रांची: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भले ही एयर एंबुलेंस चलाने की बात करते हों, लेकिन हकीकत यह है कि राज्य में मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए खरीदी गई 206 एंबुलेंस नामकुम के स्वास्थ्य मुख्यालय में बर्बाद हो रही है. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी एंबुलेंस का मुद्दा उठ चुका है.
झारखंड में 2017 से है 108 एंबुलेंस सेवा: झारखंड में वर्ष 2017 से निःशुल्क 108 एंबुलेंस सेवा क्रियाशील है. इनमें से कई अब खराब स्थिति में हैं. ऐसे में राज्य के लोगों को बेहतर सेवा का लाभ देने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एंबुलेंस देने की योजना बनाई थी. मध्यप्रदेश के इंदौर में बनीं 206 नए एंबुलेंस रांची आ भी चुकी हैं, लेकिन अभी तक वह सड़क पर नहीं उतर सकी है. चार महीने से नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय में खड़े खड़े ये एंबुलेंस बर्बाद हो रहीं हैं.
खरीद पर सरयू राय ने उठाए सवाल: पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने कहा कि नामकुम में 206 एंबुलेंस पड़ी हुईं हैं. सरकार ने जवाब दिया है कि एंबुलेंस की गुणवत्ता की जांच हो रही है, ऐसे में सवाल है कि बिना गुणवत्ता की जांच किए इसे खरीदा ही क्यों गया. सरयू राय ने कहा कि विभागीय मंत्री और सचिव में एंबुलेंस चलाने को लेकर मतभेद है. अपर मुख्य सचिव चाहते हैं कि नए सिरे से विज्ञापन निकाल कर किसी नए एजेंसी को इन 206 एंबुलेंस को चलाने की जिम्मेदारी दी जाए. वहीं विभागीय मंत्री चाहते हैं कि अभी जो एजेंसी 108 एंबुलेंस चला रही है, उसे ही इसके संचालन की जिम्मेदारी दी जाए.
सरयू राय ने कहा कि उन्हें जो जानकारी है उसके अनुसार जिन 206 एंबुलेंस की खरीद की गई है, उसमें गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है. उनकी बॉडी मानकों के अनुसार नहीं है. सरयू राय ने कहा कि अब जब ये एंबुलेंस सड़क पर चलेगी तब पता चलेगा कि उसकी गुणवत्ता क्या है.
वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने नामकुम के स्वास्थ्य मुख्यालय में पड़े एंबुलेंस को लेकर कहा कि एक माननीय विधायक ने 108 एंबुलेंस का मुद्दा उठाया है. इस पूरे मामले की जांच होगी और जांच के बाद अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसपर कार्रवाई भी होगी. उन्होंने कहा कि नई एंबुलेंस जल्द ही लोगों की सेवा में काम करने लगेगी.
दोनों तरह के नए एंबुलेंस हो रहे हैं बर्बाद: नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय परिसर में जो एंबुलेंस पिछले चार महीने से खुले आकाश के नीचे बर्बाद हो रहे हैं. उनमें बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम (BLS), एडवांस लाइफ स्पोर्ट सिस्टम (ALS) और नियोनेटल एंबुलेंस भी शामिल है.