रांचीः झारखंड जगुआर कैंपस को हरा भरा बनाने के लिए गुरुवार को कैंपस में 11,000 से अधिक पौधे लगाए गए हैं. जगुआर के एडीजी संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में जवानों ने पेड़ लगाए. कैंपस में पहले से ही डेढ़ लाख पेड़ लगाए गए हैं, जो विभिन्न किस्म के हैं.
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कैंपस में हैं 100 से अधिक किस्म के पेड़
झारखंड जगुआर कैंपस में पहले से ही लगभग 100 किस्म के पेड़-पौधे लगाए गए हैं. इसमें बरगद, पीपल, अमरुद, गुलमोहर, जामुन, आंवला, चंदन, रुद्राक्ष, बेल, शीशम, कदम, अशोक, निम, पपीता, सागवान, महोगनी, कटहल, पलाश और आम शामिल हैं. झारखंड जगुआर के आईजी अमोल होमकर ने बताया कि कैंपस में बड़े तादाद में औषधीय वृक्षों को भी लगाया गया है. आम का एक विशेष बगीचा है, जिसमें एक दर्जन से ज्यादा किस्म के आम के पेड़ लगाए गए हैं. जगुआर के गठन होने के बाद मुख्यालय के लिए आवंटित भूखंड बंजर था और उस भूखंड पर सिर्फ एक बरगद का पेड़ था. चारों तरफ पत्थर ही पत्थर था. स्थिति यह थी कि बैठने के लिए कोई छायादार वृक्ष भी नहीं था, लेकिन जगुआर जवानों ने पिछले 10 वर्षों में कड़ी मेहनत कर पूरे परिसर को हरा-भरा बना दिया है.
बेहतर हुआ पर्यावरण
जगुआर कैंपस में लगातार वृक्षारोपण होने की वजह से पर्यावरण को काफी फायदा पहुंचा है. वहीं, कैंपस का जल स्तर भी काफी ऊपर आ गया है. कैंपस में लगभग 34 बोरिंग लगाए गए थे, लेकिन शुद्ध पीने का पानी नहीं मिल रहा था. वन और पर्यावरण को संतुलन बनाए रखने के लिए परिसर में 9 तालाब का निर्माण किया गया, जिसमें पूरे साल पानी भरा रहता है. झारखंड जगुआर कैंपस की बंजर भूमि को जिस तरह से हरा-भरा बना दिया गया, वह अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है कि किस तरह पर्यावरण में संतुलन बनाया जा सकता है.