रांचीः रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच की अनुमति दे दी गई है. पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी, पूर्व मंत्री रणधीर सिंह और पूर्व मंत्री नीरा यादव के खिलाफ एसीबी जांच होगी.
एसीबी ने की आरोप की पुष्टिः मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, डॉ नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा के विरुद्ध प्रत्यानुपातिक धनार्जन की अग्रतर जांच हेतु पी.ई. दर्ज करने के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को निर्देश दिया है.
मालूम हो कि W.P. (PIL) 316/ 2020 पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य के संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग द्वारा पूर्व सरकार के मंत्रियों के विरुद्ध आई.आर. दर्ज कर गोपनीय सत्यापन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, रांची से किया गया. जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची द्वारा पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, पूर्व मंत्री रणधीर कुमार सिंह, पूर्व मंत्री डॉ. नीरा यादव, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी एवं पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा पर परिवादी द्वारा लगाए गए प्रत्यानुपातिक धनार्जन के आरोप के लिए अब तक के गोपनीय सत्यापन से पुष्टि होने का उल्लेख करते हुए उनके विरुद्ध अलग-अलग पी.ई. दर्ज करने हेतु अनुमति की मांग की गई है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची के सत्यापन प्रतिवेदन के उपरांत मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) द्वारा मुख्यमंत्री से पूर्व मंत्रियों के विरुद्ध प्रत्यानुपातिक धनार्जन कि अग्रतर जांच हेतु पी.ई. दर्ज करने के बिंदु पर अनुरोध किया गया था.
पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच पर सियासत शुरू हो गई है. प्रदेश भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पर जनता का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री और झामुमो निराशा और हताशा के दौर से गुजर रही है और वह ऐसे आदेश देकर नया एजेंडा सेट करना चाहती है. भाजपा को किसी भी जांच से कभी भी कोई परहेज नहीं बशर्ते वह निष्पक्ष हो लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में निष्पक्षता की आशा नहीं की जा सकती.