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रामगढ़ के सब्जी मार्केट में उड़ाई जा रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, किसानों से की जा रही अवैध वसूली

रामगढ़ जिले में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर छावनी परिषद के अधिकारी और कर्मचारी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण फुटबॉल मैदान के सब्जी मार्कट में दुकान लगाने वाले गरीब किसानों को अपनी जान की बाजी लगाकर सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

Illegal recovery vegetable market in Ramgarh
सोशल डिस्टेंसिंग
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Published : Apr 2, 2020, 5:10 PM IST

रामगढ़: झारखंड की राजधानी रांची में मलेशियाई युवती के कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद पूरे राज्य में खौफ का माहौल है. झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित राज्य के आला अधिकारी और रामगढ़ जिला पुलिस प्रशासन भी लोगों से लॉकडाउन का पालन करने का बार-बार अपील कर रहे हैं, लेकिन रामगढ़ के फुटबॉल मैदान में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

देखिए पूरी खबर

जहां एक और जिला पुलिस प्रशासन रामगढ़ जिले में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर छावनी परिषद के अधिकारी और कर्मचारी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण फुटबॉल मैदान के सब्जी मार्कट में दुकान लगाने वाले गरीब किसानों को अपनी जान की बाजी लगाकर सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

जिला प्रसाशन के द्वारा छावनी फुटबॉल मैदान में सब्जी मार्केट लगाने के फैसले के पीछे उद्देश्य ही था कि लोगों के बीच और सब्जी बेचने वाले किसानों के बीच सोशल डिस्टेंस बनाया जा सके, लेकिन जिला पुलिस प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी छावनी परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों की घोर लापरवाही के कारण सब्जी मार्केट में सोशल डिस्टेंसिंग मजाक बनकर रह गया है.

ये भी पढ़ें: गोड्डा की छोटी सी बिटिया ने अनूठे अंदाज में दिया कोरोना से बचाव का संदेश, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सराहा

दूसरी और सब्जी बेचने के लिए आने वाले गरीब महिला-पुरुष किसानों से अपने आप को छावनी परिषद के ठेकेदार कहने वाले लोगों के द्वारा मासुल शुल्क के नाम पर 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक अवैध वसूली भी की जा रही है. विरोध करने पर किसानों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है. विरोध करने पर किसानों को दुकान नहीं लगाने देने का धमकी भी दी जाती है. इसकी शिकायत करने के बाद भी छावनी परिषद के अधिकारी सब्जी मार्केट में किसानों से अवैध वसूली करने वाले लोगों के ऊपर कोई कार्यवाही अब तक नहीं की है.

वहीं, जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने पुलिस के जवान से बात की तो उन्होंने कहा कि यहां किसानों के बैठने के लिए पैसे लिए जाते हैं. नहीं देने पर किसानों के साथ मारपीट भी की जाती है. उन्होंने कहा कि हमें पहले लगा नगर निगम का वसूली है, लेकिन बाद में पता चला कि ये अवैध वसूली कर रहे हैं

रामगढ़: झारखंड की राजधानी रांची में मलेशियाई युवती के कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद पूरे राज्य में खौफ का माहौल है. झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित राज्य के आला अधिकारी और रामगढ़ जिला पुलिस प्रशासन भी लोगों से लॉकडाउन का पालन करने का बार-बार अपील कर रहे हैं, लेकिन रामगढ़ के फुटबॉल मैदान में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

देखिए पूरी खबर

जहां एक और जिला पुलिस प्रशासन रामगढ़ जिले में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर छावनी परिषद के अधिकारी और कर्मचारी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण फुटबॉल मैदान के सब्जी मार्कट में दुकान लगाने वाले गरीब किसानों को अपनी जान की बाजी लगाकर सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

जिला प्रसाशन के द्वारा छावनी फुटबॉल मैदान में सब्जी मार्केट लगाने के फैसले के पीछे उद्देश्य ही था कि लोगों के बीच और सब्जी बेचने वाले किसानों के बीच सोशल डिस्टेंस बनाया जा सके, लेकिन जिला पुलिस प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी छावनी परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों की घोर लापरवाही के कारण सब्जी मार्केट में सोशल डिस्टेंसिंग मजाक बनकर रह गया है.

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दूसरी और सब्जी बेचने के लिए आने वाले गरीब महिला-पुरुष किसानों से अपने आप को छावनी परिषद के ठेकेदार कहने वाले लोगों के द्वारा मासुल शुल्क के नाम पर 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक अवैध वसूली भी की जा रही है. विरोध करने पर किसानों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है. विरोध करने पर किसानों को दुकान नहीं लगाने देने का धमकी भी दी जाती है. इसकी शिकायत करने के बाद भी छावनी परिषद के अधिकारी सब्जी मार्केट में किसानों से अवैध वसूली करने वाले लोगों के ऊपर कोई कार्यवाही अब तक नहीं की है.

वहीं, जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने पुलिस के जवान से बात की तो उन्होंने कहा कि यहां किसानों के बैठने के लिए पैसे लिए जाते हैं. नहीं देने पर किसानों के साथ मारपीट भी की जाती है. उन्होंने कहा कि हमें पहले लगा नगर निगम का वसूली है, लेकिन बाद में पता चला कि ये अवैध वसूली कर रहे हैं

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