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रामगढ़ में गांधी स्मारक प्लस टू विद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन, शिक्षा मंत्री ने कहा- शिक्षा में कोरोना नहीं बनेगा बाधा - रामगढ़ में संगोष्ठी कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पहुंचे

रामगढ़ के गांधी स्मारक प्लस टू विद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें प्रदेश के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शिरकत की. संगोष्ठी कार्यक्रम में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराया जाए इसको लेकर कई टिप्स दिए गए. झारखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने को लेकर झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने एक मुहीम की शुरुआत की है.

Seminar organized at Gandhi Smarak Plus Two School in Ramgarh
संगोष्ठी कार्यक्रम
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Published : Jun 30, 2020, 8:15 PM IST

रामगढ़: झारखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने को लेकर झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने एक मुहीम शुरू की है. इसके तहत वह पूरे राज्य में प्रखंडवार शिक्षकों के साथ खुली परिचर्चा करेंगे और उनके दिए गए सुझावों पर अमल कर शिक्षा के स्तर को और बेहतर किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कोरोना काल में शिक्षा से संबंधित संगोष्ठी की शुरुआत चंद्रपुरा प्रखंड से की थी. 30 जून को रामगढ़ प्रखंड के गांधी स्मारक प्लस टू विद्यालय में भी संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों शिक्षकों ने हिस्सा लिया.

देखें पूरी खबर

कोरोना काल में शिक्षकों का बच्चों को शिक्षण कार्य से जोड़ने का उत्तरदायित्व बढ़ गया है. जिले के गांधी स्मारक प्लस टू विद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराया जाए इसको लेकर कई टिप्स दिए गए. शिक्षक गांव-गांव जाकर अभिभावकों से बच्चों की पढ़ाई की जानकारी लेकर बच्चों को कम से कम 2 घंटे मन लगाकर पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि आने वाले दिनों में रामगढ़ जिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी जिला बनकर उभर सके.

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि लोगों का ध्यान निजी विद्यालयों की ओर इसलिए चला गया है की, सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी नहीं हो रही है, लोगों के मन में बैठे इस भ्रम को तोड़ना होगा और जब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी होगी तो लोग निजी स्कूलों को मुंहतोड़ जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक निजी विद्यालयों के शिक्षक से ज्यादा जानकार और विद्वान होते हैं. उन्होंने कहा कि जिनका सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में नौकरी नहीं लगता है वही लोग निजी विद्यालयों में जाकर पढ़ाते हैं, आज लोग बच्चों को भले ही सरकारी विद्यालयों में न पढ़ाएं, लेकिन वो चाहते हैं कि बच्चों को सरकारी नौकरी मिले. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है. शिक्षकों के सुझाव पर मंत्री से कहा कि शिक्षकों को 95 फीसदी तक गैर शिक्षण कार्यों से मुक्त करने का प्रयास किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कितना भी कोरोना आ जाए शिक्षा के क्षेत्र में पीछे नहीं हटा जाएगा, बच्चों को डोर-टू-डोर शिक्षा दिया जाएगा, सरकार बच्चों को समय पर किताब बंटवाया गया है, जो 20 सालों से नहीं बंटा था.

इसे भी पढे़ं:- रामगढ़ः शिलान्यास समारोह में जमकर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, विधायक ने मानी गलती


रामगढ़ की विधायक ममता देवी भी इस संगोष्ठी में शिक्षा मंत्री के साथ पहुंची. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री इस विषम परिस्थिति में भी लोगों का पूरा ख्याल रख रहे हैं, बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसका पूरा ख्याल शिक्षा मंत्री रख रहे हैं और किसी भी तरह की कोई कठिनाई शिक्षकों को न हो इसके लिए भी घूम-घूम कर हर दिन शिक्षकों और बच्चों से बात किया जा रहा है, ताकि शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके.



गांधी स्मारक प्लस टू उच्च विद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन सोशल डिस्टेंस के तहत किया गया था, जिसमें बड़े पैमाने पर अव्यवस्था देखी गई. बतौर मुख्य अतिथि राज्य शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो तो थे, लेकिन रामगढ़ शिक्षा विभाग ने संगोष्ठी की जानकारी स्थानीय कांग्रेस विधायक ममता देवी को नहीं दिया था. कार्यक्रम में कड़ी धूप में शिक्षकों को खुले मैदान में घंटों बैठाया गया.

रामगढ़: झारखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने को लेकर झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने एक मुहीम शुरू की है. इसके तहत वह पूरे राज्य में प्रखंडवार शिक्षकों के साथ खुली परिचर्चा करेंगे और उनके दिए गए सुझावों पर अमल कर शिक्षा के स्तर को और बेहतर किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कोरोना काल में शिक्षा से संबंधित संगोष्ठी की शुरुआत चंद्रपुरा प्रखंड से की थी. 30 जून को रामगढ़ प्रखंड के गांधी स्मारक प्लस टू विद्यालय में भी संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों शिक्षकों ने हिस्सा लिया.

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कोरोना काल में शिक्षकों का बच्चों को शिक्षण कार्य से जोड़ने का उत्तरदायित्व बढ़ गया है. जिले के गांधी स्मारक प्लस टू विद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराया जाए इसको लेकर कई टिप्स दिए गए. शिक्षक गांव-गांव जाकर अभिभावकों से बच्चों की पढ़ाई की जानकारी लेकर बच्चों को कम से कम 2 घंटे मन लगाकर पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि आने वाले दिनों में रामगढ़ जिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी जिला बनकर उभर सके.

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि लोगों का ध्यान निजी विद्यालयों की ओर इसलिए चला गया है की, सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी नहीं हो रही है, लोगों के मन में बैठे इस भ्रम को तोड़ना होगा और जब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी होगी तो लोग निजी स्कूलों को मुंहतोड़ जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक निजी विद्यालयों के शिक्षक से ज्यादा जानकार और विद्वान होते हैं. उन्होंने कहा कि जिनका सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में नौकरी नहीं लगता है वही लोग निजी विद्यालयों में जाकर पढ़ाते हैं, आज लोग बच्चों को भले ही सरकारी विद्यालयों में न पढ़ाएं, लेकिन वो चाहते हैं कि बच्चों को सरकारी नौकरी मिले. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है. शिक्षकों के सुझाव पर मंत्री से कहा कि शिक्षकों को 95 फीसदी तक गैर शिक्षण कार्यों से मुक्त करने का प्रयास किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कितना भी कोरोना आ जाए शिक्षा के क्षेत्र में पीछे नहीं हटा जाएगा, बच्चों को डोर-टू-डोर शिक्षा दिया जाएगा, सरकार बच्चों को समय पर किताब बंटवाया गया है, जो 20 सालों से नहीं बंटा था.

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रामगढ़ की विधायक ममता देवी भी इस संगोष्ठी में शिक्षा मंत्री के साथ पहुंची. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री इस विषम परिस्थिति में भी लोगों का पूरा ख्याल रख रहे हैं, बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसका पूरा ख्याल शिक्षा मंत्री रख रहे हैं और किसी भी तरह की कोई कठिनाई शिक्षकों को न हो इसके लिए भी घूम-घूम कर हर दिन शिक्षकों और बच्चों से बात किया जा रहा है, ताकि शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके.



गांधी स्मारक प्लस टू उच्च विद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन सोशल डिस्टेंस के तहत किया गया था, जिसमें बड़े पैमाने पर अव्यवस्था देखी गई. बतौर मुख्य अतिथि राज्य शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो तो थे, लेकिन रामगढ़ शिक्षा विभाग ने संगोष्ठी की जानकारी स्थानीय कांग्रेस विधायक ममता देवी को नहीं दिया था. कार्यक्रम में कड़ी धूप में शिक्षकों को खुले मैदान में घंटों बैठाया गया.

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