रामगढ़: जिले में शुक्रवार को गांधी जयंती मनाया गया. इस दौरान पतरातू गांधी नगर पीटीपीएस में मार्शल आर्ट के महागुरु प्रमोद पाठक को उनकी उपलब्धियों को देखते हुए बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने शॉल देकर सम्मानित किया. पतरातू निवासी मार्शल आर्ट के महागुरु प्रमोद को जूनियर टाइगर ली की उपाधि मिली है.
गांधी जयंती के मौके पर विधायक अंबा प्रसाद ने प्रमोद को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस दौरान विधायक अंबा ने कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं बल्कि राज्य और देश का सम्मान है. उन्होंने कहा कि वे उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं. शिफू टाइगर एसएनटीली ने प्रमोद पाठक को मोमेंटो और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित करते हुए कहा कि 'मैं अपने शिष्य प्रमोद पाठक को जूनियर टाइगर ली की उपाधि से सम्मानित करता हूं. इसके साथ ही मैं इन्हें अपना प्रतिनिधि नियुक्त करता हूं. ये मार्शल आर्ट के महागुरु हैं, विश्व रिकॉर्डधारी हैं. ये मेरे अधूरे सपने को पूरा करेंगे और देश तथा समाज की उन्नति में अपना योगदान प्रदान करेंगे.'
वहीं, प्रमोद पाठक ने कहा कि यह सम्मान मैं पूरे पतरातूवासियों को समर्पित करता हूं. उनका अपनापन प्यार और आशीर्वाद से मैंने यह सम्मान पाया. मैं अपने सम्मान का श्रेय अपने माता-पिता और गुरु को देना चाहूंगा.
प्रमोद पाठक को मिली ये उपाधी
प्रमोद पाठक को शिफू टाइगर एसएनटीली नेशनल प्रेसीडेंट वर्ल्ड रिकॉर्ड्स क्रियेटर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2002 से 2010, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड 1994, नेशनल अवार्ड विनर इन 1994 और डायरेक्टर कोडिनेटर 'शाबाश इंडिया' जी नेटवर्क 'वाह इंडिया' स्टार न्यूज की ओर से प्रदान किया गया.
प्रमोद लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 25 सेकेंडस में 23 हॉकी स्टिक अपने शरीर के नाजुक अंगों पर तोड़वाने का रिकॉर्ड अपने नाम करवा चुके हैं. विपरीत दिशा में जा रही दो 407 ट्रक को रस्सी के सहारे अपने बाजुओं के सहारे रोकने का भी रिकॉर्ड बना चुके हैं. जी टीवी के 'शाबाश इंडिया' कार्यक्रम में 25 सेकेंड्स में 23 हॉकी स्टिक ब्रेक का कार्यक्रम प्रसारित हो चुका है.
थाईलैंड से ब्लैक बेल्ट तृतीय डॉन एवं वर्ड मार्शल आर्ट फेडरेशन की ओर से ब्लैक बेल्ट पांचवी डॉन की उपाधि भी प्राप्त है. नेशनल कराटे चैंपियनशिप के कई पदक जीत चुके हैं. स्टार प्लस की ओर से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है. राज्य के कई पूर्व मुख्य मंत्री इन्हें इनकी मार्शल आर्ट की उपलब्धियों और योगदान के लिए सम्मानित कर चुके हैं, जिसमें शिबू सोरेन, मधु कोड़ा और रघुवर दास शामिल हैं.