों के अनुसार, जो नक्शा पहले से पास है उसका रिवीजन फाइल किया गया था, लेकिन सबसे ज्यादा पेंडिंग रिवीजन नक्शा की फाइलें ही है. एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों की मानें तो रजिस्ट्री ऑफिस के एक पूर्व रजिस्ट्रार जो वर्तमान में एक दूसरे जिले में पदस्थापित हैं उनकी ओर से सबसे अधिक आदिवासी जमीन की रजिस्ट्री की गई है, जिसे लेकर टीम अपनी जांच कर रही है.

जल्द रिपोर्ट जमा करने का निर्देश

रिपोर्ट सामने आने के बाद नगर निगम और रजिस्ट्री ऑफिस के कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अपनी रिपोर्ट जल्द ही मंत्री मंडल और निगरानी को सौंपेंगे. इस मामले को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने जल्द से जल्द मामले की रिपोर्ट जमा करने का निर्देश एसीबी अधिकारियों को दिया है, जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम रिपोर्ट बनाने को लेकर तेजी से काम कर रही है.

रांची: एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से सरकारी कार्यालय में छापेमारी के दौरान हुई गड़बड़ी पर शुक्रवार को आंशिक रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. रिपोर्ट में आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी बनाकर बेचे जाने संबंधी कई मामले सामने आए हैं. सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो इस रिपोर्ट को अधिकारी मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को सौपेंगे.

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अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से रांची और धनबाद के नगर निगम और रजिस्ट्री कार्यालय में छापेमारी की गई. इस दौरान गड़बड़ी के कई मामले सामने आए हैं. जांच के क्रम में एसीबी अधिकारियों को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर निगम रजिस्ट्री कार्यालय में काम करने वाले अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. एसीबी अधिकारियों की मानें तो छापेमारी के दौरान सबसे अधिक गड़बड़ी रांची के रजिस्ट्री ऑफिस में मिली है.

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रजिस्ट्री ऑफिस में दलालों का बोलबाला

एसीबी की प्रारंभिक जांच में बड़े घोटाले के सबूत मिले हैं. अधिकारियों के मुताबिक आदिवासी जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर कर गैर आदिवासियों को कई एकड़ जमीन बेच दी गई है. मामले को लेकर रांची के दो पूर्व रजिस्ट्रार जांच के घेरे में हैं. जांच में यह भी सामने आया है कि रजिस्ट्री ऑफिस में दलालों का बोलबाला है. गैरमजरूआ जमीन को भी दलालों की सहायता से रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारियों की मिलीभगत से बेच डाला गया है.

भ्रष्टाचार के मामले उजागर

जांच के दौरान कई ऐसे अहम सबूत मिले हैं, जिससे यह साबित होता है कि रजिस्ट्री ऑफिस में कोई रजिस्टर मेंटेन नहीं हो रहा था. अधिकांश काम कच्चे कागज पर ही किया जा रहा था. रजिस्ट्री ऑफिस की कई फाइलें अपडेट नहीं है. कई फाइलों को खंगालने पर यह सामने आया है कि उसके मजमूल को बदलकर आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी बना रजिस्ट्री तक कर दी गई है. जांच के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो को नक्शे में कई बड़ी गड़बड़ियां मिली है. खासकर रिवीजन नक्शा फाइल को लेकर भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं.

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आदिवासी जमीन की रजिस्ट्री

अधिकारियों के अनुसार, जो नक्शा पहले से पास है उसका रिवीजन फाइल किया गया था, लेकिन सबसे ज्यादा पेंडिंग रिवीजन नक्शा की फाइलें ही है. एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों की मानें तो रजिस्ट्री ऑफिस के एक पूर्व रजिस्ट्रार जो वर्तमान में एक दूसरे जिले में पदस्थापित हैं उनकी ओर से सबसे अधिक आदिवासी जमीन की रजिस्ट्री की गई है, जिसे लेकर टीम अपनी जांच कर रही है.

जल्द रिपोर्ट जमा करने का निर्देश

रिपोर्ट सामने आने के बाद नगर निगम और रजिस्ट्री ऑफिस के कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अपनी रिपोर्ट जल्द ही मंत्री मंडल और निगरानी को सौंपेंगे. इस मामले को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने जल्द से जल्द मामले की रिपोर्ट जमा करने का निर्देश एसीबी अधिकारियों को दिया है, जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम रिपोर्ट बनाने को लेकर तेजी से काम कर रही है.

Last Updated : Feb 29, 2020, 7:52 AM IST
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