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रामगढ़ः सांपों को पकड़ने में माहिर हैं ये दोनों दोस्त, अब तक 200 से अधिक सांपों का किया है रेस्क्यू - रामगढ़ में खतरनाक सांपों का रेस्क्यू

रामगढ़ जिले के पतरातू के दो युवक शशि और कुंदन इन दिनों काफी चर्चा में हैं. दोनों दोस्तों की पहचान पूरे जिले में सर्पमित्र के रूप में बन गई है. दोनों ने पिछले 10 वर्षों में करीब 200 से अधिक सांपों का रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगलों में छोड़ा है.

सर्पमित्र
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Published : Jul 7, 2020, 1:45 PM IST

रामगढ़ः जिले के पतरातू प्रखंड के पतरातू में रहने वाले दो दोस्त शशि और कुंदन इन दिनों काफी चर्चा में हैं. दोनों दोस्तों ने समाज में एक मिसाल कायम की है. डिस्कवरी चैनल से प्रभावित होकर दोनों दोस्तों की पहचान पूरे जिले में सांप पकड़ने वालों की बन गई है. इन दोनों ने पिछले 10 वर्षों में अब तक 200 से अधिक सांपों का रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगलों में छोड़ा है.

देंखे पूरी खबर

पतरातू क्षेत्रों में बरसात के मौसम में ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी इस इलाके में घरों में सांप निकलने की खबरें आम होती हैं. ऐसे में इन सांपों के घर में घुस जाने से लोगों को सांप के काटने का डर बन जाता है. इसी डर के कारण लोग प्रकृति को संतुलित बनाए रखने वाले सांपों को मार देते हैं जिसे प्रकृति और पर्यावरण दोनों को नुकसान होता है.

एक बार इन दोनों दोस्तों ने देखा कि कुछ लोग सांपों को मार रहे हैं तब से दोनों ने डिस्कवरी चैनल देख हिम्मत कर सांपों को पकड़ना शुरू किया और उन्हें पकड़कर सुरक्षित जंगलों में छोड़ देते थे अब धीरे-धीरे लोग भी जानने लगे हैं और यह भी अब जहरीले से जहरीले सांपों को पकड़कर जंगलों में छोड़ देते हैं.

इन दोनों को किसी भी प्रकार से सूचना मिलती है तो दोनों वहां पहुंचते हैं और रेस्क्यू कर सांप को पकड़ बोरे में रखकर सुरक्षित जंगल में छोड़ देते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें सांपों से काफी लगाव है. सांप पर्यावरण के सच्चे मित्र होते हैं. सांपों को पर्यावरण के लिए रहना महत्वपूर्ण है.

इन दोनों ने कई घरों में जाकर सांपों को रेस्क्यू किया है, कही से भी सूचना मिलने पर ये सांपों को रेस्क्यू कर लेते हैं. शुरुआती दिनों में ये डिस्कवरी चैनल देखते थे वही से इन्हें उत्सुकता हुई और देखते देखते ये कहीं भी सूचना मिलने पर पहुंच जाते हैं और रेस्क्यू करते हैं.

यह भी पढ़ेंः कोविड का सफलतापूर्वक इलाज करने वाला पहला निजी अस्पताल बना मेडिका, कर्मियों में खुशी

दोनों ने बताया कि सांप कुंदरत का एक सुंदर उपहार है. जब इस सुंदर उपहार को कोई मार देता है तो दुख होता है. सांपों में 20 प्रतिशत ही जहरीले होते हैं, बाकी 80 प्रतिशत जहरीले नहीं होते हैं. सांपों को बचाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ये प्रकृति के भोजन चक्र का सबसे अहम हिस्सा हैं,

पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आमतौर पर इस इलाके में धामिन, करैत, अजगर पानी वाले सांप और कई सामान्य सांप होते हैं.

बारिश शुरू होते ही सर्पदंश के मामले सामने आने लगे हैं. वैसे भी इस क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में कोबरा, वायपर, करैत, धामन आदि सांप पाए जाते हैं. ये सभी जहरीले हैं.

ऐसे में दोनों दोस्तो की जोड़ी लोगों की जान बचाने में मददगार साबित होगी. दोनों ने कहा कि फिनाइल और मिट्टी के तेल के छिड़काव घर के कमरे और नाली में करना चाहिए. इसकी दुर्गंध से सांप कोसों दूर हो जाते हैं.

रामगढ़ः जिले के पतरातू प्रखंड के पतरातू में रहने वाले दो दोस्त शशि और कुंदन इन दिनों काफी चर्चा में हैं. दोनों दोस्तों ने समाज में एक मिसाल कायम की है. डिस्कवरी चैनल से प्रभावित होकर दोनों दोस्तों की पहचान पूरे जिले में सांप पकड़ने वालों की बन गई है. इन दोनों ने पिछले 10 वर्षों में अब तक 200 से अधिक सांपों का रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगलों में छोड़ा है.

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पतरातू क्षेत्रों में बरसात के मौसम में ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी इस इलाके में घरों में सांप निकलने की खबरें आम होती हैं. ऐसे में इन सांपों के घर में घुस जाने से लोगों को सांप के काटने का डर बन जाता है. इसी डर के कारण लोग प्रकृति को संतुलित बनाए रखने वाले सांपों को मार देते हैं जिसे प्रकृति और पर्यावरण दोनों को नुकसान होता है.

एक बार इन दोनों दोस्तों ने देखा कि कुछ लोग सांपों को मार रहे हैं तब से दोनों ने डिस्कवरी चैनल देख हिम्मत कर सांपों को पकड़ना शुरू किया और उन्हें पकड़कर सुरक्षित जंगलों में छोड़ देते थे अब धीरे-धीरे लोग भी जानने लगे हैं और यह भी अब जहरीले से जहरीले सांपों को पकड़कर जंगलों में छोड़ देते हैं.

इन दोनों को किसी भी प्रकार से सूचना मिलती है तो दोनों वहां पहुंचते हैं और रेस्क्यू कर सांप को पकड़ बोरे में रखकर सुरक्षित जंगल में छोड़ देते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें सांपों से काफी लगाव है. सांप पर्यावरण के सच्चे मित्र होते हैं. सांपों को पर्यावरण के लिए रहना महत्वपूर्ण है.

इन दोनों ने कई घरों में जाकर सांपों को रेस्क्यू किया है, कही से भी सूचना मिलने पर ये सांपों को रेस्क्यू कर लेते हैं. शुरुआती दिनों में ये डिस्कवरी चैनल देखते थे वही से इन्हें उत्सुकता हुई और देखते देखते ये कहीं भी सूचना मिलने पर पहुंच जाते हैं और रेस्क्यू करते हैं.

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दोनों ने बताया कि सांप कुंदरत का एक सुंदर उपहार है. जब इस सुंदर उपहार को कोई मार देता है तो दुख होता है. सांपों में 20 प्रतिशत ही जहरीले होते हैं, बाकी 80 प्रतिशत जहरीले नहीं होते हैं. सांपों को बचाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ये प्रकृति के भोजन चक्र का सबसे अहम हिस्सा हैं,

पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आमतौर पर इस इलाके में धामिन, करैत, अजगर पानी वाले सांप और कई सामान्य सांप होते हैं.

बारिश शुरू होते ही सर्पदंश के मामले सामने आने लगे हैं. वैसे भी इस क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में कोबरा, वायपर, करैत, धामन आदि सांप पाए जाते हैं. ये सभी जहरीले हैं.

ऐसे में दोनों दोस्तो की जोड़ी लोगों की जान बचाने में मददगार साबित होगी. दोनों ने कहा कि फिनाइल और मिट्टी के तेल के छिड़काव घर के कमरे और नाली में करना चाहिए. इसकी दुर्गंध से सांप कोसों दूर हो जाते हैं.

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