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2043 दारोगा के थानेदार बनने का रास्ता साफ, आईजी प्रशिक्षण ने जारी किया आदेश - 2043 दारोगा के थानेदार बनने का रास्ता साफ

झारखंड पुलिस में 2018 में बहाल दारोगा रैंक के अफसरों के थानेदार बनने का रास्ता साफ हो गया है.राज्य पुलिस की आईजी प्रिया दूबे ने आदेश दिया है कि जिलों के एसपी अब इन 2043 दारोगा को थानेदार बना सकते हैं.

2043 sub Inspector will be a Sho in jharkhand
2043 दारोगा के थानेदार बनने का रास्ता साफ
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Published : Nov 9, 2020, 10:45 PM IST

रांची: झारखंड पुलिस में 2018 में बहाल दारोगा रैंक के अफसरों के थानेदार बनने का रास्ता साफ हो गया है. राज्य पुलिस की आईजी प्रिया दूबे ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. इससे पुलिस को अनुसंधान और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति संभालने के लिए अलग-अलग अफसर मिल जाएंगे.

क्या है वर्तमान स्थिति

2043 दारोगा में से अधिकांश लोगों की ट्रेनिंग 11 महीने से अधिक पूरी हो चुकी है, सिर्फ सात ऐसे पुलिसकर्मी बचे हैं, जिनका प्रशिक्षण पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में सात पुलिसकर्मियों को छोड़ शेष थानेदार बन सकेंगे. आदेश के अनुसार 2018 बैच के 2043 दारोगा स्तर में बहाल हुए युवकों को 12 महीने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण कराने का आदेश 10 अक्टूबर 2019 को दिया गया था. इनमें से अधिकांश लोगों की 11 महीने से अधिक की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. ऐसे में जिलों के एसपी को आदेश दिया गया है कि 2018 बैच के दारोगा को बतौर थानेदार वो तैनात कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें-आदिवासी धर्म कोड की मांग पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन, राष्ट्रपति से मुलाकात करने की तैयारी

सबसे युवा अफसरों का बैच

2018 बैच के दारोगा स्तर के पुलिसकर्मियों का बैच झारखंड पुलिस के सबसे युवा अफसरों का बैच है. इस बैच के अधिकांश अफसर साइंस बैकग्राउंड के हैं. वहीं बीटेक पास अफसर भी इस बैच में बहाल हुए थे. राज्य पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, नए बैच के युवाओं के थानेदार के तौर पर पोस्टिंग से वैज्ञानिक अनुसंधान में मदद मिलेगी.

रांची: झारखंड पुलिस में 2018 में बहाल दारोगा रैंक के अफसरों के थानेदार बनने का रास्ता साफ हो गया है. राज्य पुलिस की आईजी प्रिया दूबे ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. इससे पुलिस को अनुसंधान और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति संभालने के लिए अलग-अलग अफसर मिल जाएंगे.

क्या है वर्तमान स्थिति

2043 दारोगा में से अधिकांश लोगों की ट्रेनिंग 11 महीने से अधिक पूरी हो चुकी है, सिर्फ सात ऐसे पुलिसकर्मी बचे हैं, जिनका प्रशिक्षण पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में सात पुलिसकर्मियों को छोड़ शेष थानेदार बन सकेंगे. आदेश के अनुसार 2018 बैच के 2043 दारोगा स्तर में बहाल हुए युवकों को 12 महीने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण कराने का आदेश 10 अक्टूबर 2019 को दिया गया था. इनमें से अधिकांश लोगों की 11 महीने से अधिक की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. ऐसे में जिलों के एसपी को आदेश दिया गया है कि 2018 बैच के दारोगा को बतौर थानेदार वो तैनात कर सकते हैं.

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सबसे युवा अफसरों का बैच

2018 बैच के दारोगा स्तर के पुलिसकर्मियों का बैच झारखंड पुलिस के सबसे युवा अफसरों का बैच है. इस बैच के अधिकांश अफसर साइंस बैकग्राउंड के हैं. वहीं बीटेक पास अफसर भी इस बैच में बहाल हुए थे. राज्य पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, नए बैच के युवाओं के थानेदार के तौर पर पोस्टिंग से वैज्ञानिक अनुसंधान में मदद मिलेगी.

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