रामगढ़ः सेवा बर्खास्तगी को लेकर नगर परिषद कर्मचारियों ने आत्मदाह की बात कही है. जिला नगर परिषद क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन शहरी के क्रियान्वयन निकाय स्तर पर प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन यूनिट के कार्यक्रम के तहत इन कर्मचारियों को शहरी क्षेत्र में शौचालय का निर्माण और उसकी सफाई के लिए रखा गया था. यह पिछले कई वर्षों से काम कर रहे थे.
पदस्थापना 5 महीने पहले हुई
इन लोगों ने कहा कि नगर परिषद में वे लोग स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन यूनिट में शामिल किए गए थे. वर्तमान में कार्यपालक अभियंता सुरेश यादव ने सभी को काम करने से मना कर दिया है. कर्मचारियों ने यह भी कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी की पदस्थापना 5 महीने पहले हुई है. इनकी मौजूदगी में भी वे लोग काम कर रहे थे. इसके बावजूद अब उन्हें नहीं रखना चाहते हैं. इन कर्मचारियों ने कहा कि अगर उन्हें दोबारा सेवा पर नहीं रखा गया तो वे अपने पूरे परिवार के साथ आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे.
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कागजात की मांग
सेवा बर्खास्तगी मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव ने 2 वर्ष पुराना लेटर का हवाला दिया है. उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि उन्होंने किसी कर्मचारी को नहीं निकाला है. उन लोगों को शौचालय की सफाई और निर्माण के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत रखा गया था. यदि उन्हें रखा गया था तो उनके पास कोई नियुक्ति पत्र है तो वे कार्यालय में जरूर दें. ताकि यह पता चल सके कि उनकी नियुक्ति किस आधार पर की गई. लेकिन अब तक कोई भी 12 कर्मियों से किसी के भी ओर से किसी भी तरह की कोई नियुक्ति पत्र नहीं दिखाई गई है और ना ही जमा की गई है.
क्या है आदेश में
3 मई 2018 को नगर विकास और आवास विभाग राज्य शहरी विकास अभिकरण के उपनिदेशक चंदन कुमार की ओर से यह आदेश दिया गया था, कि स्वच्छ भारत मिशन के कार्यान्वयन हेतु निकाय स्तर पर प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन यूनिट में कर्मियों की सेवा मार्च 2018 तक निर्धारित की गई थी. इस कार्यक्रम में उक्त अवधि के उपरांत निकायों की ओर से अपनी आवश्यकतानुसार प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन यूनिट कर्मियों की सेवा लेते हुए संबंधी मानदेय का भुगतान अपने आंतरिक स्रोत से किया जाएगा.