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रामगढ़: सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, बायो वेस्ट कचरे को नदी किनारे फेंका, लोगों में संक्रमण का डर

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Published : May 31, 2020, 10:37 PM IST

रामगढ़ सदर अस्पताल के प्रबंधन ने कचरे को अस्पताल के बगल में ही आवासीय कॉलोनी के सामने नदी किनार फेंकवा दिया है, जिससे आस-पास रहने वाले लोगों में संक्रमण फैलने का भय है. कचरे में कई ऐसे चीज भी है. जिसे कुत्ते उठाकर जहां तहां छोड़ दे रहा है, जिससे बीमारी का खतरा लोगों में बना हुआ है.

Ramgarh Sadar Hospital management threw garbage in open spaces
नदी किनारे फेंका गया कचरा

रामगढ़: जहां पूरा देश कोरोना संक्रमण के काल में साफ-सफाई और स्वच्छता की ओर पूरा ध्यान दे रहा है. वहीं रामगढ़ सदर अस्पताल प्रबंधन ने नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कचरे को सदर अस्पताल के बगल में आवासीय कॉलोनी के सामने नदी किनारे फेंकवा दिया है, जिसके कारण कॉलोनी वासियों और आसपास में रह रहे लोगों के साथ-साथ पर्यावरण को भी खतरा है. गंदगी से आसपास के लोग काफी परेशान हैं.

देखें पूरी खबर

सदर अस्पताल उपाधीक्षक को पूरे अस्पताल की साफ-सफाई और मैनेजमेंट देखना होता है, लेकिन उनकी लापरवाही की वजह से सदर अस्पताल के बायो वेस्टेज कचरे को ट्रैक्टर में लोड करा कर आवासीय कॉलोनी के बगल में नदी के पास फेंक दिया जा रहा है, जिससे वहां रहने वाले लोग डरे हुए हैं. गंदगी के कारण उनका का जीना दूभर हो गया है. बदबू और गंदे कपड़े को जानवर चारों ओर फैला रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा इन आवासीय परिसर में बना रहता है. इसे देखने वाला भी कोई नहीं है.



जिला अस्पताल में बायो वेस्ट कचरा निस्तारण के लिए तीन रूम बनाया गया है. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन बायो वेस्ट को खुले में फेंका रहा है. हॉस्पिटल उपाधीक्षक विनोद कुमार की लापरवाही के कारण रामगढ़ सदर अस्पताल का बायो वेस्टेज इस कोरोना काल में भी खुले में फेंका जा रहा है, जिसे देखने की फुर्सत हॉस्पिटल उपाधीक्षक को नहीं है. इसे लेकर जब उनसे पूछा गया तो वो इस पूरे मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं, उनका स्पष्ट कहना है कि कचरा उठाने के लिए कहा गया था, लेकिन कहां फेंका गया है इसकी जानकारी हमें नहीं रखना है, हमको इससे कोई लेना-देना नहीं है.

इसे भी पढ़ें:- रामगढ़: अवैध बालू लदे 22 वाहन जब्त, खनन माफिया में मची खलबली

अस्पतालों में उपयोग की जाने वाली इंजेक्शन, दवाओं की शीशी और ऑपरेशन से निकले ब्लड, मांस, पट्टियां, सीरिंच, खाली बोतल, टिश्यू आदि मेडिकल कचरे का ढेर नदी किनरे फेंक दिया गया है, जिससे लोगों में भय का माहौल है. बायो वेस्ट के निस्तारण के निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन सदर अस्पताल प्रबंधन नहीं कर रहा है. इन कचड़ों में कई ऐसी सड़ी-गली चीजें भी होती हैं, जिसे खाने के लिए कुत्ते भी आ जाते हैं. इससे जानवरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.



बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के प्रावधानों के अनुसार बायो मेडिकल कचरे को खुले में डालने पर अस्पतालों के खिलाफ जुर्माना और सजा का प्रावधान है, लेकिन जिसे फाइन करना है या जिसे देखरेख करना है वही पूरे नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है.

रामगढ़: जहां पूरा देश कोरोना संक्रमण के काल में साफ-सफाई और स्वच्छता की ओर पूरा ध्यान दे रहा है. वहीं रामगढ़ सदर अस्पताल प्रबंधन ने नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कचरे को सदर अस्पताल के बगल में आवासीय कॉलोनी के सामने नदी किनारे फेंकवा दिया है, जिसके कारण कॉलोनी वासियों और आसपास में रह रहे लोगों के साथ-साथ पर्यावरण को भी खतरा है. गंदगी से आसपास के लोग काफी परेशान हैं.

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सदर अस्पताल उपाधीक्षक को पूरे अस्पताल की साफ-सफाई और मैनेजमेंट देखना होता है, लेकिन उनकी लापरवाही की वजह से सदर अस्पताल के बायो वेस्टेज कचरे को ट्रैक्टर में लोड करा कर आवासीय कॉलोनी के बगल में नदी के पास फेंक दिया जा रहा है, जिससे वहां रहने वाले लोग डरे हुए हैं. गंदगी के कारण उनका का जीना दूभर हो गया है. बदबू और गंदे कपड़े को जानवर चारों ओर फैला रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा इन आवासीय परिसर में बना रहता है. इसे देखने वाला भी कोई नहीं है.



जिला अस्पताल में बायो वेस्ट कचरा निस्तारण के लिए तीन रूम बनाया गया है. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन बायो वेस्ट को खुले में फेंका रहा है. हॉस्पिटल उपाधीक्षक विनोद कुमार की लापरवाही के कारण रामगढ़ सदर अस्पताल का बायो वेस्टेज इस कोरोना काल में भी खुले में फेंका जा रहा है, जिसे देखने की फुर्सत हॉस्पिटल उपाधीक्षक को नहीं है. इसे लेकर जब उनसे पूछा गया तो वो इस पूरे मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं, उनका स्पष्ट कहना है कि कचरा उठाने के लिए कहा गया था, लेकिन कहां फेंका गया है इसकी जानकारी हमें नहीं रखना है, हमको इससे कोई लेना-देना नहीं है.

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अस्पतालों में उपयोग की जाने वाली इंजेक्शन, दवाओं की शीशी और ऑपरेशन से निकले ब्लड, मांस, पट्टियां, सीरिंच, खाली बोतल, टिश्यू आदि मेडिकल कचरे का ढेर नदी किनरे फेंक दिया गया है, जिससे लोगों में भय का माहौल है. बायो वेस्ट के निस्तारण के निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन सदर अस्पताल प्रबंधन नहीं कर रहा है. इन कचड़ों में कई ऐसी सड़ी-गली चीजें भी होती हैं, जिसे खाने के लिए कुत्ते भी आ जाते हैं. इससे जानवरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.



बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के प्रावधानों के अनुसार बायो मेडिकल कचरे को खुले में डालने पर अस्पतालों के खिलाफ जुर्माना और सजा का प्रावधान है, लेकिन जिसे फाइन करना है या जिसे देखरेख करना है वही पूरे नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है.

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