रांचीः कहते हैं अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो अपने गुनाहों का कोई ना कोई सुराग जरूर छोड़ जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ लड़की की हत्याकांड में. रांची पुलिस करीब 2 महीने से एक लड़की की गुमशुदगी और कंकाल के बरामदगी की गुत्थी नहीं सुलझा पाई थी. लेकिन एक दिन एक छोटी सी रसीद ने इस ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री के तमाम राज से पर्दा हटा दिया.
इसे भी पढ़ें- Crime News Koderma: एकतरफा मोहब्बत में कत्ल, प्यार ठुकराए जाने से नाराज प्रेमी ने प्रेमिका का जान ली
जानिए क्या है पूरा मामलाः रांची के चुटिया इलाके से 13 फरवरी 2022 से गायब लड़की अब इस दुनिया में नहीं है. रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र के उकरिद पहाड़ी से 27 फरवरी को बरामद कंकाल उसी लापता युवती का ही था. युवती के प्रेमी पंकज के गिरफ्तारी के बाद यह हैरतअंगेज खुलासा हुआ है. इससे पहले तक पुलिस लड़की को गुमशुदा मानकर उसकी तलाश में लगी हुई थी.
13 फरवरी से गायब थी लड़कीः चुटिया थाना इलाके की रहने वाली लड़की 13 फरवरी को अचानक अपने घर से गायब गई थी. युवती ने अपने परिवार वालों को यह बताया था कि वह अपने एक दोस्त से मोबाइल लेने के लिए जा रही है लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटी. 14 फरवरी को परिजनों ने पुत्री की गुमशुदगी को लेकर चुटिया थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई. सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस को जानकारी मिली कि ओरमांझी इलाके के रहने वाले एक युवक पंकज से लड़की की अक्सर बातचीत हुआ करती थी. चुटिया पुलिस ने पंकज को बुलाकर पूछताछ की. जिसमें उसने पुलिस को यह कहकर बरगला दिया कि वह युवती उसकी दोस्ती मात्र थी और अक्सर उसकी इसी बहाने बातचीत हुआ करती थी. पंकज का बयान लेकर और परिजनों से मिली जानकारी के आधार पर रांची पुलिस लड़की की तलाश करती रही लेकिन वह मिली नहीं.
घर वालों को लगा सहेली के यहां गई है बेटीः घर से गायब युवती के परिजनों को पुत्री के गायब हो जाने के बाद किसी पर कोई शक नहीं था. उन्होंने पुलिस के सामने भी यह बताया था कि उसका किसी से अफेयर भी नहीं था. परिजनों को लगा था कि वो परिवार वालों से नाराज होकर अपनी किसी सहेली के घर चली गई होगी. इसलिए परिजन उसके घर लौटने का इंतजार करते रहे. लेकिन युवती और पंकज के रिश्ते को लेकर तो उन्हें हवा तक नहीं थी.
घर से मिला गर्भपात का पर्चाः युवती के परिजन अपनी बेटी के सकुशल लौट जाने की राह देख रहे थे. इस घटना को करीब डेढ़ महीने बीत चुके थे. इसी बीच 25 मार्च को एक परिजन ने युवती के घर में पड़े कुछ किताब के पन्ने को यूं ही पलटना शुरू किया तो उसके अंदर से एक डॉक्टर का पर्चा मिला. उस पर्चे को देखकर परिवार वाले सहम गए और भागे भागे चुटिया थाना प्रभारी के पास पहुंचे.
दरअसल वह लड़की के गर्भपात से जुड़ी हुआ रसीद थी. युवती के परिवार वालों को यह जानकारी तक नहीं थी कि उसका कभी गर्भपात भी हुआ है. 13 फरवरी के बाद रांची पुलिस को पहली बार एक ऐसी लीड मिली थी जिसे यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि युवती के साथ जरूर कोई अनहोनी हुई है. पुलिस की एक टीम आनन-फानन में उस नर्सिंग होम में पहुंची जहां उसका गर्भपात किया गया था. रजिस्टर चेक करने पर उसमें एक ऐसा नाम सामने आया जो पुलिस के लिए नया नहीं था लेकिन बेहद चौंकाने वाला था, उस रजिस्टर में पंकज का नाम लिखा हुआ था. युवती के पति के रूप में पंकज ने अपना नाम गर्भपात के समय अस्पताल में दर्ज करवाया था.
गिरफ्तारी के बाद पंकज ने कबूला जुर्मः लड़की के गर्भपात की रसीद हाथ में आते ही चुटिया पुलिस ने आनन-फानन में ओरमांझी पुलिस से संपर्क किया. इस मामले की जानकारी मिलते ही ओरमांझी पुलिस में पंकज को बिना देरी किए हिरासत में ले लिया. इस दौरान पंकज को यह समझ में नहीं आया कि आखिर उसे ओरमांझी पुलिस ने क्यों उठाया है. लेकिन जब उसे चुटिया थाना लाया गया और लड़की के गर्भपात का कागज दिखाकर उससे पूछताछ शुरू हुई तो वह टूट गया और उसने वारदात की पूरी दास्तां बयां की.
14 फरवरी को ही ले ली थी युवती की जानः पंकज ने पुलिस को बताया कि 13 फरवरी को युवती उसके पास आ गई और साथ में ही रहने की जिद करने लगी. जिसके बाद वो उसे लेकर ओरमांझी आ गया. रात में एक साथ रहने को लेकर उसके साथ उसका जबरदस्त झगड़ा हुआ और दोनों में जमकर हाथापाई भी हुई. इसी दौरान अचानक युवती की मौत हो गई. उसकी मौत से घबराकर उसने शव को ठिकाने लगाने की सोच ली. जिसके बाद वह उसके शव को एक बोरे में भरकर ओरमांझी के उकरिद जंगल ले गया. घने जंगल के पास ले जाकर शव पर पेट्रोल छिड़क कर उसे आग के हवाले कर दिया. उसके बाद पंकज अपने घर लौट आया.
आत्महत्या की कहानी बताता रहा पंकजः पकड़े जाने के बाद पंकज ने पुलिस को पहले एक अलग ही कहानी बताता रहा. पंकज के अनुसार 14 फरवरी की रात युवती दूसरे कमरे में सो रही थी, जहां उसने आत्महत्या कर ली थी. इस घटना से वो काफी डर गया था इसलिए उसने शव को जला दिया था.
27 फरवरी को मिला था कंकालः 27 फरवरी को ओरमांझी पुलिस को ग्रामीणों ने सूचना दी थी कि उकरिद के जंगलों में एक कंकाल पड़ा हुआ है. जलने की वजह से शव महिला का है या पुरुष का यह जानकारी नहीं हो पाई थी. क्योंकि शव पूरी तरह से जल चुका था और उसमें सिर्फ हड्डियां ही बची थीं. ओरमांझी पुलिस ने उस दौरान कंकाल को अपने कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम की कार्रवाई को पूरा करने के लिए रिम्स भेज दिया था.
कंकाल का दाह संस्कार करेंगे परिजनः 52 दिन से जिस बेटी के जिंदा होने की आस लगाए थे, परिजन अब उसी के कंकाल का अंतिम संस्कार करेंगे. पुलिस की तरफ से इसकी पहल की जा रही है. आवश्यक कागजी कार्रवाई करने के बाद बरामद शव के अवशेष परिजनों को सौंप दिए जाएंगे.