रामगढ़: शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. करोड़ों खर्च हो रहे हैं. लेकिन जब जमीनी हकीकत सामने आती है. तो उसे देखकर दिल सहम जाता है. कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है रामगढ़ के गंडके के सरकारी स्कूल से. जहां बच्चों को मिडडे मील मिलता तो है, लेकिन उसे खाने के लिए जो मेहनत उन्हें करनी पड़ती है, उससे उनकी जान ही खतरे में रहती है.
तालाब में धोते हैं थाली
मामला रामगढ़ प्रखंड के गड़के स्कूल का है. जहां सरकारी स्कूल के बच्चे मिडडे मील खाने से पहले और मिडडे मील खाने के बाद अपनी थाली को गंदे तालाब में जानवरों के साथ धोने के लिए मजबूर हैं. यह उनकी मजबूरी इसलिए है क्योकि स्कूल में पानी की कोई सुविधा नहीं है.
स्कूल में नहीं है पानी की व्यवस्था
जिस तालाब के पानी का इस्तेमाल बच्चे करते हैं, वो निहायत ही गंदा है. इतना ही नहीं उसका इस्तेमाल इंसान ही नहीं जानवर भी करते हैं. पानी इतना गंदा है कि इसका रंग काला और बदबूदार हो गया है. जब इस पूरे मामले में बच्चों से पूछा गया, तो उनका कहना था स्कूल में पानी नहीं है जिसके कारण वे इस गंदे गंदे पानी में रोजाना मिड-डे-मील खाने के बाद और खाने से पहले थाली धोने आते हैं.
अधिकारियों ने दिया अटपटा सा जवाब
प्रिंसिपल से पूछा गया तो उनका कहना था कि तालाब के बाद फिर चापाकल में जाकर थाली धोकर ही मिडडे मील खाते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई दुर्घटना या कोई हादसा होता है तो उसके जिम्मेदार वो होंगे. वहीं पूरे मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि तालाब में थाली धोना कोई गलत बात नहीं है.