रामगढ़ः जिले के रजरप्पा थाना क्षेत्र अंतर्गत छोटकी लारी के रहने वाले तीन बच्चे ट्यूशन पढ़ने के नाम पर घर से निकले. तीनों बच्चे शाम 6 बजे तक घर नहीं पहुंचे तो घर वालों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया. रात करीब 9 बजे उन्हें छोटकी लारी के ही एक खंडहरनुमा मकान के छत पर पाया गया. जिसके बाद पूरे गांव मे जादू टोना सहित कई तरह की अफवाह फैल गई. जिसके बाद मौके पर सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुषों की भीड़ इकट्ठा हो गई और हंगामा होने लगा. मामले की जानकारी के बाद रजरप्पा पुलिस पहुंची. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसडीपीओ के साथ तीन थानों की पुलिस के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बलों की मौके पर पहुच पूरे मामले को शांत कराया.
बता दें कि छोटकी लारी के ट्यूशन पढ़ने निकले तीन बच्चों के लापता होने की जानकारी के बाद पूरा गांव बच्चों को खोजने में जुट गया. काफी खोजबीन के बाद गांव के किनारे खंडहरनुमा मकान की छत पर तीनो बच्चों के मिलने के बाद जादू टोना की अफवाह ने मामले को संवेदनशील बना दिया. ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई और ग्रामीण तरह तरह के आरोप लगाने लगे. तीनों बच्चों की उम्र 10, 8 और 6 वर्ष है. इसमें दो सगे भाई, तीसरा पड़ोस का ही लड़का है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी पीयूष पांडेय ने एसडीपीओ के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती घटना स्थल पर कर दी. करीब 3 घंटे बाद पुलिस औऱ बच्चों के पिता ने जादू टोना या जो अफवाह फैली थी उसे पूरी तरह खारिज कर दिया. पुलिस और परिजन ने बताया कि बच्चे ढूंढने निकले परिजनों को देखकर डर गए थे और उस मकान की छत पर छुप गए.
वहीं ग्रामीण यादव कुमार ने कहा कि पूरे गांव में यह माना जाता है कि लावारिस पड़े जिस मकान की छत पर बच्चे सोए हुए मिले हैं आखिर बच्चे अकेले सुनसान मकान के छत पर कैसे पहुंचे. कोई उस मकान की तरफ नहीं जाता है. मामले का खुलासा होना चाहिए.
तीन बच्चों में एक मोहित के पिता चंद्रशेखर महतो ने बताया कि जादू टोना या अन्य अफवाह गलत है. वे रांची से जब घर पहुंचे तब घर में बताया गया कि तीन बजे ट्यूशन के लिए मोहित निकला है लेकिन अब तक घर नहीं पहुंचा है. खोजने के लिए निकला तो वो दो बच्चों के साथ गांव में मुझे मिल गया और जब ट्यूशन के बारे में पूछा तो वे दूसरे रास्ते से चले गए. लेकिन इसके बाद भी जब तीनों बच्चे अपने अपने घर नहीं पंहुचे तव पूरे गांव में अनाउसमेंट करवा उनकी खोजबीन में पूरा गांव जुट गया. करीब 2 -3 घंटे बाद वे खंडहरनुमा मकान की छत पर मिले. बच्चों से जब पूछा गया तो बच्चों ने बताया की वे ट्यूशन नहीं गए थे और डर से यहां आकर छुप गए थे.
रजरप्पा इंस्पेक्टर एचएन सिंह और एसडीपीओ किशोर कुमार रजक ने बताया कि बच्चों को किसी ने अगवा नहीं किया था, बल्कि वे खुद उस मकान में पहुंचे थे. थाना प्रभारी ने तीनों बच्चों से उनके अभिभावकों के सामने रामगढ़ सदर अस्पताल में पूछताछ व पूरी जांच पड़ताल की. पूरा मामला अफवाह साबित हुआ. पुलिस ने ग्रामीणों को काफी समझाया बुझाया. पुलिस को करीब डेढ़ दो घंटे मशक्कत करनी पड़ी. दो घंटे के हंगामे के बाद अंततः ग्रामीण पूरी बात समझकर शांत हुए. हालांकि पुलिस ने हर पहलू पर गंभीरता से जांच कर रही है.
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