रामगढ़ः जिला के कंडेर पंचायत को जोड़ने वाली सड़क की हालत बदतर हो गई (bad shape of roads in Ramgarh) है. इसे दुरुस्त करवाने को लेकर ना ही जिला के अधिकारियों और ना ही जनप्रतिनिधि रुचि दिखा रहे हैं. जिसके कारण यहां रहने वाले ग्रामीण काफी परेशान हैं और सड़क को दुरुस्त करवाने की मांग भी कर रहे हैं.
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15 नवंबर को झारखंड राज्य स्थापना दिवस मनाई गयी, विकास की नई-नई योजनाएं शुरू की गयी. लेकिन ईटीवी भारत आपको एक ऐसी सड़क की बारे में बता रहा है, जहां सड़क तो नजर नहीं आएगी लेकिन बड़े-बड़े पत्थर और गड्ढे नजर आ जाएंगे. बरसात के दिनों में तो इस सड़क पर चलना दूभर हो जाता है. यह है रामगढ़ शहर से सटे कंडेर पंचायत के गांव की सड़क (Kander Panchayat village road in bad shape), जहां ग्रामीण आज भी आवागमन की परेशानी झेल रहे हैं. कंडेर पंचायत के सिउर, कंडेर, कच्चुदाग और सिधवार तक सभी पहुंच मार्ग का हाल बदहाल है. जिससे इस इलाके के लोग काफी परेशान (villagers upset due to dilapidated road in Ramgarh) हैं.
रामगढ़ में जर्जर सड़क को लेकर ग्रामीण परेशान हैं. इसको लेकर ग्रामीण बताते हैं कि दुर्घटना और इमरजेंसी के समय हालात और भी मुश्किल हो जाती है. वाहन चालक सड़क बेहद खराब होने के कारण दो गुना भाड़ा मांगते हैं. जर्जर रास्ता होने के कारण पैदल और साईकिल सवारों को गांव पहुंचने में एक घंटे का समय लग जाता है. जबकि बाइक और वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कंडेर पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कि सांसद, विधायक से लेकर संबंधित विभाग और पतरातू बीडीओ से भी जर्जर सड़क को बनाने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन तक कहीं से ठोस पहल नहीं हो सकी है.
यहां बता दें कि बरकाकाना सिधवार तक स्टेशन रेल लाइन तक बिछ गई है, स्टेशन भी चालू हालत में है. इसी पंचायत से होकर रांची-कोडरमा नई रेल लाइन गुजर रही है, यहां से जल्द ही ट्रेनों का परिचालन भी शुरू हो जाएगा. ऐसे में जर्जर सड़क विकास के दावों की पोल खोल रही है. झारखंड की राजधानी रांची के करीब और रामगढ़ शहर के 4 किलोमीटर दूर पंचायत का यह हाल है बरकाकाना या रामगढ़ से सिधवार तक स्टेशन तक पहुंचने के लिए सड़क आज तक नहीं बनी है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. कंडेर पंचायत को रामगढ़ पतरातू मार्ग से जोड़ने वाली सड़क के किनारे चाइना कब्रिस्तान अवस्थित है जहां ताइवान और चाइना के लोग समय-समय पर आकर यहां कब्र पर सैनिकों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. इसी रास्ते पर 10 हजार मिट्रीक टन क्षमता का एफसीआई गोदाम भी है, जहां से ट्रक और दूसरे वाहन लगातार इस जर्जर रास्ते से आवागमन करते हैं. इसमें यह आम रास्ता आर्मी के द्वारा अधिग्रहित जमीन के बीचो बीच होकर जाता है, जो मुख्य सड़क को जोड़ता है.