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Villagers Protest in Ramgarh: 'मुक्ति दें या इच्छा मृत्यु दी जाए', भुरकुंडा रेलवे साइडिंग से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन - झारखंड न्यूज

रामगढ़ में भुरकुंडा रेलवे गुड्स साइडिंग के खिलाफ ग्रामीण लामबंद हो गये हैं. भुरकुंडा रेलवे साइडिंग से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीणों ने धरना दिया और साइडिंग बंद करने की मांग की.

Ramgarh villagers protest against pollution from Bhurkunda railway siding
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Published : Jun 22, 2023, 3:12 PM IST

Updated : Jun 22, 2023, 3:36 PM IST

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रामगढ़ः भुरकुंडा रेलवे गुड्स साइडिंग के कारण हो रहे प्रदूषण को लेकर आसपास के गांव वालों का जीवन दूभर हो चुका है. इससे परेशान होकर साइडिंग के आसपास रहने वाले लोगों ने इलाके को प्रदूषण मुक्त करने और रेलवे साइडिंग बंद कराने की मांग की. इसको लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने समाहरणालय के पास एक दिवसीय धरना दिया. उनकी मांग है कि या प्रदूषण से उन्हें मुक्ति दें या फिर इच्छा मृत्यु दी जाए.

इसे भी पढ़ें- प्रदूषण के खिलाफ ग्रामीणों की गोलबंदी, प्रदर्शन कर कहा- खराब हो रही हैं नस्लें

हाथों में तरह-तरह के स्लोगनः भुरकुंडा रेलवे साइडिंग को बंद करो, स्वच्छ वातावरण दो या इच्छा मृत्यु दो, मुझे जीने दो मैं हृदय रोगी हूं, स्टॉप पॉल्यूशन, जैसी तख्तियां लेकर पहुंचे महिला पुरुषों ने प्रबंधन के विरोध में जमकर नारेबाजी की. उन्होंने भुरकुंडा रेलवे साइडिंग के कारण हो रहे प्रदूषण का खुलकर विरोध किया. ग्रामीणों का कहना है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग नियमों को ताख पर रखकर बनायी गई है और कुंडा रेलवे साइडिंग में रखे कोयले के स्टॉक और लोडिंग अनलोडिंग के कारण भारी मात्रा में पूरे क्षेत्र में प्रदूषण फैलता है.

उनका कहना है कि पिछले 20 दिन से भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में कोयले की डंप की आग से वातावरण गर्म हो गया है, जिससे आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है. जिला प्रशासन, रेलवे प्रबंधन और सांसद विधायक के दबाव के बाद किसी तरह आग पर काबू पा लिया गया है लेकिन उन्हें प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिली है. इस कारण आज भी लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. इसलिए उनकी मांग है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग को बंद कर दिया जाए या तो फिर उन्हें बिना प्रदूषण वाली जगह पर बसा दिया जाए ताकि वह लोग प्रदूषण से दूर स्वच्छ वातावरण में रह सके.

ग्रामीणों का कहना है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग के कारण पूरे क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह प्रदूषित हो गया है कोयले के डंप कोयले में लगी आग और लोडिंग अनलोडिंग के समय भारी मात्रा में धूल के कण उनके घरों में पहुंच जाते हैं. वे प्रदूषण से मुक्ति चाहते हैं इसलिए रेलवे साइडिंग को बंद कराने की मांग कर रहे हैं. धरने पर बैठे एक युवक ने कहा कि वह हृदय रोगी है, डॉक्टर्स ने उन्हें स्वच्छ वातावरण में रहने की सलाह दी है लेकिन उनका घर स्टेशन के पास में है जहां भारी मात्रा में प्रदूषण है जिसके कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है. उनकी मांग है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त कर दिया जाए और यहां से साइडिंग को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए.

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रामगढ़ः भुरकुंडा रेलवे गुड्स साइडिंग के कारण हो रहे प्रदूषण को लेकर आसपास के गांव वालों का जीवन दूभर हो चुका है. इससे परेशान होकर साइडिंग के आसपास रहने वाले लोगों ने इलाके को प्रदूषण मुक्त करने और रेलवे साइडिंग बंद कराने की मांग की. इसको लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने समाहरणालय के पास एक दिवसीय धरना दिया. उनकी मांग है कि या प्रदूषण से उन्हें मुक्ति दें या फिर इच्छा मृत्यु दी जाए.

इसे भी पढ़ें- प्रदूषण के खिलाफ ग्रामीणों की गोलबंदी, प्रदर्शन कर कहा- खराब हो रही हैं नस्लें

हाथों में तरह-तरह के स्लोगनः भुरकुंडा रेलवे साइडिंग को बंद करो, स्वच्छ वातावरण दो या इच्छा मृत्यु दो, मुझे जीने दो मैं हृदय रोगी हूं, स्टॉप पॉल्यूशन, जैसी तख्तियां लेकर पहुंचे महिला पुरुषों ने प्रबंधन के विरोध में जमकर नारेबाजी की. उन्होंने भुरकुंडा रेलवे साइडिंग के कारण हो रहे प्रदूषण का खुलकर विरोध किया. ग्रामीणों का कहना है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग नियमों को ताख पर रखकर बनायी गई है और कुंडा रेलवे साइडिंग में रखे कोयले के स्टॉक और लोडिंग अनलोडिंग के कारण भारी मात्रा में पूरे क्षेत्र में प्रदूषण फैलता है.

उनका कहना है कि पिछले 20 दिन से भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में कोयले की डंप की आग से वातावरण गर्म हो गया है, जिससे आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है. जिला प्रशासन, रेलवे प्रबंधन और सांसद विधायक के दबाव के बाद किसी तरह आग पर काबू पा लिया गया है लेकिन उन्हें प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिली है. इस कारण आज भी लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. इसलिए उनकी मांग है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग को बंद कर दिया जाए या तो फिर उन्हें बिना प्रदूषण वाली जगह पर बसा दिया जाए ताकि वह लोग प्रदूषण से दूर स्वच्छ वातावरण में रह सके.

ग्रामीणों का कहना है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग के कारण पूरे क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह प्रदूषित हो गया है कोयले के डंप कोयले में लगी आग और लोडिंग अनलोडिंग के समय भारी मात्रा में धूल के कण उनके घरों में पहुंच जाते हैं. वे प्रदूषण से मुक्ति चाहते हैं इसलिए रेलवे साइडिंग को बंद कराने की मांग कर रहे हैं. धरने पर बैठे एक युवक ने कहा कि वह हृदय रोगी है, डॉक्टर्स ने उन्हें स्वच्छ वातावरण में रहने की सलाह दी है लेकिन उनका घर स्टेशन के पास में है जहां भारी मात्रा में प्रदूषण है जिसके कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है. उनकी मांग है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त कर दिया जाए और यहां से साइडिंग को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए.

Last Updated : Jun 22, 2023, 3:36 PM IST
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