रांचीः गुजरात की फैक्ट्री से रेस्क्यू कर 30 बेटियां को झारखंड लाया गया है. इसमें 19 बच्चियों को चान्हो में रखा गया है. इसमें 1 बालिक 18 नाबालिग हैं. गुजरात के सूरत से 18 नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू कर पुलिस देर रात रांची पहुंची. देर रात वापस लौटने के कारण रांची जिले के चारों प्रखंड के बिजुपाड़ा स्थित किशोरी निकेतन में शेल्टर में नाबालिगों को रखा गया.
सभी बच्चियों को सामाजिक दूरी के तहत रखा गया है. कल सभी बच्चियों की कोरोना जांच होगी. दो दिनो में बच्चियों को उनके घर पहुंचा दिया जाएगा. रांची जिले के अनगड़ा और सिल्ली प्रखंड के सुदूरवर्ती जंगल बहुल पिच्छडी क्षेत्र के लेप्सर, बुढ़ा कोचा, गोंदली टोली, टाटी सिंगारी आदि गांवों की रहने वाली 30 लड़कियों को पांच सिंतबर को मंजू कुमारी नामक महिला बहला फुसला कर ले गयी थी, जिन्हे गुजरात के सूरत स्थित पलसाना श्रीम्प फैक्ट्री से रेस्क्यू किया गया.
सिलाई-कढ़ाई सिखाने के नाम पर लाया गया
इन्हें सिलाई-कढ़ाई सिखाने के नाम पर गुजरात जाया गया था और वहां मछली ढोने और पैकिंग का काम पूरी रात कराया जाता था और इन्हे समय से खाना नहीं दिया जाता था और व्यापारी काम की मजदूरी का पैसा भी पूरा नहीं देता था.
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इनमें से कई बच्चियां बीमार थीं. श्रीम्प फैक्ट्री सूरत के चौर्यासी विधानसभा के भाजपा विधायक झंखना पटेल के चचेरे भाई की बतायी जा रही है. बरामद की गई लड़कियां पिछले छह अगस्त से लापता थीं.
किशोरी निकेतन नोडल पदाधिकारी पम्मी सिन्हा, राज्य संसाधन केन्द्र रांची सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी रांची सदर, राज्य संसाधन केंद्र के परियोजना समन्वयक सुनील कुमार गुप्ता, कांउसलर मदन कुमार साहू और कॉल रिस्पोण्डर निर्मला खालखो, रोहित शर्मा और अनीता कुमारी सहयोग कर रहे हैं.