रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण (corona infection) की रफ्तार इन दिनों भले ही कम हुई है लेकिन अब भी रोजाना 100 से 150 नये संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. वहीं संक्रमित मरीजों की संख्या घटने के बाद सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है.
इससे अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों की भीड़ भी बढ़ गई है जो बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की धज्जियां उड़ा रहे हैं. इन बेपरवाह लोगों की वजह से संक्रमण के खतरा अब भी बना हुआ है. इस समस्या से निपटने के लिए रांची सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) में मरीजों को इलाज से पहले कोरोना एंटीजन टेस्ट करना होगा.
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कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग युद्धस्तर पर काम कर रहा है. प्रत्येक जिले के सीएचसी में बच्चों के लिए आईसीयू और पीआईसीयू बनाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर आम जनता में बीमारी को लेकर जागरूकता का अभाव हर तरफ दिख रहा है.
अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं
सरकारी अस्पतालों में ओपीडी खुल गए हैं. इससे बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. उनके परिजन मास्क भी नहीं पहने रहते हैं. इतना ही नहीं तीसरी लहर में सबसे अधिक खतरा बच्चों को हैं, वह भी बिना मास्क पहने अस्पताल में दिख रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम बुधवार को रांची सदर अस्पताल में बिना मास्क लगाए अपने बच्चे के साथ पहुंची एक महिला से पूछा कि मास्क नहीं है, तो कैमरा देख कर मास्क लगाने लगी. यही स्थिति रिम्स के इमरजेंसी वार्ड की भी है.
कोरोना से लड़ना सीख लिया
राज्य में संभावित कोरोना की तीसरी लहर के खतरे से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कहते हैं कि हमने कोरोना संक्रमण से लड़ना सीख लिया है. राज्य को इस विभीषिका से बचाकर दिखाएंगे.
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मरीज समझने को तैयार नहीं
रांची सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सव्यसाची मंडल कहते हैं कि पिछले एक साल से लोगों को जागरूक करने की कोशिश की गई. इसके बावजूद कुछ मरीज समझने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मास्क और दो गज की दूरी बहुत जरूरी है लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अब सदर अस्पताल में जो मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आएंगे. उन्हें पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना होगा. हालांकि, इस व्यवस्था को अनिवार्य नहीं किया है.