रामगढ़ः जिले के लपंगा स्थित डाकघर में डाककर्मी ही नहीं बल्कि डाकघर में आनेवाले लोग भी अपनी जान जोखिम में डाल कर आते हैं. दरअसल, खंडहर नुमा डाकघर के विषय में न ही कोई वरीय अधिकारी और न ही सीसीएल के अधिकारी इसे ठीक करवाने की पहल कर रहे हैं. खंडहर नुमा डाकघर आनेवाले दिनों में बड़े हादसे का संकेत दे रहा है.
डाकघर की हालात बदतर
रामगढ़ जिले कि लपंगा स्थित डाकघर सीसीएल के एक भवन में चल रहा है, लेकिन इस भवन को बाहर से ही देखने में खंडहर नुमा लगता है. सभी खिड़कियां दरवाजे टूटे हुए हैं. जैसे-तैसे डाककर्मी काम करते हैं. बिजली की सभी वायरिंग बाहर आ गई है. यही नहीं इन दिनों में बारिश की वजह से छत से पानी गिरने लगा है, जिससे सभी तरह के कागजात भीग जाते हैं. इन समस्याओं से कर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. डाककर्मी किसी तरह अपने खर्च पर तिरपाल/प्लास्टिक लगाकर पानी से बचाने का उपाय करते हैं. वहीं, डाकघर की इस हालत को देखने वाला कोई नहीं है.
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कोयलांचल सीसीएल लपंगा का इकलौता डाकघर
आम लोगों की माने तो यहां आने में डर लगता है, लेकिन कोयलांचल सीसीएल लपंगा का इकलौता डाकघर है. यहां से दूसरे डाकघर की दूरी करीब 6 से 7 किलोमीटर है, जिसके कारण इस इलाके के सभी लोग इसी डाकघर पर निर्भर रहते हैं. सीसीएल को चाहिए कि इस डाकघर को किसी अन्य कमरे में शिफ्ट करवाएं, ताकि आनेवाले लोगों और डाक कर्मियों की जिंदगी सलामत रहे.
जान हथेली पर रखकर कर रहे काम
वहीं, डाककर्मियों का कहना है कि हम लोग विभाग को पत्र देते-देते थक गए हैं और अब जान हथेली पर रखकर काम कर रहे हैं. डाकघर में आए लोग उल्टा सीधा बोलते हैं, क्योंकि जब उनका पत्र या फिर जो सामान आता है वह भीग जाता है, जिसके कारण लोग हमलोगों को बुरा भला कहने लगते हैं. हम लोग भी थक गए हैं.