रांचीः झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की समीक्षा बैठक उपायुक्त छवि रंजन ने ली, जिसमें उपायुक्त ने झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के अंतर्गत पोर्टल पर डेटा अपलोड की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान झारखंड ग्रामीण बैंक के अलावा दूसरे किसी भी बैंक की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई. वहीं विभिन्न बैंकों के पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों से डेटा अपलोड की धीमी गति की जानकारी लेते हुए उपायुक्त ने तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया. बैंकर्स की ओर से बताया गया कि आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा डेटा अपलोड किया जायेगा और प्रो एक्टिव होकर काम करें.
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उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि जिले के 50 हजार किसानों को झारखंड कृषि ऋण माफी योजना का लाभ दिया जाना है. बैंक प्रो एक्टिव होकर काम करें और डेटा अपलोड करने से पहले आवश्यक रूप से वेरिफाई करें. साथ ही उन्होंने कहा कि एक से दो दिनों में 50 प्रतिशत से ज्यादा डेटा अपलोड करने का प्रयास करें. उपायुक्त ने बैठक के दौरान ही पोर्टल पर डेटा अपलोड की अद्यतन स्थिति की जांच की. उपायुक्त ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि प्रज्ञा केंद्र में जाकर अपना डेटा चेक कराएं और ई-केवाईसी कराएं.
योजना का लाभ के लिए राशन कार्ड अनिवार्य
बता दें कि झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के अंतर्गत सभी रैयत और गैर रैयत के 50 हजार रुपये तक के कृषि ऋण माफ होंगे. चाहे वह किसी भी बैंक से लिया गया हो, 31 मार्च 2020 तक ऋण लेने वाले किसान ही इसके दायरे में आएंगे. एक परिवार से एक ही व्यक्ति को इसका लाभ मिल सकता है. इसके एवज में आवेदन देने वाले किसानों से एक रुपये सेवा शुल्क के तौर पर लिया जाएगा. पैसा सीधे बैंक खाते में जाएगा. योजना का लाभ के लिए राशन कार्ड भी अनिवार्य होगा.
नुकक्ड़ नाटक के माध्यम से किया गया जागरूक
वहीं जमशेदपुर में भी झारखंड कृषि ऋण माफी योजना को लेकर किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से समाहरणालय परिसर से सोमवार को उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत व अपर उपायुक्त प्रदीप प्रसाद ने जन जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी और उप परियोजना निदेशक गीता महतो उपस्थित रहीं. इस दौरान उप विकास आयुक्त ने प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों तक कृषि ऋण माफी योजना की जानकारी पहुंचे, इस संबंध में जनजागरूकता रथ को व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए रवाना किया गया है.